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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Monday, February 20, 2012

कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण


Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -31
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-31
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी में क्रिया रूप भाग -१
Verbs in Kumauni Language Part - 1
१- मूल क्रियाएं :
रूप गठन अनुसार दो प्रकार की क्रियाएं होती हैं
१अ -- एकक्षरात्म्क - अ/अक/क/कक/ गठनयुक्त होती हैं औ, उठ, जा, पड़ , सो, हिट आदि
१ब- द्वयक्षरात्मक - अक, क युक्त होती हैं जैसे -अखर, पशक, खरोड़, कटोर
२- क्रियाओं का काल पर निर्भरता --- क्रियाएं काल पर निर्भर करती हैं
२क- वर्तमान निश्चयार्थ
वर्तमान निश्चयार्थ लिंग, पुरुष व वचन अनुसार रूप साधक प्रत्यय से जुड़ते हैं
-----------------------------------एकवचन -----------------------------बहुवचन ------------------
--------------------पुल्लिंग -------------स्त्रीलिंग------- ----------------पुल्लिंग --------------------स्त्रीलिंग
उत्तम पुरुष --------उ (छूं, जांछु) --------उ (छुं, जान्छु )------------ऊ (छूं , जानूं , कर्नूं )-------ऊं (छूं , जानूं , कर्नूं )
मध्यम पुरुष ------ऐ (छै , जांछै )-------ई(छै,जान्छे , जान्छी )-----आ(छौ, जांछा )----------आ/इऔ (छौ, जांछा ,जान्छियौ )
अन्यपुरुष --------अ (छ, जान्छ )-------इ(जांछि ) ----------------अन्/आन(छन,जांनान)-----अन,इन (छन , जांछिन )
२ ख- भूत निश्चयार्थ
कुमाउनी में उत्तम पुरुष में लिंग भेद नही मिलता है
-----------------------------------एकवचन -----------------------------बहुवचन ----------------------------
--------------------पुल्लिंग ----------------स्त्रीलिंग------- ----------------पुल्लिंग --------------------स्त्रीलिंग
उत्तम पुरुष------ऊं (छ्यूं , गयूं )------ऊं (छ्यूं , गयूं )----------------ऊ (जयां , गयां ) ---------- ऊ (जयां , गयां )
मध्यम पुरुष ----ऐ (छे, आछे ) ----------ई (आछी )-----------------------आ (आछै ) ------------------इऔ (आछी )
अन्य पुरुष -----अ, ओ, (आछ, आथ्यौ )--अ, इ, ऐ, (आछि, )-----------आ, आन (छया, आयन, )------इन, अन, ऐन(गैन, ऐन्छिन)
कहीं कहीं थ' भी भूतकाल में मिलता है विशेषत: नेपाल हद्द पर
२ ग - भविष्य निश्चयार्थ
-------------------------------एकवचन --------------------------------------------------बहुवचन -------------------
--------------------पुल्लिंग ----------------स्त्रीलिंग------- ----------------पुल्लिंग --------------------स्त्रीलिंग
उत्तम पुरुष ----ओ (हून्लो ,कर्लो) - -------ओ (हून्लो ,कर्लो)-----------आ ( हून्ला, कर्ला)----------आ ( हून्ला, कर्ला)
मध्यम पुरुष ---- ऐ (होलै,जालै) ----------ई (होली, कर्ली )-------------आ (होला, जाला, )---------आ, इऔ, (जाला, आलियौ )
अन्य पुरुष ------ओ (जालो) --------------इ (जालि) ---------------------(जाला) ---------------------इन (होलिन,जालिन )
सन्दर्भ :
- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -30
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-30
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
नेपाली में प्रत्यय उदहारण
ना --- गार्दैना , खादैना (सभी क्रियाएं )
लाइ - हरुलाई
ल़े - हरुले
बाट- हरुबाट
को - हरुको
मा - हरुमा
इन
इस
यो
यौ
एन
एनौ
एनन
चाहि - ठुल़ोचाहि
होला - हाक्नुहोला
वार - आइतवार
आई- हंसाई
इलो- दुधिलो
आरि- भिखारि
एर- भुएर (हू + एर)
आड़ - दिपाड़
चा - क्याहचा
चा - बिराटचा
सन्दर्भ :
- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -29
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-298
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
गढवाली में प्रत्यय
अबोध बंधु बहुगुणा ने गढ़वाली भाषा में दो प्रकार के प्रत्ययों की विवेचना की है- १-कृत प्रत्यय और २- तद्धित प्रत्यय.
जब कि रजनी कुकरेती ने तीन प्रकार के प्रत्ययों की विवेचना की है- १-क्रिया प्रत्यय २- कृत प्रत्यय व ३-तद्धित प्रत्यय , . व्याकरणीय दृष्टि व सही प्रयोग की दृष्टि से रजनी की विवेचना तर्क संगत है
१- क्रिया प्रत्यय
धातु में जब प्रत्यय लगते हैं तो क्रिया बज जाय उसे क्रिया प्रत्यय खते हैं
आणु -- खाणु
आणि - कहानी
आन्दु -- खांदु
अन्दन - खान्दन
ऐगि - खैगि
एगेन - खैगेन
कृत प्रत्यय
जब शब्द कोई संज्ञा , विशेषण या क्रिया विशेषण बनाते है तो वे शब्द कृत प्रत्यय कहलाते हैं
वळु, वळा/ वळी --खाणवळु, खाणवळा, घटवळी
अन्दरू/अन्दरा - खन्दरु/खंदरा
आलु/ऐलु - झगडालू/झगडैलु /बिगडैलु
सार - मिलनसार
एकी- पकी
दिदां - देदिदां
तैं - जैकितैं
गिरि - पटवरिगिरि
कुछ शब्द भाववाचक संज्ञा बनाते है जैसे
चढ़न से चढ़े (ढ़ +ऐ)
मुतण से मुताड़
गाण से गवय्या
रुण से रुताडु
जग्वळण से जग्वाळ
, हुणमांग, बरज़ात आदि
तद्धित प्रत्यय
वळु - घौरवळु
अरु - म्यारु
गुणु -दुगुणु
अङ्गत - पंगत
या - दुघर्या
अणि - सलाणि
याण - सड़याण
दां - तेरिदां
सन्दर्भ :
- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -28
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-28
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी में प्रत्यय
१- संज्ञा संरचक प्रत्यय
अ- स्वदेशी
ब- विदेशी
क- स्वदेशी संज्ञा संरचक प्रत्यय
आद् + अ आद
हांण +आ = हाणा
श्यार + आ = श्यारा
चौथ = इ = चौथि
सफेद + इ = सफेदि
बीश = इ = बीशि
हंश + इ = हंशि
पौंच +इ = पौंचि
झाड + उ = झाडु
परि =उ = परु
बुर = ऐ = बुरै
ढूंढ़ + ऐ = ढुंढऐ
ठंड +ऐ = ठनडै
उखाल = ओ = उखालो
ताल = ओ = तालो
पार + ओ = पारो
गड़ +ओ = गड़ो
lekh + न +ओ = लेखनो
हिट + न + ओ= हिट्नो
पड़ + औ = पडौ
तल् + औ = तलौ
ढोल= क + इ = ढोलकि
ठंड + अक = ठंडक
ज - किसी रिश्ते का द्योतक - भतीजो/ भतिजि
ट- लिंग बोधक ---- रमटा
बच् + अत = बचत
लग् +अन= लगन
सुहाग = अन = सुहागन
कल् + आट =कल्लाट
नौर+ आट = नौराट
शल्ला + आड़ - इ = शल्याडि
बर + आत= बरात
कह + आन+_ इ = कहानि
लु + आर = ल्वार
घास + आर + इ = घस्यरि
घास + आर + ओ = घस्यारो
निरबट +आर + ओ = निब्टारो
भांग = आल = भंगाल
बोल + आव + आ = बुलाला
शौर = आश =शौराश
कश + इण = इ = कशिणि
लुट + इया =लुट्या
हल + इया= हलिया
बानर + इया = बनरिया
पील + इया =पीलिया
भितर + इया = भितरिया
टहल + उआ = टहलुआ
कट + उआ =कटुआ
कर + ऐठ + ओ =करेठो
बज+ एड़ = बजेड़
कम +एड़ = कमेड़
बद +एत = बड़ेत
कोठो +अर +इ = कोठरि
मिल +आप = मिलाप
भर+ आन + ओ =भरानो
दयोरा +आन = द्यौरान
साल + आन +आ = सालाना
घाणो +एल + घणेल
पंच + ऐत=पंचैत
चुकिलो +ऐन +इ =चुकिलैनि
रख + एल = रखैल
खो + आल +आ = ख्वाला
गौ +आ; +ओ = ग्वालो
बाटो +उल +इ = बाटुलि
दाम + ओड़ +इ दामडि
तिन + ओड + ओ =तिनोड़ो
हाथ = औड़ ओ =हथौड़ो
शिर +औण + ओ =शिरौणो
कट + औट + इ=कटौति
बिछ +ऑन + ओ = बिछौनो
आदिमि+ ऑल + इ = आद्म्यौलि
धींग + ऑल = इ = धिंगयौलि
भेट + ऑल + इ = भेटौलि
बड़ +अप्पन = बडप्पन
बन + आवट = बनावट
गरम + आहट = गरमाहट
शौ+कड़ +ओ = शैकड़ो
गो + ठ =गोठ
बस + ति =बस्ति
शाड़ +न +ओ =शाड़नो
शत +ल़ा = शल्ला
पिछ = वाड़ + ओ = पिछ्वाड़ो
खिल + वाड़ =खिलवाड़
ब- विदेशी प्रत्यय
बाग़ +इचा =बगिचा
जान + कार =जानकार
गम +खोर =गमखोर
इसी तरह के शब्दों में प्रत्यय हैं - कुल्लिगिरी , तबलची, हरामजादा आदि
स्वतंत्र प्रत्यय
छाप = खान +ओ = छापोखानो और इसी तरह - बीड़ीबाज, उमेदवार , रन्ग्शाज आदि
कुछ स्वदेसी प्रत्यय इस प्रकार हैं
बुड +काल = बुड्याकाल
मल + कोट =मलकोट
नान + तिन =नानतिन
चु+ दान+ इ =चुदानि
खोल + देलि =खोल्देलि
तैल + फाट =तैलफाट
माह + वार +इ = माहवारि
तलि+ शार +इ = तलिशारि
घर +वाल + इ =घर्वालि
घर +वाल +ओ =घरवालो
पी +हर = पीहर
हनों +हार = होनहार
सन्दर्भ :
- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -27
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-27
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
नेपाली में उपसर्ग
बे ---------------------------बेकारी
निर्-------------------------निर्दोष
अन-------------------------अनपढ़
हर ---------------------------हरघडी
ल़ा ---------------------------लापरवाह
सर -------------------------सरजिमिन
सन्दर्भ :
- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -२६
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-26
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
गढ़वाली में उपसर्ग
उपसर्ग -------------------------------------शब्द
अ------------------------------------------ अजाण ,
अण----------------------------------------अणबुल्या , अणबिन्ग्या
अध् -----------------------------------------अध्पक्युं,
कु- -------------------------------------------कुसवोर्या
नि -------------------------------------------- निखाणी
चौ -------------------------------------------चौसिंग्या, चौमुख्या
बे -----------------------------------------बेबगत
दु ---------------------------------------- दुपाळी
दुर-----------------------------------------दुरमति
एक -------------------------------------एकहड्या
इक -------------------------------------इकसनी
क्या ----------------------------------क्याबुन्या -क्याकन्या
भौं -----------------------------------भौकुछ
धौ -----------------------------------धौकरी
फुंड /फंड ---------------------------फंडफूक/फुंफूक
पर-------------------------------------------परचेत
सु--------------------------------------------सुनिंद
सन्दर्भ :
- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -२५

Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-25
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी में उपसर्ग

उपसर्ग कुमाउंनी में संज्ञा व विशेषण में स्न्राचक का काम करते हैं
उपसर्ग -----------शब्द
अ------------------अथा, अपढ़ , अश्यानो
अद्------------------अद्पाको
अन्-------------------अन्गिन्ति , अनपढ़
अप --------------------अपजशि
औ ---------------------औगुणि
क-------------------------कपूत
कु--------------------------कुरूप, कुकरमि
खर -------------------------खरदिमाग
न ---------------------------नहुनो
नि ---------------------------निरोगी
दु--------------------------------- दुबलो
ना---------------------------------नालैक
बे------------------------------------बेहोश
बौ -------------------------------------बौमुक्तो
बद--------------------------------------बदनाम
ल़ा----------------------------------------लापता
बिला-------------------------------------बिलाकशूर
खुश --------------------------------------खुशकिश्मत
गैर ----------------------------------------गैरशरकारी
ल़ा (फारसी) -------------------------------लाचार
पौन -----------------------------------------पौनेदो
शवा -----------------------------------------शवादो
शाढ़े -------------------------------------------शाढ़े तीन
उन---------------------------------------------उनतीस

सन्दर्भ :
- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति


Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -24
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-24
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
नेपाली में अव्यय
अनि, अथवा,कि, किन्तु, तर , यद्यपि, नकि, बा , परन्तु तैपनि र, न .. न
-----,
अधि, कि, भने, पछि,यदि
-----
सम्बन्ध बोधक
अगाडि, मा, सित
विस्मय बोधक
अं, अहं , ओहो, अबुई , लै छि, धतेरिका , अया
सन्दर्भ :
- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति
Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -23
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-23
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm kukreti
गढवाली में अव्यय
१- सम्बन्ध बोधक
चुले (अपेक्षा ), ऐथर, अग्वाड़ी, बिगर, सी , दगडे, तरौं, बाना, का, कु, कि, रा, रु, रि
२- सम्मुचय बोधक
अ- संयोजक - अर, बि
ब-वियोजक- चा, निथर,
स- विरोध दर्शक - पर
द- परनाम दर्शक - यां/इलै
इ- कारण वाचक - किलैकि
फ- उदेश्य बाचक - ज्यान की
ज- संकेत बाचक- जु, त
ह- व्याख्या बाचक- याने की, हैं कि ना
३- विस्मय बोधक
त्वा, द यार , चुछौ, यू: , हे राम दा, हैं, ह्व़ा ,
४- अनुकारक अव्यय
टळपळ टळपळ ; खल्तम; खीं-च्वी; पुळपुळ पुळपुळ; सड़म , च्याँ
सन्दर्भ :
- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति

Grammar of Kumauni language
Grammar of Garhwali Language
Grammar of Languages of Uttarakhand
Grammar of Nepali Language
Grammar of Mid Himalayan Languages
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -22
Comparative Comparative Study of Grammar of Kumauni, Garhwali Grammar and Nepali Grammar ,Grammar of Mid Himalayan Languages-Part-22
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm kukreti
कुमाउंनी में अव्यय
१- कुमाउंनी में समुच्चय बोधक अव्यय
डा. भवानी दत्त उप्रेती ने कुमाउंनी समुच्चयों को निम्न प्रकार विभाजित किया है
१- संयोजक - और/हौर, आजि
२-प्रतिरोध वोधक- पर, लेकिन, परन्तु, मगर
३-आश्रय - कि,
विभाजक-
अ- इश्ये, जश्ये
ब- चाये, या,
२- कुमाउंनी में विस्मय वोधक अव्यय
ओहो! , अहा!
३- कुमाउनी में दशा सूचक अव्यय
हाय !, राम राम ! , छिछि
४- कुमाउंनी में अनुमोदक वोधक अव्यय
ह्साबाश! , होय, होय होय
५- कुमाउंनी में तिरस्कार वोधक अव्यय
छि: , चुप, हत्, बप्
६- कुमाउंनी में संबोधन वोधक अव्यय
ओ !, रे!, ल़ा, रे, ऊ
सन्दर्भ
१- अबोध बंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्य मंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय , नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति, इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं. देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणी साप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश , विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनी शब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषा सम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्न पुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस, नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र. विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
Comparative Study of Kumauni Grammar , Garhwali Grammar and Nepali Grammar (Grammar of , Mid Himalayan Languages ) to be continued ........
. @ मध्य हिमालयी भाषा संरक्षण समिति

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आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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