Garhwali satire/ कबलाट मा
मि तैं हौंस आन्द
भीष्म कुकरेती
मि तैं हौंस आन्द बल जब कौंग्रेसी नेता हड़क सिंग जी बुल्दन बल मंत्री पद मेरी जूती से .
ये जी ! रावत जी ! जु तुम सणि मुख्यमंत्री पद या मंत्री पदौ लोभ /ल्हाल्सा नि छे त फिर तुमर बान बहुगुणा मुख्यमंत्री बौण या
यशपाल आर्य मुख्य मंत्री बौंणद तुम सरीखा ऋषितुल्य मनिख पर कुछ बि फ़रक नि पड़ण चएंद छौ.
मि तैं हौंस आन्द बल जब कौंग्रेस का नुमाइंदा बुल्दन बल कौंग्रेस मा डेमोक्रेसी च. वाह जब कै बि राज्य क
मुख्यमंत्री हाई कमांड सुजालो अर फिर बुले जाव बल हमर पार्टी मा डेमोक्रेसी च त डेमोक्रेसी क याँ से जादा मखौल कै देस मा ह्वाल?
मि तैं हौंस आन्द बल जब कौग्रेसी स्पोकपर्सन बुलद बल भ्रष्टाचार ख़तम करण हमारी पैलि प्रायरिटी च .
अब हंसणो बात इ च बल ज्वा सरकार मुलायम सिंग यादव, लालू प्रसाद यादव, मायावती , कलमाड़ी, डी एम् .के क काँध मा
चलणि ह्वाऊ वा सरकार भ्रष्टाचार ख़तम कारली कि भ्रष्टाचार बढाली ?
मि तैं प्रणव मुखर्जी क बजटी बयान पर हौंस आन्द बल सरकार ब्लैक मनी तै
ख़तम करणो बान कटिबद्ध च. जु राजनैतिक नेता
पार्टी चन्दा अर अपण चुनौ जितणो बान ब्लैक मनी ल्याला वो क्या ब्लैक मनी ख़तम कारल? कौंग्रेस या भाजापा वाळ जरा पार्टी चन्दा
मा एक मैना तलक ब्लैक मनी लीण बन्द कौरी दयावान धौं ! फिर दिखला कि यूं पार्ट्यूं क औफ़िस एक दिन बि कनकैक चल्दो धौं!
मि तैं भाजापा का नेतौं पर हौंस आन्द जु अब विदेशी पूँजी निवेश पर अड़चन डाळणा छन. ये ! भै! अटल बिहारी बाजपेयी
क राज मा त तुम बि भारत तै बिचण पर यि अयाँ छया . वाह तुमर देश बिचण राष्ट्र हित होंद अर कौन्ग्रेसौ देश बिचण राष्ट्र द्रोह?
मि तैं ममता बनर्जी अर बामपंथी द्लूं नेतौं बयान पर हौंस आन्द बल जु य़ी बुल्दन बल आम आदिम पर सरकार तैं इथगा
खरच करण चएंद पण जब यूं तैं पूछे जांद बल संसाधन कखन लाण त यूंक गिच पर म्वाळ लगी जान्द.
मि तैं हौंस आन्द बल यि नेता लोक अबि बि लोकुं तैं लाट कालू समजदन . भै नेता लोकु जु तुम होशियार ह्व़े गेवां त
भै हम बि त बाड़ी पळयौ खांदवां भै!
मि तैं हौंस आन्द बल जब क्वी गढवाळि या कुमया किरांद बल सरकार हमारी भाषा बचाणो बान कुछ नी करणि च .
हौंसणै बात च बल ज्वा सरकार अंक्वैक राष्ट्र भाषा हिन्दी इ नि बचै सकणि च वीं सरकार से हम उमेद
करणा छंवां बल वा गढवळी अर कुमाउंनी भाषा बचालि.
वाह जु अपण पुंगड़ पर बाड़ नि लगाल अर ओ दुसर पर भगार लगाणो च बल लोगूँ गोर म्यार उज्याड़ खाणा छन.
मि तैं भौत सा क्या जादातर गढवळी अर कुमया लिख्वारूं, पत्रकारूं, सम्पाद्कुं , बुद्धिजीवियुं पर हौंस
बि आन्द अर तरस बि आन्द जु उत्तराखंड का विकासौ छ्वीं लगांदन पण जब यूं तैं पूछे जाव इ कि बल कना विकास हूण
चयेंद त सौब का सौब आपन मुख लुकाण बिसे जान्दन.
उत्तराखंड का यूँ दगड्यों तैं पता बि नी च कि विकास कि परिभाषा होंद क्या च?
Copyright@ Bhishm Kukreti
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