चुनौ परांत कु क्या बुनु च ?
भीष्म कुकरेती
अब जब उत्तराखंड मा चुनौ ह्व़े गेन अर सौब जाणि गेन कि चुनौ मा क्या खंड खिले जान्दन अर क्या क्या खंड
खिले गेन त मी बि खुज्या णो गुण बल कु क्या बुलणु च .
अब जब कोंग्रेस जीति गे त कोंग्रेसी बुलणा छन बल जनता जागरूक ह्व़े गे त जतना न सही निर्णय ले.
पैलो चुनौ मा कोंग्रेस हारी गे छे त कोंग्रेसी बुल्दा छया बल जनता तैं सै गलत दिखणो समज इ नी च.
अब जन कि चुनौ मा भाजापा हारी गे त कति भाजापाई बुलणा छन जनता तैं सही अर गलत पछ्यण इ नि आन्द.
हाँ ! जब पैला दें भाजापा जीति गे छे त सबि डिल्ली का भाजापाई नेता बि बुल्दा छया बल हाँ भै ! उत्तराखंड कि जनता
बडी जागरूक च सै अर गलत की पूरी पछ्याणक करण मा होस्यार च .
अब जब पत्रकार/चुनावी i विश्लेषक लिखणा छन बल बुद्धिजीवियूँ न भोट नि देई त ऊंका मतबल च की वैन भोट नि दे. किलैकि
एक बुधिजीवी अफु तैं छोडिक कै हैंक तैं बुद्धिजीवी माणदो इ नी च.
चुनाव विश्लेषक को
काम बड़ो सरल च . चुनाव विश्लेषक क्या करदन? भाजापा का हार का कारण वो इ
बथाणा छन जो कलिंग राजा क हार क कारण छया
अर कोंग्रेस का जीत का वो इ कारण बथाणा छन जो अशोक की जीत का कारण छ्या.
कति भुवन चन्द्र खंडूरी क हार का पैथर भाजापाई भितर घात तैं द्वास दीणा छन पण क्वी नि लिखणो बल निशंक बि त
अपण चुनावी अडगें/क्षेत्र मा भितर घात की बात इ करणो छौ. कु सच अर कु झुटो ? भगवान इ जाणल !.
यूं. के. डी क पंवार न गैरसैण राजधानी बान दिवाकर भट्ट को बोली छौ भाजापा की सरकार छोडो .
अर
अब पंवार बगैर गैरसैण की बात कौरिक कोंग्रेस की खुकली मा बैठी ग्याई .
पंवार का भोटर सुचणा होला बल भोट दीणो मतबल अफु तैं इ बेवकूफ बणाण.
इनी मंत्री प्रसाद
नैथाणी कोंग्रेस का विरुद्ध खड़ा ह्व़े क चुनाव लौड़ अर अब नैथाणी कोंग्रेस
का दगड खड़ो ह्व़े गे . भोटर त यो इ त बुलणा होला बल
पातर पर भर्वस कौरि ल्याओ पण यूँ राजनैतिक नेताओं पर भरवस कतै नि करण -क्या बुन्या क्या कन्या !
कति ढिबर बि हंसणा होला की मनिख बि त ढिबर इ च जाणि बूजिक कटेणो बूचड़खाना जान्दो .
कति भोटर अबि बि बुलणा छन भोट दीणो मतबल च अतेडा(कष्ट) अर अरबला (देवता का गलत प्रभाव) ) मांगन एक तैं चुनण /भोट दीण .
अर आखिरैं ! घन्ना भाई क दुश्मन त बुलणा इ ह्वाल बल रांड तैं ग्यूं बि नि मील अर नांगी अलग दिख्याई .
Copyright@ Bhishm Kukreti
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