Kumaoni Grammar
Garhwali Grammar
Uttarakhandi Grammar
Nepali Grammar
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -41
Comparative Comparative Study of Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-41
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
गढ़वाली में वाच्य विधान
अबोध बंधु बहुगुणा व रजनी कुकरेती ने वाच्य विधान की विवेचना की है. रजनी कुकरेती की विवेचना विस्तृत है . अत: बहुगुणा का वाच्य विधान की विवेचना यहाँ देना तर्क संगत होगा
वाच्य
कर्तृ वाच्य ------------------------------ ---------कर्म वाच्य
१- तिन पोथि बांचे ---------------------------१- त्वेसे पोथि बंचेगे
२-भुला हिटणु ह्वलो ------------------------२- भुला से हिटेणु ह्वलो
कर्तृ वाच्य------------------------- -------------भाव वाच्य
१- -मिन नि बैठण ----------------------------१- में /मी से नि बैठेणो/बैठ्याणु
२- ब्योली शरमाया करदन --------------------२- ब्योल्यों से शरमाया जांद
३- मी नि कौर सकुद /सकदो -------------------३- मी /मी से नि करे सकेंदो
सन्दर्भ -
- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumaoni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -40
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-40
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
गढ़वाली में काल विधान
अबोध बंधु बहुगुणा अनुसार गढ़वाली में काल विधान इस प्रकार है
भूतकाल
भूतकाल ------------------------------ --पुल्लिंग ------------------------------ ---------स्त्रीलिंग
------------------------एकवचन -------------बहुवचन ---------------------एकवचन ----------बहुवचन
सामान्य भूत ------गै, गए, गयूं-------------गैने, गयां ----------------गै, गए, गयूं------------गैने , गयां
आह्न्न्भूत ---------जयूं च ----------------जयां छन ------------------जयीं च-----------------जयीं छन
पूर्णभूत -----------गै छौ /छयो --------------गै छ्या-----------------गै छयी/छै ---------------गै छयी
अपूर्ण भूत --------जाणु छौ/छयो ------------जाणा छा /छ्या -----जाणि छै/छई-------------जनि छै (छयी)
संदिग्ध भूत ----गै ह्व्लो ------------------गै ह्वला-------------------गै ह्वली---------------गै ह्वली
हेतुहेतुभूत -----जयूं होंदो ---------------- जयां होंदा ----------------जईं होंदी --------------जईं होंदी
वर्तमान काल
वर्तमान काल -------------------पुल्लिंग ------------------------------ ---------स्त्रीलिंग
------------------------एकवचन -------------बहुवचन ------------------एकवचन ----------बहुवचन
सामान्य - ---------- जांदू , जांद ------------जांदवां/जान्दन -------------जांदू , जांद-----जांदवां/जान्दन
संदिग्ध ------------जाणु ह्वेला/हूंलो---------जाणा ह्वला/हूंला------------जाणी ह्वली ----जाणी ह्वली
अपूर्ण --------------जाणू च /छ -----------जाणा छन/छंवां-----------------जाणी च ----------- जाणी छन
भविष्य काल
भविष्यकाल ------------------पुल्लिंग ------------------------------ ---------स्त्रीलिंग
------------------------एकवचन -------------बहुवचन ------------------एकवचन ----------बहुवचन
सामान्य--------------जौंला/जा लो ---------जौंला /जाला ---------------जौंलो /जालि------जौंलो /जालि
संभाव ------ --------जौं/जावो ------------जंवां/जावन ------------------जौं /जावो ----------जंवां/जावन
अबोध बंधु बहुगुणा ने भविष्यकाल सम्बन्ध विधि के उदाहरण इस प्रकार दिए हैं
१- भोळ हमर ड्यार ऐन
२-आप बैठन
३-ड़्यार चल जा
४-अब तुम तैं ड़्यार जाण चयेंद /चैन्द
सन्दर्भ -
- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumaoni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -39
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-39
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
गढ़वाली में क्रिया विधान - भाग -5
Verbs of Garhwali Language - Part 5
सामर्थ्य सूचक संयुक क्रियाएं
वर्तमान काल
धातु -सकण
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य------------------ सकदु /सकदि--------------सकदन /सकदिन
मध्यम ------------- सकदें -------------------------सकदां
उत्तम --------------सकदौं -------------------------सकदां
भूतकालिक कल्पना
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------सकदु'सकदि -------------------------सकदा
मध्यम -------------सकिद ------------------------------ ---सकदा
उत्तम --------------सकदु ------------------------------ ---सकदा
भूतकाल
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------सकि------- -----------------------सकेन
मध्यम -------------सकें------------- -------------------सक्याँ
उत्तम --------------स्क्यों ------------------------------ सक्यां
भविष्यकाल
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य---------------- सकलु/सकलि ------------------सकला
मध्यम -------------सकलि------------- --------------सकल्या
उत्तम --------------सकलु------------ -----------------सकला
भावी कल्पना
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य---------------- सकु--------------------------- --सकोन
मध्यम -------------सकें --------------------------सकां
उत्तम --------------सकों -------------------------सकां
गढ़वाली में क्रिया विधान - भाग -6
Verbs of Garhwali Language - Part ६
प्रयासार्थक संयुक्त क्रियाएं
धातु - पाण या पौण
वर्तमान काल कर्त्री वाच्य
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------पांदु -----------------------पांदन/ पांदिन
मध्यम -------------पंदे------------- ----------------पांदा
उत्तम --------------पंदौं ---------------------------पां दा
भूतकालिक कल्पना
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------पौंदु/पौं दि ------------------------------ -पौंदा
मध्यम -------------पौंदि ------------------------------ ---पांदा
उत्तम --------------पांदु ------------------------------ ----पांदा
भूतकाल
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------पै ------------------------------ -पैन
मध्यम -------------पै ------------------------------ -पैन
उत्तम --------------पै ------------------------------ -पैन
भविष्य काल
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------पौलु------ ----------------------पौला
मध्यम -------------पैलि ---------------------------पै ल्या
उत्तम --------------पौलु ---------------------------पौ ला
गढ़वाली में क्रिया विधान - भाग -7
Verbs of Garhwali Language - Part 7
शापार्थक क्रियाएं
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य---------------- पाऊ ------------------------पाओन
मध्यम -------------पै ---------------------------- पयान
उत्तम --------------पौं --------------------------पवां
स्वाभाव सूचक क्रियाएं
धातु - कर्न
वर्तमान काल
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------करदु /करदि(र आधी ) --------------रदन
मध्यम -------------करदें ------------------------------ करदौं
उत्तम --------------करदौं ---------------------------- करदौं
भूतकालिक कल्पना
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------कर्दु ---------------------------कर् दा
मध्यम -------------कर्दि------------ ----------------कर्दा
उत्तम --------------कर्दु ----------------------------- कर्दा
भूतकाल
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------कै ----------------------------- कैन
मध्यम -------------कै ------------------------------ कैन
उत्तम --------------कैन ----------------------------- कैन
भविष्य काल
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य---------------- कर्लु/कर्लि------------------- -कर्ला/कर्लि
मध्यम -------------कर्लि -------------------------कर्ल् या
उत्तम --------------कर्लु -------------------------कर्ला
आज्ञा या इच्छार्थक
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य---------------- कौरु-------------------------- -करोन
मध्यम -------------कौर --------------------------कौरा
उत्तम --------------करौं --------------------------करां
भावी कल्पना
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------कौरु ---------------------------- करोन
मध्यम -------------कौर --------------------------कौरा
उत्तम --------------करों --------------------------करां
गढ़वाली में क्रिया विधान - भाग -8
Verbs of Garhwali Language - Part 8
आरम्भ बोधक क्रिया विधान
धातु- जाण
वर्तमान काल
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------जांदु----- --------------------जन्दन /जंदिन
मध्यम -------------जंदें------------ ---------------- जंदां
उत्तम --------------जन्दों --------------------------जंदा ं
भूतकालिक कल्पना (कृदंत में)
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य---------------- जांदु /जांदि----------------------जा ंदा /जांदि
मध्यम ------------- जांदि ------------------------------ जांदा
उत्तम --------------जांदु ------------------------------ -जांदा
भूतकाल
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य---------------- गै/गि------------------------- गैन/गेन
मध्यम -------------गयें /-------------------------गयां /ग्याँ
उत्तम --------------गायों /ग्यों -------------------गयां/ग्याँ
भविष्य काल
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------जालु ------------------------------ -जाला
मध्यम ------------- जैलि ----------------------------- जैल्या
उत्तम --------------जौलु------------ --------------------जौला
भावी कल्पना
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य---------------- जावु-------------------------- ---जावोन
मध्यम -------------जयें ------------------------------ जवाँ
उत्तम --------------जवों------------ -------------------जवाँ
आज्ञार्थक
पुरुष -------------------एक वचन -------------------बहुवचन
अन्य----------------जावु ----------------------------जा वोन
मध्यम -------------जा ----------------------------- जावा
उत्तम --------------जवौं------------ ----------------जवां
चूँकि अबोध बंधु बहुगुणा ने इस तरह का कोई उदाहरण नही दिया अत: रजनी कुकरेती के उदहारण ही मान्य हैं
क्षेत्रीय बोली भेद अवश्यम्भावी है
सन्दर्भ
१- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -38
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-38
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
गढ़वाली में क्रिया विधान - भाग -4
Verbs of Garhwali Language - Part -4
परामर्श सूचक संयुक्त क्रिया
धातु - ल़ेण
वर्तमान काल
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य --------------लेन्दु ----------------------------ले न्दन/लेंदिन
मध्यम-------------लेन्दें----- ------------------------लेंदां
उत्तम ------------लेंदौं ------------------------------ -लेंदां
भूतकाल जब कृदंत हो
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य -------------- लेन्दु ---------------------------लें दा
मध्यम------------- लेँदि ------------------------- लेंदा
उत्तम ------------- लेन्दु --------------------लेंदा
भूतकाल
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य -------------- आलि/यालि-------------------आले न/येलेन
मध्यम------------- येलें/आलेँ ---------------------ऐल्या/ये ल्याँ
उत्तम ------------- -आल्यों /येल्यों -------------------ऐल्या/येल् याँ
भविष्य काल
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य -------------- लेलि/लेलु/ल्यालु /ल्यालि -----------लेला/ल्याला
मध्यम------------- लेलि ---------------------लेल्या
उत्तम ------------- ल्योलु ------------------- ल्योला
अनुमातिबोधक
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य -------------- ल़े/ल्यो ------------------ लेँन/ल्योन
मध्यम------------- लि ---------------------ल्या /ल्यावा
उत्तम ------------- -ल्यो -------------------ल्यां
भावी कल्पना जहाँ कृदंत हो
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य -------------- ल्यो------------------------ल् योन
मध्यम-------------लेँ--------- -----------------ल्यां
उत्तम ------------- ल्यो ------------------------ल्यां
नोट- सलाणी में कहीं कहीं भेद है
सन्दर्भ
१- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -37
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-37
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
गढ़वाली में क्रिया विधान - भाग -3
Verbs of Garhwali Language - Part -3
अनुमातिबोधक संयुक्त क्रियाएं
कृदंत रूप में
धातु - खाण
वर्तमान काल
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य --------------खांदु ---------------------------खां दन /खांदिन
मध्यम-------------खांदें -------------------------खांदौ ं
उत्तम -------------खांदौं --------------------खांदां
भूतकालिक कल्पना
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य----------------खांदु /खांदि------------------खांदा, खांदी
मध्यम--------------खांदि ----------------------खांदा
उत्तम --------------खांदु -----------------------खांदा
भूतकाल
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य ------------------खै --------------------------खैन
मध्यम ---------------खै ----------------------------खै न
उत्तम-----------------खै ----------------------------- खै
भविष्य काल
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य -----------------खालु--------- ------------------खाला
मध्यम-----------------खैलु -------------------------खैल् या
उत्तम-------------------खौलु-- ----------------------खौला
आज्ञांर्थक /इच्छार्थक
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन
अन्य------------------खा --------------------------खावो
मध्यम ----------------खा --------------------------खावा
उत्तम -----------------खौं -----------------------खौंवां
भावी कल्पना (क्रिदन्त में)
आज्ञांर्थक /इच्छार्थक
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन
अन्य------------------खा --------------------------खावो
मध्यम ----------------खा --------------------------खावा
उत्तम -----------------खौं -----------------------खौंवां
सन्दर्भ
१- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -36
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-35
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
गढ़वाली में क्रिया विधान - भाग -2
Verbs of Garhwali Language - Part -2
नित्यबोधक संयुक्त क्रियाएं
धातु - रौण
रंजन क्रिया रौण का संयोग
वर्तमानकाल कर्त्री वाच्य
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य ----------रौंदु /रौंदि----------------------रं दन /रंदिन
मध्यम ----------रंदे ----------------------------रं दां
उत्तम -----------रंदों-------------- --------------रंदां
भूतकालिक़ कल्पना कृदंत होने पर
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन ------------
अन्य- ----------रौंदु /रौंदि------------------------ --रौंदा/ रौंदि
मध्यम ----------रौंदि ------------------------------ रौंदा
उत्तम -------------रौंदु------------ -----------------रौंदा
भूतकाल नित्यबोधक संयुक्त क्रिया विधान
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन
अन्य ---------------रै ----------------------------- रैन
मध्यम------------रयें--------- ------------------रयाँ
उत्तम -----------रौऊँ/रयों ---------------------रयाँ
भविष्य काल
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन
अन्य ----------- रालु /रलु/रलि/रालि--------------रा ला /रला
मध्यम ----------रैलि---------------- ----------------रैल्या
उत्तम ------------रौलु-------------- ------------------रौला
भविष्य काल भावी कल्पना
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन
अन्य------------- राउ ------------------------------ -रवोन/रावन
मध्यम -----------रयें ------------------------------ -रवां
उत्तम ------------रवों ----------------------------- रवां
आज्ञा/इच्छार्थक संयुक्त क्रिया विधान
पुरुष ----------------एकवचन --------------------बहुवचन
अन्य-------------------राउ ------------------------रओन
मध्यम ----------------रौ --------------------------रा
उत्तम--------------रवौं------- ---------------------रवां
उपरोक्त सभी विवेचना श्रीमती रजनी कुकरेती अनुसार है अत: सर्वाधिकार भी श्रीमती रजनी कुकरेती का है
सन्दर्भ :
- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -35
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-35
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
गढ़वाली में क्रिया विधान - भाग -१
Verbs of Garhwali Language - Part -1
अबोध बंधु बहुगुणा ने गढ़वाली क्रिया विधान का बहुत ही संक्षिप्त रूप में विवेचन किया और वहीं रजनी कुकरेती ने क्रिया विधान का विस्तार पूर्वक विवेचना की है
गढ़वाली की क्रियाएं
१- नामिक क्रियाएं
२-समस्त क्रियाएं
३-व्युत्पन्न क्रियाएं
४- मूल अथवा साधारण क्रियाएं
५-सयुंक्त क्रियाएं
नामिक क्रियायों के उदहारण
अधिकतर देखा गया है कि गढवाली में संज्ञा, सर्वनाम व विशेषणों की धातुओं पर आण , औणो, अण, एण , औण, याण प्रत्यय लगाणे से नामिक क्रिया बनायी जाती हैं
मूल ----------------- प्रत्यय ------------------------------ --------क्रिया
संज्ञा------------------------ अण , आण एण, याण, औणो
रंग ------------------------------ ---------- --------------रंगण, रंगाण, रंगेण,रंग्याण , रंगौणो,
सर्वनाम
अपणु --------------------औ ण ------------------------------ -------------- अपणौण
विशेषण -------------------अण , आण एण, याण, औणो, यौण
नेडू/न्याड़ --------------------------औण/ आण ----------------------------- निडौण /निडाण
बौळ--------------------------- --------एण /याण ------------------------------ बौळेण, बौळयाण
पुरू ------------------------------ ------यौण/ याण--------------------------- ---पुर्याण, पुर्यौण
समस्त क्रियाएं
१- योगित क्रियाएं
उठण -बैठण , चलण - फिरण
२- ध्वनि अनुसरणात्मक क्रियाये
अधिकतर प्रत्यय औण व आण हैं
ध्वनि -------------------प्रत्यय -------------क्रिया
फड़ -फड़ --------------- आण ---------------फड़फड़ाण
भिण- भिण-------------आण /औ ण --------भिणभिणाण / भिणभिणौण
व्युत्पन्न क्रियाएं
मूल क्रिया----------------------प् रथम प्रेरणार्थक------------------- --द्वितीय प्रेरणार्थक
(सकर्मक व अकर्मक)
रुण /रोण -------------------------रुला ण/रुलौण---------------------- रुलवाण/रुवाण.रुलवौण लौ ण
दीण /देण------------------------- दिलाण/दिलौण------------------- -दिलवौण
गढ़वाली में सकर्मक मूल क्रियाएं
मन्न (क्या रै ग्ज्या तैं अपण भै किलै नि मणदु ?,
समजण/समझण ( चल ! मी तैं जादा इ लाटो समजदी हैं?)
गढ़वाली में अकर्मक मूल क्रियाएं
भाई न अब सीण/सेण च
ढिबर भगणा छन
गढवाली में संयुक्त क्रियाएं
अ बाध्यताबोधक संयुक्त क्रिया
धातु -पोड़ (पड़ना )
१- कृदंत स्वरुप
वर्तमान काल कर्मवाच्य
------------------------------ एकवचन ---------------------------बहु वचन -------------------------
पुरुष ----------------पुल्लिंग /स्त्रीलिंग ---------------------------पु ल्लिंग/स्त्रीलिंग
उत्तम ------------- पोड़दो------------------------- ------------------- पोड़दो
मध्यम ------------पोड़दें ------------------------------ --------------पोड़दों
अन्य ---------------पोड़दु/ दि---------------------------- ----------पोड़दिन/दन
वर्तमान काल कर्त्री वाच्य
------------------------------ एकवचन ---------------------------बहु वचन ------------------
पुरुष -----------पुल्लिंग----------- -स्त्रीलिंग ---------------पुल्लिंग------- ------स्त्रीलिंग
सभी पुरुषों में . ----------पोड़दु/ पोड़दि/पोड़दन और सभी लिंगों में
--------------------------भू तकालिक कल्पना कर्मवाच्य
१- कृदंत होने पर सभी पुरुषों के एकवचन में 'पोड़दु'
२-सभी पुरुषों के बहुवचन में 'पोड़दा'
भूतकालिक कल्पना कर्त्री वाच्य
सभी पुरुषों के एकवचन व बहुवचन में प्रयोग --पोड़दु/पोड़दि/पोड़दा
भूतकाल कर्मवाच्य
पुरुष --------एकवचन--------------- बहुवचन
उत्तम--------पोड्योञ---------- -----पोड़याँ
मध्यम -----------पोडें ----------------पोडयाञ
अन्य पुरुष------- पोडि-------------- पोडेन
( ड को ड़ पढ़े )
भूतकाल कर्त्री वाच्य
भूतकाल कर्त्री वाच्य में सभी पुरुषों के एकवचन व बहुवचन में ' पोडि/ पोडेंन' प्रयोग होता है
भविष्य काल - कर्मवाच्य
भविष्य काल - कर्मवाच्य के एकवचन वाले उत्तम पुरुष व अन्य पुरुष में --पोड़लु ' प्रयोग होता है
भविष्य काल - कर्मवाच्य के एकवचन वाले मध्यम पु. में 'पोड़लि' प्रयोग होता है
भविष्य काल - कर्मवाच्य क एसभी पुरुषों , सभी वचनों में 'पोड़ला' प्रयोग होता है
भविष्य काल कर्त्री वाच्य
भविष्य काल कर्त्री वाच्य के सभी पुरुषों, सभी लिंगों व सभी वचनों में पोड़लु /पोड़लि /पोड़ला का प्रयोग होता है
भविष्यकाल कल्पना क्रम वाच्य (कृदंत की उपस्थिति)
पुरुष -------------- एकवचन------------------ बहुवचन
उत्तम ---------------पोडौञ ---------------------पोडां
मध्यम ----------------पोडे---------- ----------- पोडां
अन्य -----------------पोडु ----------------------पोड़ोन
भविष्यकाल कल्पना कर्त्री वाच्य (कृदंत की उपस्थिति)
सभी पुरुषों के सभी लिंगों व वचनों में पोडु /पोड़ोन का प्रयोग होता है
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments