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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, September 25, 2018

ब्लैक लोकुस्ट वनीकरण से स्वास्थ्य पर्यटन विकास

Black Locust Tree Plantation for Medical Tourism Development 

औषधि पादप वनीकरण -53
Medicinal Plant Community Forestation -53

उत्तराखंड में चिकत्सा पर्यटन  रणनीति -157
Medical Tourism Development Strategies -157
उत्तराखंड पर्यटन प्रबंधन परिकल्पना - 260
Uttarakhand Tourism and Hospitality Management -260

आलेख : विपणन आचार्य भीष्म कुकरेती 

लैटिन नाम - Robima pseodoacacia 

सामान्य   नाम -ब्लैक लोकुस्ट या व्हाइट लोकुस्ट , भरत का पेड़ नहीं यह अमेरिका से आया है 
आर्थिक उपयोग --
लकड़ी बहुत ही उपयुक्त 
बगीचों में आकर्षक पेड़ 
बीजों का तेल 
भोज्य पदार्थ , फल 
कागज उद्यम में 
नाइट्रोजन फिक्सेशन 
-----औषधि उपयोग ---
 
 रोग व पादप अंग जो औषधि में उपयोग होते हैं 

जड़ें 

छाल 

फूल 



बीज 
रोग जिनके निदान में पादप उपयोगी है 
अश्रु रोग 
दांत रोग 
उलटी 
निर्बलता दूर करता है 
वाइरस निरोधक 
बाजार में उपलब्ध औषधि 

पादप वर्णन 

समुद्र तल से भूमि ऊंचाई मीटर  - सामन्यतया तकरीबन सब जगह 
तापमान अंश सेल्सियस -
वांछित जलवायु वर्णन -
वांछित वर्षा mm
वृक्ष ऊंचाई मीटर -12 से 30 यहां तक 52 मीटर के पेड़ भी मिलते हैं 
तना गोलाई मीटर -  एक- तक जा सकता है 
छाल - लाल काला 
टहनी -कांटेदार 
पत्तियां -जटिल /compound 
पत्तियां आकार , लम्बाई X चौड़ाई cm और विशेषता -15 -36 , हरा किन्तु ऊपर भूरे 
फूल आकार व विशेषता - गुच्छों में , आकर्षक , 
फूल रंग -सफेद, बैंगनी , गुलाबी 

फल आकार व विशेषता 
बीज /गुठली विशेषता, आकार , रंग - टांटी , बीज , नारंगी व गोल चपटे 
फूल आने का समय - मई जून 
फल पकने का समय - सात  दिन में किन्तु 
बीज निकालने का समय -शीत  ऋतू तक पकते  हैं 
बीज/गुठली  कितने समय तक अंकुरण हेतु क्रियाशील हो सकते हैं - 


संक्षिप्त कृषिकरण विधि -
बांछित मिट्टी प्रकार pH आदि -अभी प्रकार की मिट्टी 
वांछित तापमान विवरण - धूप पसंद 
बीज बोन का समय - शीत 
बीजों को गुनगुने गर्म पानी में 48 घंटे रखना सही , यी बीजों को खुरच दिया जाय 
नरसरी में बोते समय बीज अंतर -  cm   यदि सीधा बोना हो तो दो मीटर 

आरम्भ में सिंचाई आवश्यक 

क्या कलम से वृक्ष लग सकते हैं ? जड़ों की कलम लाभदायी 
ब्लॉक रोबिना खर पतवार जैसे अपने आप भी बढ़ जाता है , जड़ों से वयं कलम निकलकर फ़ैल जाता है 
क्या वनों में सीधे बीज या पके फल छिड़के जा सकते हैं ? हाँ नम बीजों को गोबर गोले बनाकर अधिक  उत्पादक हो सकते हैं /अथवा  कटे-पके फलों व बीजों को नदी या गदनों में बहा देना श्रेयकर 
वयस्कता समय वर्ष -
 
यह लेख औषधि पादप कृषिकरण /वनीकरण हेतु जागरण हेतु लिखा गया है अतः  विशषज्ञों , कृषि विद्यालय व कृषि विभाग की राय अवश्य लें 

कृपया इस लेख का प्रिंट आउट ग्राम प्रधान व पंचायत को अवश्य दें 


Copyright@ Bhishma Kukreti , 2018 , kukretibhishma@gmail.com 

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