मेडिकल टूरिज्म विकास हेतु आपूर्ति रणनीति - 2
Supply Strategies for Wellness or Medical Tourism Development in Uttarakhand -2
उत्तराखंड में चिकत्सा पर्यटन रणनीति - 168
Medical Tourism development Strategies -168
उत्तराखंड पर्यटन प्रबंधन परिकल्पना - 272
Uttarakhand Tourism and Hospitality Management -272
आलेख - विपणन आचार्य भीष्म कुकरेती
आधुनिक काल में धार्मिक पर्यटन छोड़ , कोई भी पर्यटन उद्यम हो उसे विकसित करने हेतु कुक्कुट व अंडे आपूर्ति आवश्यक है।
मेद्क्ल टूरिज्म विकसित करने हेतु तो कुक्कुट पालन अति आवश्यक है अन्यथा मुर्ग -मुर्गियों व अण्डों की आपूर्ति आयात से की जाती है।
कुक्कुट व कुखुड़ अण्डा भोजन से कई लाभ हैं
कुखुड़ /चिकन मांश भक्षण के लाभ
चिकन /कुखुड़ मांश से प्रोटीन मिलता है
चिकन /कुखुड़ मांश में कई विटमिंस, मिनरल व इंजामस मिलते हैं
चिकिन /कुखुड़ मांश रक्त चाप कम करने में सहायता देता है
चिकिन /कुखुड़ मांस से फैट /वसा कम होता है
चिकिन /कुखुड़ रस्सा /सूप कमजोरी व शर्दी जुकाम में लाभकारी है
अंडों के लाभ
अंडे से प्रोटीन , कैल्सियम ओमेगा -3 फैटी ऐसिड मिलता है
अण्डों से अमीनो ऐसिड मिलता है
अंडों में विटामिन ए नेत्र ज्योति हेतु लाभकारी है
हड्डी मजबूती हेतु अंडे लाभकारी हैं
गर्भवती महिलाओं हेतु लाभकारी
पोल्ट्री फ़ार्म या कुक्कुट पालन
कुक्कुट पालन - लघु स्तर, मध्यम स्तर व उच्च स्तर के होते हैं। पोल्ट्री फ़ार्म हेतु नींम बातों का ध्यान आवश्यक है -
स्थान चुनाव - ऊँची जगह , शर से दूर , जल की पूरी आपूर्ति वाले स्थान में होना चाहिए जंगली व घरेलू जानवरों से रक्षा का प्रबंध हो , परिहवन का प्रबंध हो
मुर्गी र्क्र्खाव के सभी प्रबंध होने चाहिए
मुर्गी स्वास्थ्य की सभी जानकारी हासिल कर ली जानी चाहिए
सरकारी अनुदान व लोन - कुक्कुट पालन हेतु सरकारी ऋण व अनुदान हेतु सभी फोर्म्ल्टीज पूरी होनी चाहिए
कुक्कुट पालन किसी भी स्तर का हो लाभदायी व्यापार है और बजार व वितरण सुलभ है।
* यह आलेख मेडिकल टूरिज्म विकास हेतु लिखा गया है अतः कुक्कुट पालन व्यवसाय खोलने से पहले विषेशज्ञों की राय अवश्य लें
Copyright@ Bhishma Kukreti
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