गढ़वाली गीत, गढ़वाली कविता
उत्तराखंड मांकवि- पूरण पंत पथिक
(गढ़वाली कविता, गढ़वाली गजल, गढ़वाली गीत, , गढ़वाली पुराने गीत, गढ़वाली नये- पुराने गीत, गढ़वाली में आधुनिक गीत, गढ़वाली में अति आधुनिक गीत, गढ़वाली लोक गीत आधारित गीत, , गढ़वाली लोक गीत आधारित गढ़वाली नई कविता, गढ़वाली पद्य, गढ़वाली में व्यंग्य गीत, गढ़वाली में आधुनिक व्यंग्य गीत, गढ़वाली में आधुनिक कविताओं ने व्यंग्य कि कविता लेखमाला )
उत्तराखंड मां
भासणौ अर आंकडों की खेती उत्तराखंड मां
शिलान्यासों -उद्घाटनों की मौज उत्तराखंड मां .
कनु विकास ह्वै पहाडौ ग्वर्ख्या-पूर्ब्या भ्वरें यख
निपल्टो यखौ ह्वै मन्खी भैर का ऐ गैन यख .
कै को बी हो राज भैजी उस्तादी उत्तराखंड मां
उल्लू ही बणान्दा रैन सदाने उत्तराखंड मां .
उद्योग लगीं कख लागणा कब लागला पहाड़ मां .
यई राज्यौ हिस्सा छ -पहाड़ - उत्तराखंड मां .
शिक्षा क्यांकि ,कनी साक्षरता ,आंकडों की बात छ.
बीस-पन्दरा सूत्र क्या छन फाइलों की बात छ.
बल,रुपया बाँटना ,कै खुने ,क्यों ,उत्तराखंड राज्य छ
खुर्सी-सत्ता-फुन्द्या -गलादार ,मौज उत्तराखंड मां .
भासणौ को भात ,वायदों -दाल उत्तराखंड मां
अपणी मवासी बणै ,हैन्कै धार,उत्तराखंड मां .
स्वास्थ्य-सुविधौं काची गप्प ,दायजिन बी मिलदी नी
ग्वर्या दाग्टर,पौ चलै,नर्स ,आया ,दाई नी .
कम्पौदर-स्वीपर बन्या दाग्टर ,साब देरादून जी
राजधानी चखल-पखल,घसड़-पसड़ होंड जी .
सब्बी खुश छन हैन्सना अर मस्त उत्तराखंड मां
मिस्स्याँ रुप्प्या बित्वालन पर सब्बी उत्तराखंड मां.
@पूरण पन्त पथिक देरादून ,३ अक्तूबर २०१२
गढ़वाली कविता, गढ़वाली गजल, गढ़वाली गीत, , गढ़वाली पुराने गीत, गढ़वाली नये- पुराने गीत, गढ़वाली में आधुनिक गीत, गढ़वाली में अति आधुनिक गीत, गढ़वाली लोक गीत आधारित गीत, , गढ़वाली लोक गीत आधारित गढ़वाली नई कविता, गढ़वाली पद्य, गढ़वाली में व्यंग्य गीत, गढ़वाली में आधुनिक व्यंग्य गीत, गढ़वाली में आधुनिक कविताओं ने व्यंग्य कि कविता लेखमाला जारी
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments