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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, September 25, 2018

स्वास्थ्य पर्यटन विकास हेतु कुक्कुट पालन की आवश्यकता

मेडिकल टूरिज्म विकास हेतु आपूर्ति रणनीति - 2 
Supply Strategies for Wellness or Medical Tourism Development in Uttarakhand -2  
उत्तराखंड में चिकत्सा पर्यटन  रणनीति - 168
Medical Tourism development  Strategies -168
उत्तराखंड पर्यटन प्रबंधन परिकल्पना - 272
Uttarakhand Tourism and Hospitality Management -272  

आलेख - विपणन आचार्य भीष्म कुकरेती 

   आधुनिक काल में धार्मिक पर्यटन छोड़ , कोई भी पर्यटन उद्यम हो उसे विकसित करने हेतु  कुक्कुट व अंडे आपूर्ति आवश्यक है।  
मेद्क्ल टूरिज्म विकसित करने हेतु तो कुक्कुट पालन अति आवश्यक है अन्यथा मुर्ग -मुर्गियों व अण्डों की आपूर्ति आयात से  की जाती है। 
कुक्कुट व कुखुड़ अण्डा भोजन से कई लाभ हैं 

कुखुड़ /चिकन मांश भक्षण के लाभ 

चिकन /कुखुड़  मांश से प्रोटीन मिलता है 
चिकन /कुखुड़ मांश में कई विटमिंस, मिनरल  व इंजामस मिलते हैं 
चिकिन /कुखुड़ मांश रक्त चाप कम करने में सहायता देता है 
चिकिन /कुखुड़ मांस से फैट /वसा कम होता है 
चिकिन /कुखुड़  रस्सा /सूप कमजोरी व शर्दी जुकाम में लाभकारी है 

अंडों के लाभ 

अंडे से प्रोटीन , कैल्सियम ओमेगा -3 फैटी ऐसिड मिलता है 
 अण्डों से अमीनो ऐसिड मिलता है 
अंडों में विटामिन ए नेत्र ज्योति हेतु लाभकारी है 
हड्डी मजबूती हेतु अंडे लाभकारी हैं 
गर्भवती महिलाओं हेतु लाभकारी 

 पोल्ट्री फ़ार्म या कुक्कुट पालन 

 कुक्कुट पालन - लघु स्तर, मध्यम स्तर व उच्च स्तर के होते हैं।  पोल्ट्री फ़ार्म हेतु नींम बातों का ध्यान आवश्यक है -
स्थान चुनाव - ऊँची जगह , शर से दूर , जल की पूरी आपूर्ति वाले स्थान में होना चाहिए  जंगली व घरेलू जानवरों से रक्षा का प्रबंध हो , परिहवन का प्रबंध हो 
मुर्गी र्क्र्खाव के सभी प्रबंध होने चाहिए 
मुर्गी स्वास्थ्य की सभी जानकारी हासिल कर ली जानी चाहिए 
सरकारी अनुदान व लोन - कुक्कुट पालन हेतु सरकारी ऋण  व अनुदान हेतु सभी फोर्म्ल्टीज पूरी होनी चाहिए 
कुक्कुट पालन किसी भी स्तर का हो लाभदायी व्यापार है और बजार व वितरण सुलभ है। 

* यह आलेख मेडिकल टूरिज्म विकास हेतु लिखा गया है  अतः  कुक्कुट पालन व्यवसाय खोलने से पहले विषेशज्ञों की राय अवश्य लें  


Copyright@ Bhishma Kukreti

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