कवि मदन डुकलाण
(गढ़वाळि क महान कवि मदन डुकलाण क कविता अंतर्राष्ट्रीय स्तर का हुन्दन। मदन डुकलाण कि गणत इकिसवीं सदी क महान अंतर्राष्ट्रीय कवियुं मा होंद. ये महान गढ़वाळि कवि न उत्तराखंड आन्दोलन टैम पर रामपुर तिराहा पर हुंईं दैसत कु बिरतांत बड़ो बढिया ढंग से करी. ल्या महान कवि क राम पुर तिराहा पर कुछ पंगत-भीष्म कुकरेती)
हक्क का बाना ह्वेंगीं शहीद हमरा लाल देखिल्या
वूंका जुल्म वूंकी दैसत का हाल देखिल्या ।
त्वेन दे छे माया कि मीतै दगड्या ज्वा समळौण
ल्वे मा भीजी आज तर्र वो रुमाल देखिल्या ।
देखिके घैल मा बैण्यु कि कुंगळि क्वन्सि जिकुडि
गङ्गा जमुना मा बि आज ऐगे उमाळ देखिल्या ।
देखी ल्वेखाळ निहत्थों कु आज गांधी जनमबार मा
शिव का हिमालम ह्यूं बि आज ह्व़े गे लाल देखिल्या ।
सर्वाधिकार @ मदन डुकलाण देहरादून
(ग्वथनी गौं बटे , २००२ से साभार )
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