ढाञगु (Dhangu) पट्टिक गढवळी साहित्य मा मिळवाक
(Contruibution of Dhangu Patti in Developing Modern Garhwali Literature)
भीष्म कुकरेती
गढवळी साहित्य कुठार भोरण मा ढाञगु वाळु क बड़ो जोगदान च। ढाञगु गंगा सलाण
मा तीन पट्टि छन- मल्ला ढाञगु, बिचला ढाञगु अर तल्ला ढाञगु. पूरब मा लंगूर पट्टि, उत्तरें मा गंगा छालु च,
पच्छिम मा उदयपुर पट्टि अर दक्खिण मा डबरालस्यूं .
गढवळी साहित्य भंडार भरण मा यूं साहित्यकारूं मिळवाक च
१- सदानंद कुकरेती - ग्वीलगाँ, मल्ला ढाञगु क भग्यान सदानंद कुकरेती जी न आधनिक गढवळी की पैलि
कथा ' गढ़वाळी ठाट' लेखी छौ. दगड मा सदानंद जी न गढवळी कविता बि रचीन. सदानंद जी
'विशाल कीर्ति' क सम्पादक बि रैन .
२- चक्रधर कुकरेती - ग्वील गाँ, मल्ला ढाञगु क चक्रधर कुकरेती जीक गढवळी मा कविता संग्रह छ्प्युं च.
चकधर कुकरेती जी क गढवळी गद्य मा बि खूब मिळवाक् च .
३-डा. अचला नन्द जखमोला - गटकोट गाँ , मल्ला ढाञगु क डा.अचला नन्द जखमोला प्रसिद्ध भाषाविद छन.
गढवाल सभा , देहरादून क तत्वाधान मा गढवळी , हिंदी अर अंगरेजी क वृहद् शब्दकोश का संकलन कर्ता (इकबटोळया )
अर सम्पादक डा.अचलानंद जखमोला जी इ छन. यांक अलावा डा. अचलानंद जखमोला जीक भौत सा
भाषा विज्ञान सम्बन्धी लेख गढ़वळी मा छपेणा इ रौंदन.
४- प्रेम लाल गौड़ - गैंड गाँ, तल्ला ढाञगु क प्रेम लाल गौड़ शास्त्री न गढवळी मा एक नाटक छपाई 'प्रेमेकांकी'
५- डा. चंद्रमोहन बड़थ्वाळ - क्यार गाँ, बिछ्ला ढाञगु क डा. चंद्रमोहन बड़थ्वाळ न गढवळी मा कविता छपैन .
६- भीष्म कुकरेती- जसपुर गाँ, मल्ला ढाञगु क भीष्म कुकरेती न गढवळी मा कथा, व्यंग्यलेख, व्यंग्य चित्र, नाटक, आलोचना,
इंटरव्यू , कति अनुवाद छपैन . यांक अलावा गढवळी मा क्रोसवर्ड अर पज्जलवर्ड की पवाण बि भीष्म कुकरेती न लगाई.
७- हेम चन्द्र कुकरेती - ग्वील गाँ मल्ला ढाञगु क हेम चन्द्र कुकरेती क कुछेक लेख छप्यां छन
८- रमण मोहन कुकरेती - खमण गाँ (यु गाँ पैलि मल्ला ढाञगु मा छौ) क रमण मोहन कुकरेती न
दिनेश भारद्वाज जीक दगड 'बुड्या लापता ' गढवळी नाटक ल्याख अर मुंबई मा मंचित करै.
मल्ला ढाञगु की ब्वार्युं गढवळी साहित्य मा मिळवाक
मल्ला ढाञगु की ब्वार्युं गढवळी साहित्य मा बि खूब महत्वपूर्ण मिळवाक छ
१- रजनी कुकरेती - रजनी कुकरेती क ससुराल कठुड़ बड़ा, मल्ला ढाञगु मा छ.
रजनी कुकरेती न कविता क अलावा 'गढवाली व्याकरण ' किताब बि छाप.
२- नीता कुकरेती - नीता कुकरेती क ससुराल ग्वील ,मल्ला ढाञगु मा छ . नीता कुकरेती
क नि बि ह्वाल त सौ से बिंडी कविता गढवळी मा छपी गेन .
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