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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, October 7, 2012

दरोड्या तै ब्वालो बल शराबै भट्टी उजाड़


व्यंग्य साहित्य गढ़वाली भाषा में
चबोड़ इ चबोड़ मा , हौंस इ हौंस मा

                         दरोड्या तै ब्वालो बल शराबै भट्टी उजाड़
 
                                          चबोड्या: भीष्म कुकरेती
[व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तराखंडी व्यंग्य साहित्य; मध्य हिमालयी व्यंग्य साहित्य; हिमालयी व्यंग्य साहित्य; उत्तर भारतीय व्यंग्य साहित्य; भारतीय व्यंग्य साहित्य; एशियाई व्यंग्य साहित्य; जसपुर वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; ढांगू वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; प्रवासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; गढ़वाली प्रवासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य; प्रवासी उत्तराखंडी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी मध्य हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी हिमालयी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;प्रवासी उत्तर भारतीय द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;मुंबई वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य;महाराष्ट्र वासी द्वारा गढ़वाली व्यंग्य साहित्य ;राजनैतिक गढ़वाली व्यंग्य, सामाजिक गढ़वाली व्यंग्य , धर्म विषयी गढ़वाली व्यंग्य ; शिक्षा संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; खेल संम्बधी गढ़वाली व्यंग्य ; आर्थिक नीति संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; भाषा संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; सांस्कृतिक गढ़वाली व्यंग्य ; रोजगार संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; वैचारिक स्तर के गढ़वाली व्यंग्य ; पारिवारिक सम्बन्धो संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; स्त्री उत्पीडन के गढ़वाली व्यंग्य ; बाल उत्पीडन के गढ़वाली व्यंग्य ; कृषि संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; पलायन संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; युवाओं की समस्या संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ;ग्राम विषयक गढ़वाली व्यंग्य; शहर संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; महानगर संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; सिंचाई संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; घोटालो संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; वन घोटालो संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; जंगल माफिया राज संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; पोलिस संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; विदेसी धौंस संबंधी गढ़वाली व्यंग्य ; शराब संबंधी गढ़वाली व्यंग्य , सार्वजनिक निर्माण संबंधी गढ़वाली व्यंग्य , क्षेत्रीय राजनैतिक दल संबंधी गढ़वाली व्यंग्य, लेखमाला ]

                 अच्काल देसौ कुण्या कुण्या मा एक घंघतोळ खड़ी हुईं च. केजरीवाल जी बुल्दन बल राजनीति इ भ्रष्टहीन भारत लालो त अन्ना जी बुल्दन बल भ्रष्टहीन भारत क वास्ता सामाजिक दबाब जादा सटीक च अर राजनैतिक दल ये काम नि करी सकदन . द्वि बातुं मा दम च.
            जख तलक अन्ना जीक सवाल च ऊंक सुचण च बल जब राजनीति मा भ्रष्ट नेता जम्याँ छन त कनक्वैक भ्रष्टहीन व्यवस्था ऐ सकदी . मेर समज मा अन्ना जीक बात मा जादा दम च .
 
                   अब द्याखो ना भाजापा ज्वा पार्टी भ्रष्टाचार का विरोध मा इथगा घ्याळ लगाणि च जब क्वी यूँ तै पुछदु बल यदुरप्पा अर शिबू सरीन क बारा मा क्या खयाल च या संचेती क बारा मा कुछ त बताओ त यि भाजापा वळ फट से टुटगाँ से जान्दन. भाजाप वळ क्या भ्रष्टहीन भारत बणाल ? अब बथाओ बल स्याळ खुण बुले जाव कि तू घास पात खा त क्या स्याळ अछेकी शाकाहारी ह्व़े जालु.
 
                   मि तै त विश्वास नि होंद, ज्यू त नि माणदो पण लोग बुलणा इ रौंदन कि आन्ध्र प्रदेश का खान मालिक रेडी भयात अर .सुषमा स्वराज जीमा कुछ ना कुछ संबंध त छें इ च . अब जब रिक शहद क छत्ता /पेथण क समणि बैठ्यु ह्वाओ अर वैकुणि बुले जाव कि तू शैत/शहद नि खा बस पेथण कि जग्वाळ करद जा , त इन मा क्या रिक बगैर शहद खैक रालो ? ध्यान से दिखणै बात च हाँ ! कि सुषमा स्वराज जन नेता भ्रष्ट हीन भारत बणाणो पौ ख्वादल.
 
                  अब द्याखो ना म्यार त दिल नि बुल्दो पण पता नि किलै लोग बाग़ बुलणा रौंदन बल भाजापा न . रमेश निशंक कि जगा खंडूड़ी जी तै इलै बैठाळ बल निशंक जी पर शक छौ कि निशंक जी भ्रष्ट छन (ज्यू त नि माणदो) . अब इन मा माछो कुणि क्वी ब्वालल बल तालाब कु पाणी सुखाओ त क्या माछ बेवकूफ छन जु तालाब कु पाणी सुखाला ? गहन विचार करणै बात च हां! कि डा. निशंक भ्रष्ट हीन भारत बणाणो ईंट लाला .
 
                अब द्याखो ना बिचारी जयललिता मैडम कथगा परेशान च . ईं पर बि न्यायलय मा भष्टाचार क वजै से मुकदमा चलणा छन. अब इन मा वा बिचारी भ्रष्टाचार मिटाण मा सहयोग द्यालि कि अफु पर भ्रष्टाचार का दाग मिटाणो करतब दिखाली ? अब तुमि ब्वालदि ! बल जब कैपर गू लपड्यू ह्वाऊ अर वैकुणि ब्वालो बल जरा गुदनड़ो गू साफ़ कौर त क्या वु पैल अपण बदन पर लग्युं गू साफ़ कौरल कि दीन दुनिया क गू साफ़ कॉरल? सुचणै बात च हां! कि जयललिता मैडम भ्रष्टहीन भारत का वास्ता गारू माटू लालि .
 
          अब द्याखो ना बिचारा समाजवाद कु बड़ा पैरवीकार मुलायम सिंग जी तै बि फोकट मा इनकम टैक्स का झमेलों मा फंसायो गे. समाजवादी त इनकम से दूर रौंदन. अब इन मा मुलायम सिंग जी इनकम टैक्स औफ़िस का चक्कर काटल कि लोक पाल बिल पास कराणो बान कोंगेस तै पटाल ? जब कैक बिस्कुण बरखा मा भिजणु ह्वाओ त क्या ओ दुसरो गोर बौड़ाणो जालो कि पैल अपण बिस्कुण बचालो. इन मा मनन करणै बात च हाँ ! बल भ्रष्ट हीन भारत बणाणो बान मुलायम सिंग जी अपण मिळवाक द्याला.
 
                    बिचारा जगन रेडी जब तलक कौंग्रेस मा छ्या त कुज्याण इ इन्फोर्समेंट या हौरी बि सरकारी एजेंसी सैत च सिंगापुर या अमेरिकी दौरा पर जयां छा. अर जनि जगन रेडी कौंग्रेस से अलग ह्वाई यूँ सबि सरकारी महकमा क कारिंदों तै याद आई बल अरे जगन रेडी त भ्रष्ट तरीको से ब्यापार करणु च . अब एक बात बथावदी बल क्वी अफीमच्युं बान अफीम कि खेती कारल त वै तै अफीमच्युं से प्यार ह्वाल कि ना ? इन मा बिंगणै बात च बिचारा जगन रेडी क्या भ्रष्ट हीन भारत बणाणो बान बौळि या पटला सारी सकदन ?
 
           अब क्या बुलण तुम मा ! सयांदु इ नी च , दिख्यांदु इ नी च . अपण शरद पंवार की त भतीजा अजीत पंवार नाम गंदो इ करी दे. अब क्वी दुघर्या या तिघर्या हम तै सती सावत्री या सीता क बारा मा उपदेस दयाली त क्या हम सुणला ? सुचणै बात इ नी च बल भ्रष्ट हीन भारत बणाणो बान शरद पंवार जी क्वी एक ढुंग बि सारी सौकन धौं !
 
            अब करूणा निधि जी जब ए.राजा, अपण बेटी या मारन जन नेताओं क स्वागतो बान स्वागत द्वार खड़ कराल त यूँ से क्या उम्मेद लगाण की यि भ्रष्ट हीन भारत बणाणो बान क्वी छजा पथर लाला !
 
               अब जब लालू यादव जी क भैस से या उम्मीद त ह्व़े नि सकदी की घास छोड़िक खाली पाणी पेकि दिन गुजारन ! न्यूक्लियर बम से शान्ति की आशा करण त बेमानी इ च. आग से हील करणै आस इ बेमानी च.
 
                  अब बिचारा कोंग्रेस, अकाली दल या हौर राजनैतिक दल भ्रष्ट हीन भारत बणाणो बान क्या जि कौरन ! यूँ राजनैतिक दलों हाल देखिक त यि बुले सक्यांद बल दरोड्या तै ब्वालो बल शराबै भट्टी उजाड़ .

Copyright@ Bhishma Kukreti 2/10/2012
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