Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-24
चुले (अपेक्षा ), ऐथर, अग्वाड़ी, बिगर, सी , दगडे, तरौं, बाना, का, कु, कि, रा, रु, रि
अ- संयोजक - अर, बि
ब-वियोजक- चा, निथर,
स- विरोध दर्शक - पर
द- परनाम दर्शक - यां/इलै
इ- कारण वाचक - किलैकि
फ- उदेश्य बाचक - ज्यान की
ज- संकेत बाचक- जु, त
ह- व्याख्या बाचक- याने की, हैं कि ना
त्वा, द यार , चुछौ, यू: , हे राम दा, हैं, ह्व़ा ,
टळपळ टळपळ ; खल्तम; खीं-च्वी; पुळपुळ पुळपुळ; सड़म , च्याँ
डा. भवानी दत्त उप्रेती ने कुमाउंनी समुच्चयों को निम्न प्रकार विभाजित किया है
१- संयोजक - और/हौर, आजि
२-प्रतिरोध वोधक- पर, लेकिन, परन्तु, मगर
३-आश्रय - कि,
विभाजक-
अ- इश्ये, जश्ये
ब- चाये, या,
ओहो! , अहा!
हाय !, राम राम ! , छिछि
ह्साबाश! , होय, होय होय
छि: , चुप, हत्, बप्
ओ !, रे!, ल़ा, रे, ऊ
नेपाली में अव्यय
अनि, अथवा,कि, किन्तु, तर , यद्यपि, नकि, बा , परन्तु तैपनि र, न .. न
-----,
अधि, कि, भने, पछि,यदि
-----
अगाडि, मा, सित
अं, अहं , ओहो, अबुई , लै छि, धतेरिका , अया
सन्दर्भ
१- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
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