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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, February 8, 2012

घन्ना भाई क अकळाकंठि


Satire only
चबोड़ इ चबोड़ मा
                                घन्ना भाई क अकळाकंठि  
 
(Satire in Garhwali Langauge, Satire in Kumauni Language, Satire in Uttakakhandi Language, Satire in Himalayan Language)
                                     
                                                         भीष्म कुकरेती
                 
                        चुनौ ह्वेगेन घन्ना भाई त   चुनौ परिणाम की जग्वाळ मा छन पण छै मार्च अबि दूर च त अपण काम पर छन. पण उ बुल्दा छन ना बल  घन्ना भाई चुनौ परांत  चुप्प राउ बि त गौं का लोग थुका चुप राला.  , भयात, मुंडीत, थोकवाळ ;      
गाँव वाळ, पार्टी वाळ, यार दगडया, पौन-पंछी, गोर बछर,  सबि जंगड़ ठोकिक, पतड़ देखिक, घन्ना भाईक कपाळो  लकीर देखिक, पूछेरूं उदारण देक, सगुन अपसगुन की व्याख्या कौरिक,  घन्ना भाई क सौं घौटिक बुलणा छन बल घन्ना भाई त जीति इ ग्याई बस डिक्लेयर हूण बाकी च  .
                                अर जब घौरक  मूसू, उप्पन  से लेकी डिल्ली का छप्पन नेता तक बवालन बल घन्ना  भाई त जीति गेन त   घनना भाइन समजण इ च बल वो जीति गेन विधायक बौणि गेन. अर  जनि घन्ना भाई तैं लग बल अब घन्ना भाई अछेकी विधायक बौणि गेन त    घन्ना भाईक अकळाकंठी बि शुरू ह्व़े ग्याई. घन्ना भाई सुचण बिसेन बल एम्.एल.ए बणणो बाद जु .... जु विधायक बणनो बाद ....
 जु घन्ना भाई नरेंद्र सिंह नेगी जी तैं अपण ड़्यार चा दगड नमकीन, मिठाई, केक खिलान्दन त नरेंद्र सिंग नेगी जीन न बुलण बल द्याखो घन्ना भाई जनतौ   पैसों की खौतफ़ोळ करणु च.
जु घन्ना भाई नरेंद्र सिंह नेगी जी तैं खाली चा पिलांदन त नेगी जी न बुलण  बल घन्ना भाई अब त बड़ो आदिम ह्व़े ग्याई खाली चा मा टरकाणु च  
जु घन्ना भाई ड्याराडूण  बिटेन कार मा पौड़ी आन्दन त पौड़ी वाळुन बुलण बल द ल्या !  घन्ना भाई घूस खाण मा माहिर ह्व़े ग्याई तबी त कार ...
जु घन्ना भाई  ड्याराडूण बिटेन पौड़ी रोडवेज क बस मा आन्दन त पौड़ी वाळुन बुलण बल द ल्या ! घन्ना भाईक क्वी औकात इ नी च .. तन्या क तन्नी..
जु घन्ना भाई  ड्याराडूण बिटेन पौड़ी ऐक बस स्टौप पर मीटिंग -सीटिंग कारल त पौड़ी वाळुन बुलण बल द ल्या ! ब्याळक जयुं-बित्युं घन्ना भाई  हम तैं दिखाणु च बल  स्यू बड़ो नेता ह्व़े ग्याई.  
 जु घन्ना भाई ड्याराडूण बिटेन पौड़ी ऐक बस स्टौप पर मीटिंग -सीटिंग नि कारल त पौड़ी वाळुन बुलण बल द ल्या ! तै घन्ना भाई तैं जनता क कुछ पोड़ी इ  नी च. चोरुं तरां आन्द  अर  चोरुं तरां चलि जांद
 जु घन्ना भाई ड्याराडूण बिटेन पौड़ी ऐक बस स्टौप पर मीटिंग -सीटिंग मा लम्बो भाषण दीन्दन त पौड़ी वाळुन बुलण बल द ल्या ! घन्ना भाई हम तै दिखाणु च बल अब उ नेता ह्व़े ग्याई.
 जु घन्ना भाई ड्याराडूण बिटेन पौड़ी ऐक बस स्टौप पर मीटिंग -सीटिंग मा छ्वटु भाषण दीन्दन त पौड़ी वाळुन बुलण बल द ल्या ! घन्ना भाई तैं पौड़ी वाळुक फिकर इ नी च. बगैर तैयारी  क भाषण  देक चली जान्द जन बुल्यां संगरांद बजाणो पौड़ी अयूँ  ह्वाऊ!
  जु घन्ना भाई लोगूँ दगड हंसी मजक्या  भौण  (स्टाइल ) मा बात कारल त लोगुन बुलण बल   द ल्या ! घन्ना भाई प्रधानमंत्री बि ह्व़े जालो तबी बि  रौण वैन जोकर का जोकर इ च
जु घन्ना भाई लोगूँ दगड गम्भीर स्टाइल मा बात कारल त लोगुन बुलण बल द ल्या ! घन्ना भाईक टिपोड़ त द्याखो! हम तैं दिखाणु च.. अरे हम नि जाणदा कि लोगुं तैं हंसै हंसैक  त घन्ना भाई  नेता बौण अर अब गम्भीर भौण मा एक्टिंग  ...  
जु घन्ना भाई हर मैना अपण चुनौ  क्षेत्र मा जालो त लोगुं बुलण बल इ राम दां!  घन्ना भाईम  ड्याराडूण मा कुछ काम त छ ना, जब द्याखो नकड़म-नकड़म- नप्प उठिक  ऐ जान्दो इना ..नेतागिरी झाड़नो . अरे ड्याराडूण मा राओ त हमकुण कुछ स्कीम उस्कीम पास कराओ . क्या धर्युं  च  वै  घन्ना भाईक इख . 
जु घन्ना भाई अपण चुनौ क्षेत्र मा टैम टैम पर नि जालो  त लोगुन  बुलण बल द ल्याओ ! घन्ना भाई ड्याराडूण मा मलाई खाणो ह्वाल, मालपुवा  खाणो ह्वाल जु  !  वै तैं ल़े जनता की क्यांक फिकर! क्याकि पोड़ी च वै तैं अपणी जनता कि परेशानी कि ...
जु घन्ना भाई ड्याराडूण मा चुनौ  क्षेत्र से अयाँ लोगुं दगड बगैर बात घुमै क बात कारल त लोगुन बुलण बल  जु घन्ना भाई एम्.एल.ए बणन  से पैलि मयळि भाषा मा बचळयांद  छौ उ अब विधयाक की धौंस मा बड़ो इ रुखो  भौण मा  बचल्यांद. घमंडी ह्व़े गे.
 जु घन्ना भाई ड्याराडूण मा चुनौ क्षेत्र से अयाँ लोगुं दगड  मयळि भाषा मा बचळयाळ लोगुन बुलण बल  घन्ना भाई एम्.एल.ए बणणो उपरान्त बक्की बातुं ऐक्टर ह्व़े गे . काम त हमारो कुछ करदो नी च फोकट मा चिपळि चिपळि बात. बथों से थुका  पुटुक भर्यांद  .  
जु घन्ना भाई विधान सभा मा अपण तर्फां लोगुं परेशानी क बात उठाला त लोगुन बुलण बल उंह! सुद्दी बरा नामौ भाषण छौ . हम तैं दिखाणु च बल  घन्ना भाई  विधायक च अर ..
जु घन्ना भाई विधान सभा मा अपण तर्फां लोगुं परेशानी क बात नि उठाला  त लोगुन बुलण बल नेता लोग सौब इनी होन्दन जनि राजधानी जोग ह्वावन ना कि जनता तैं बिसरी जान्दन अर उंक बान  जनता जाओ भाड़ मा .. 
अर हर घड़ी घन्ना भाई सुचणा रौंदन कि एम्.एल.ए बणनों उपरान्त क्या करे जाओ. बस घन्ना भाई बि कै पोलिटिकल मनोचिकित्सक की खोज मा ड्याराडूण ऐ गेन.
 
धाई/सूचना---मीन अपण तरफ बिटेन झूट लिखणो पूरो पुठ्या-जोर (कोशिश) लगै  पण  फिर बि कखी कखी सच लिखे गे होलू त वै सच तैं झूट इ मानिक चलीन भैरों!.)
 
 
Satire in Garhwali Langauge, Satire in Kumauni Language, Satire in Uttakakhandi Language, Satire in Himalayan Language to be continued ......
 
@ Copyright@ Bhishm Kukreti

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