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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Thursday, October 11, 2012

मनमोहन जी ! फिर से मान गए आपको


व्यंग्य साहित्य गढ़वाली में
चबोड़ इ चबोड़ मा, हौंस इ हौंस मा
                        वाह! मनमोहन जी ! फिर से मान गए आपको !
                                           चबोड्या: भीष्म कुकरेती

मानि गेवां मनमोहन जी आप तै . आप त राजनीति माँ चाण्यक्य क बुबा ना पड़ ददा छंवां . ब्याळि आपन एक बयान दे बल भ्रष्टाचार कि जादा अर नकारात्मक छ्वीं लगैक भारत की छवि खराब हूणी च अर अधिकार्युं मनोबल कमजोर हूणु च . वाह मनमोहन जी ! अपण कुकर्मों, अपण दुष्कर्मों , अपण नालायकी , अपण , नाकामयाबी , अपण असफलता , अपणी गल्ति से उज्यळ मा नि दिखणो बीमारी ;अपण बदइन्तजामी , अपण कुप्रबंधन , अपण प्रबंधन माँ कुसओरी पन , अपण कुर्सी बचाणो टुट ब्याग की गल्ति क भगार /लांछना दुसर पर लगाण सिखण ह्वाओ त सरा दुनिया का राजकरणि वळा आप से इ सीखी सकदन कि ये खेलम कनै माहरत हासिल करण . अपण गलति क ठीकरा आपन कै हौरूक मुंड मा फोडी दे माराज !

ओ त आप भारत की छवि क बारा माँ फिकरमंद छंवां ? इ जी क्या ह्वे ग्याई आप तै ? आप त आठ साल से भारत का प्रधान मंत्री छान फिर भारत की छवि बणाणो काम आपक छौ की सिविल सोसायटी कु?

अछा जी आज आप तै भारत की छवि की फिकर ह्वे गे अर ये माराज ! आप कख जयां छ्या जब आपक नाकौ तौळ कॉमन वेल्थ गेम माँ दिल्ली प्रशासन , खेल प्रशासन , कॉमन वेल्थ गेम प्रशासन , भ्रष्टाचारो खेल खिलणा छ्या , जब यी लोग किकबैक की चौपड़ मा घूसखोरी क कौड़ी खिलणा छया . ये माराज ! तब आप किलै सिंयाँ छया जब आपका इ पार्टिक कलमाड़ी जी भ्रष्टाचारौ पुंगड्यु माँ घिलमुंडी खिलणा छया ? तब किलै आप तै भारतीय छवि क याद नि आयि ? जब कॉमन वेल्थ गेम भ्रष्टाचार की पोल खुल त हे महामहिम ! क्या हम भारतीयों तै बुरु नि लगु ह्वालु ? अर अब जब आप तै दिलयाणि च त आप छवि की सुचणा छंवां . आप त भारत का एक महा विद्वानों मादे एक छंवां त क्या आप तै सिखाण पोडल , अड़ाण पोड़ल, फिर से प्रशिक्षण दीण पोड़ल बल दवाई से बढिया रोकथाम होंद , प्रिवेंसन इज बेटर देन क्युअर ? आपण भारत कु सी .इ ओ ह्वेक कुप्रशासन कु गुनाह कार अर अब अपण गुनाह दुसर पर लगाणा छवां बल भ्रष्टाचार की छ्वीं जादा नि हूँण चएंद . भ्रष्टाचार की छ्वीं को जुमेवार भारत कु प्रधानमंत्री च या कवी हौर ? वाह मनमोहन जी ! कौमन वेल्थ गेम माँ घूस खैक डंकार ल्यावान तुमारा पार्टी का लोग , तुमारो प्रशासन अर आप बेशर्मी से सिविल सोसाइटी वाळु तै हिदैत दीणा छ्न्वां कि डंकार किअवाज अर गंध का बारा मा चुप राव बल यां से भारत की छवि म रंगुड़ पोड़नु च . जु तुम तै भारत की छवि की इ पोड़ी छे त तुमन त कलमाड़ी तै पार्टी से भैर करण छौ पण तुम लोग त प्रजातंत्र को इ मजाक उड़ान पर अयाँ छंवां अर कलमाड़ी अब kai संसदीय समीति क सदस्य बि बौणि गये। मनमोहन जी आपकी पार्टी प्रजातंत्र को मजाक उड़ाली अर भारत की छवि धूमिल करणो भगार आप कई हौरि पर लगाणा छंवां ? इ मेरी ब्वे राजनीति माँ बेशर्मी क क्वी हद नि होंदि . .

मनमोहन जी ! जरा सि एकाद सालक इ छ्वीं छन आपक इ राज मा शहीद सैनिको विधवाओं बान मुंबई म आदर्श सोसाइटी बौणि छे आर तुमारा मुख्यमंत्री तुमारा प्रशासन क लोग कफनचोर का तरां मोर्याँ सैनिकों अधिकार तै खुलेआम लूठी ली गेन . इ जी ! तब त आपन अशोक चौहाण कुणी नि बवाल बल ये निर्भागी ! ये असुण्या1 ये ठग ! ये चोर ! यी क्या कौर तीन ? तीन त भारत की छवि इ बिगाड़ दे ! अबि बि अशोक जी कोंग्रेस माँ जम्याँ छन अर अशोक चौहान कु हगण मुतण से ज्वा सड्याण,चिराण फैली वांकुण आप बुलणा छंवां भैरों ! अशोक चौहाण की हगीं सड्याण-चिराण कि छ्वीं नि लगाओ बल यी बात नकारात्मक छ्न .

मनमोहन जी ! ये मेरी ब्वे ! यी टू जी घुटाला , यी कोलगेट कु घुटाला क्या जनता या सिविल सोसाइटी वाळुन कार कि आपका तौळक मंत्र्युंन, तंत्र्युंन , संत्र्युंन कार ? वाह मनमोहन जी ! वाह ! पादन आपक लोग, गंध फैलावन आपक मंत्री,दुर्गन्ध सरावन आपका संतरी या तंत्री अर आप अब बुलणा छंवां कि -ना ! ना पदणै गंद,पदणै पदाण की बात कते नि कारो या बात नकारात्मक च अर यांसे भारत की छवि खराब हूणि च।
मनमोहन जी ! भारत की छवि आपक लसलसो प्रशासन की वजे से खराब व्हाई .

मनमोहन जी ! भारत की छवि आपकी नाकामयाब नीति निर्धारण अर आपका मन्त्र्यु अर संत्र्यु द्वारा यूँ नीतियुं तै अपण फैदा बान तुड़न फुडन से व्हाई . जै प्रधानमंत्री तै अपण मंत्री अर प्रशासकीय अधिकारयु तै समाळण नि आवो अर ओ ब्वालो बल भारत की छवि खराब होणि च त वै अकर्मण्य कमजोर प्रधानमंत्री तै अपण आत्मा से पुछण चयांद की भारत की छवि खराब करण माँ असली गुनाहगार को च भारत कु प्रधानमंत्री या जू भ्रष्टाचार मिटाणों बात करणा छन . मनमोहन जी ! आप त सही माँ अपण गू दुसर पर लपोड़णा छंवां अर फिर दिखाणा छंवां की ल्या तैक पूठ पर गू लग्युं च

मनमोहन जी अफु सीम्प कु लरक तरक इना उना फिंकणा छंवां, सीम्प आप अर आपक मंत्री संतरी इ इना उना लपोड़णा छंवां अर दुसरो कुण बुलणा छंवां गंदगी छ्वीं लगैक भारत क बदनामी हूणि च। असल मा आप तै जरुरात च आत्ममंथन की कैन भारत की छवि बिगाड़ ? आप तै अपणी आत्मा से पुछण चयांद बल असली गुनाहगार क्वा च ? जरा आइना द्याखो आर पैल्या कि प्रधानमन्त्री हूणो नाता आप इ भारत की बदनुमा, बदरंग , दागी छवि जुमेवार छन . आप तै दुसर पर भगार लगाणै आदत सि पोड़ी गे आप प्रधानमंत्री छंवां त जुमेवारी से नि भाजो . जुमेवारी ल्याओ जी।

Copyright@ Bhishma Kukreti 10/10/2012  

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