Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-57
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm कुकरेती
हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -57
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm कुकरेती
हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद
७- हिंदी - हम लोग प्रार्थना कार रहे हैं
कुमाउंनी -हम पराथना करणयाँ
गढ़वाली- हम परार्थना करणा छंवां
८-हिंदी - तुम लोग क्या कर रहे हो?
कुमाउंनी -तुम के करणौ छा ?
गढ़वाली- तुम क्या करणा छंवां ?
९-हिंदी - कुछ व्यक्ति गाना गा रहे थे
कुमाउंनी -क्वे जणी गीत गाणई
गढ़वाली-कुछ लोक गीत गाणा छया / कुछ लोक गाणा गाणा छया
१०-हिंदी - मै जाता हूं . वह जाता है
कुमाउंनी -मै जां . ऊ जां
गढ़वाली- मि जाणु छौं . वु जाणु छ/ वु जाणु च / वु जाणु छौ (विछ्ला ढाञगु में - मि जाणु ह )
११-हिंदी - तुम जाते हो . वे जाते हैं .
कुमाउंनी -तुम जांछा. ऊ जानी
गढ़वाली- तुम जाणा छंवां (आदर सूचक) , तू जाणि छे (प्रेम सूचक ) . वु/वो जाणा छन
१२- हिंदी - वह जाती है
कुमाउंनी -ऊ जैञ
गढ़वाली- वा जाणि च /छ
१३-हिंदी - वे स्त्रियाँ जाती हैं
कुमाउंनी -ऊन श्यैणी जानी
गढ़वाली- वु /वो जनानी जाणा छन
१४-हिंदी - लड़की घर से आई है
कुमाउंनी - चेली घर बे ऐ
गढ़वाली- नौनि /लौडि ड्यार बिटेन ऐ
१५-हिंदी - लडकियाँ पढनी गयी हैं
कुमाउंनी -चेलीं पड़णहूँ गेईं
गढ़वाली-नौनि /लौडि पड़ना जयां छन
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-56
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -56
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद
१-हिंदी - तुम पुस्तक पढ़ रहे थे
कुमाउंनी -तुम किताब पड़णौ छिया
गढ़वाली - तू किताब पढ़णु छौ /छयो
तुम किताब पढ़णा छ्या
२- हिंदी - मै फल खा रहा था .
कुमाउंनी -मै फल खाणौ छियुं
गढ़वाली - मि फल खाणु छौ
३- हिंदी - मैं पढ़ने जा रहा हूं
कुमाउंनी - मै पड़णहूं जाणयूँ
गढ़वाली -मी पढ़णो जाणु छौं
४- हिंदी - तुम घर जा रहे हो
कुमाउंनी -तुम घर जाणौ छा
गढ़वाली -तू घौर /ड़्यार जाणु छे /तुम ड़्यार जाणा छ्न्वां
५- हिंदी - वह बाजार जा रहा है
कुमाउंनी - ऊ बजार जाणौ छ
गढ़वाली -वु बजार जाणु च
६- हिंदी - वे मनुष्य पढ़ रहे हैं
कुमाउंनी -ऊँ मैश पड़णाईं
गढ़वाली - वो/वु मनिख पढ़ना छन
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-55
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -55
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 16
कुमाउंनी व गढ़वाली में कारक भेद
कारक ------------------------------ ----गढ़वाली ---------------------कुमाउंनी -----------------------हिंदी
कर्ता ------------------------------ -- न, ल----------------------------- ले ------------------------------ -ने
कर्म-------------------------- ---- सणि, कु, को, कुणि ---------------कणि,कन, कैं , श -------------को
करण ------------------------------ तै, न , से , ----------------------ले, पिति, कयल, कयां---------से, द्वारा
सम्प्रदान ----------------------खुण, कुण, सणि, कू -----------हीं, हिन, हूँ , हुणि, खीं , खिन, लिज्या -------------के लिए
अपादान --------------------------ते, बिटेन , बटि----------------------हैं, बटि , बटे, बै ------------------ से
सम्बन्ध -------------------------को, क, का, कि------------------------को, का, कि -------------------का, के, की
अधिकरण -------------------------मां , पर, तलक ----------------------में, माझ ----------------------में, पर
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-54
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -54
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 15
कुमाउंनी और गढ़वाळी में संस्कृत तत्सम रूप
दोनों भाषाओँ में कुछ संस्कृत शब्द तत्सम रूप में ही मिलते हैं - जैसे
अन्न, अति, अर्थ , इति, इष्ट , इश्वर, उद्धार, उत्पात, उदय, एकांत, क्रम, कंठ, काल, कुल, गीत,
गोत्र, गति, जन, तप, दुष्ट, दैव, धार, नाग, नाम, प्रबध, प्रेम, पाल, मौन, मृत्यु, ज्ञान आड़.
कुमाउंनी और गढ़वाळी में संस्कृत तद्भव रूप
संस्कृत ------------------------------ -------कुमाउंनी -------------------------गढ़वा ली
अक्षोट ------------------------------ ---------अखरोट ---------------------------- अखरोट
अर्गला ------------------------------ ---------आगोलो
अंकमाल ------------------------------ --------अंग्वाल ---------------------------अं ग्वाळ
कल्यवर्त---------------------- ------------------कल्यौ ---------------------------कल् यौ
कुक्षि------------------------ ----------------------कोख --------------------------कोख
गोष्ठ------------------------- ----------------------गोठ --------------------------गोठ
गोमूत्र ------------------------------ ---------------गौंत ---------------------------गौं त
गोस्वामी ------------------------------ ------------गुशें ------------------------------ गुशें (आई की मात्रा)
ग्राहक ------------------------------ ----------------गहाक --------------------------गाक /गाहक
तुम्ब ------------------------------ ------------------तुमोड़ो----- -----------------------तुमुड़
तप्त ------------------------------ -----------------तातो ------------------------------ -तातो
तिथि ------------------------------ ------------------तीथ ------------------------------ -तिथि
तृषा ------------------------------ --------------------तीश ------------------------------ --तीस
दर्भ ------------------------------ --------------------दाबो
देहली ------------------------------ ----------------देलि ------------------------------ --देळि
नतहिं------------------------- --------------------नंतर
पक्ष ------------------------------ -----------------पाखो ------------------------------ ---पाखो
मुद्गरी ------------------------------ -------------मुंगोरो---------- ----------------------मुंगुर
नाल ------------------------------ --------------------नलौ------- ----------------------नळौ
लिक्षा ------------------------------ ---------------लिखा ----------------------------- लिखल
वलिवर्द----------------------- --------------------बल्द ------------------------------ ----बल्द
आभूषण नामों में समानता और वैशिष्ठ्य
हिंदी ------------------------------ -------कुमाउंनी -------------------------गढ़वा ली
हंसुली ------------------------------ ------सुत्ती /सुत-----------------------खग् वळि
पैरो का चांदी का बजने वाला आभूषण -- झांवर --------------------------झं वरि
हाथ का कड़ा जैसा आभूषण ----------------धागुलो -----------------------धगुल/ धगुलि /धागुलो
हाथ का एक आभूषण -------------------------पौंछि ------------------------पौंछि
करघनी ------------------------------ -----------कमर-ज्योडि
नथ ------------------------------ ---------------नत्थ /नथ -------------------नथुलि
नासिका का आभूषण ------------------------बुलाक -------------------------बुलाक
अंगूठी ------------------------------ ----------अंगूठी ---------------------------अं गूठी
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-52
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -52
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 13
वस्त्र -नामों में समानता व वैशिष्ठ्य
हिंदी ------------------------------ -------कुमाउंनी -------------------------गढ़वा ली
अंगरखा ------------------------------ ----अंगोड़ो/आंगोड़------------- -------अंगुड़
लंहगा ------------------------------ -------घागरि/घागोर ---------------------घगुर/घगरि
वास्कट ------------------------------ ----भोट्टि/भोटि--------------- ----------फत्वी
धोती ------------------------------ ---------धोति ------------------------------ धोति/धुतड़ा
पैजामा ------------------------------ --------शुरवाल---------------- --------------सुलार
कंधे से लेकर नीचे तक
पहना जाने वाला लडकों का पहनावा -------------संतराश----------- -----------संतराज
फ्राक ------------------------------ --------------झगुलि----------- ---------------- झगुलि
जनेऊ ------------------------------ ------------जने ------------------------------ --जंद्यौ
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-51
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -51
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 12
कुमाउंनी और गढ़वाली में घरेलु वर्तन
हिंदी ------------------------------ -------कुमाउंनी -------------------------गढ़वा ली
कटोरा ------------------------------ ----ब्याला ----------------------------- कट्वर, कटोरा , कटोरी , कट्वरि
कटोरा ------------------------------
भदेली------------------------- ----------जाम ------------------------------ ---भदेली
कढाई ------------------------------ ------कढ़े (ऐ पढ़ें ) ----------------------- कढ़े (ऐ पढ़ें )
बड़ा गहरा चम्मच ------------------------------ डाडु ------------------------------ ----डाडु
करछी ------------------------------ --------पंड्योऊलो (औ ) ---------------------------कड़ छुल/कड़छि/करछी
ताम्बे की गगरी ------------------------------ फौन्लो ----------------------------- गागर
ताम्बे/धातु की छोटी गगरी ------------------कुम्भि------ -----------------------तमोळी
लोटा ------------------------------ ------------किशिणि/घंटि------- -------------लुट्या/घंटि
लोटे के आकार का पात्र ---------------------गडुवा ---------------------------गडु वा (दोनो में ड़ पढ़ें )
दाल बनाने का कांसे का पात्र ---------------भडडू --------------------------- भडडू
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-50
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -50
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 11
कुमाउंनी और गढ़वाली में क्रायक अंग
हिंदी ------------------------------ -------कुमाउंनी -------------------------गढ़वा ली
मुख के अन्दर का भाग -----------------खाप ------------------------------ गिच्चु , मुख भितर , खबाड़/खब्वड़
मुख ------------------------------ ---------मुख ------------------------------ मूक
मुख का वह भाग जो होंठों से युक्त है -----थोल --------------------------थु बड़/थोबडु /थोबड
पैर ------------------------------ -------------खुट्टा /खुट-----------------------खु ट्टा /खुट
पिंडलियाँ ------------------------------ -------गोद/नल्यो-------------- --------फिफन
बांह ------------------------------ --------------पांखुड़ ----------------------बौंळ /बौंळा /बौंळु
आंतें ------------------------------ -------------अनाड़------------ ---------------अंदड़
हड्डियां ------------------------------ -----------भांटी ------------------------हडक /हडका
हड्डी ------------------------------ ----------------हांड़ -------------------------हाड
कुमाउंनी और गढ़वाली में अंग क्रियाएं
हिंदी ------------------------------ -------कुमाउंनी -------------------------गढ़वा ली
छींक ------------------------------ ------छिय्याँ /छीं -----------------------छींक/छि ंकण
स्फुरण ------------------------------ --------फुरनो/फुरण --------------------कंपण
एक प्रकार की कंपकंपी----------------------- जकुरनो/जकुरण ---------------- कंपण
नासिका स्राव ------------------------------ --शिकान----------------------- -----सीम्प /सिंघान
कफ्फ ------------------------------ ------------खंकार ----------------------------खं कार
कान का मैल ------------------------------ ----कनगु ------------------------------ कनsगू
दांतों का खट्टा होना ----------------------------कु णीनो ---------------------------दां त सिल्याण
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -49
Comparative ComparativeStudy of Kumaoni Grammar,GarhwaliGrammar, Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-49
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 10
भोज्य पदार्थ
भोज्य पदार्थ
हिंदी ------------------------------ -------कुमाउंनी -------------------------गढ़वा ली
पतला भोजन जो दालों खासकर गहथों
को भिगाकर पीसकर बनाया जाता है -- फाणो/फाण ------------------फाणु
भट्ट नामक की पदार्थ से बना खाद्य ------भट्ट्या----------------- -----भट्वणि
कढ़ी (बिन मसाले, नमक आदि का) --------पल्यौ----------------- -----पळयौ
कढ़ी (मसलादी मिलकर )-------------------झोली --------------------झुळि
चावल पीसकर या आटे का मिश्रण
झोंळी/ साग बनाने हेतु प्रयुक्त ------------बिश्वार----------- --------आलण
सुखा साग या शिकार ----------------------- भुटवा------------------ भुटवा
अरबी ------------------------------ ----------पिणौ/पिनालू--------- --पिंडळु
सन्दर्भ-
1- अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखा, गढ़वाल साहित्यमंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
२- बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कार, पुस्तकालय, नेपाल (Structure of Nepali Grammar)
३- डा. भवानी दत्त उप्रेती , १९७६, कुमाउंनी भाषा अध्ययन, कुमाउंनी समिति,इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
४- रजनी कुकरेती, २०१०, गढ़वाली भाषा का व्याकरण, विनसर पब्लिशिंग कं.देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
५- कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश, २०११-२०१२ , शैलवाणीसाप्ताहिक, कोटद्वार, में लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
६- अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७, गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश ,विनसर प्रकाशन, देहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
७- श्री एम्'एस. मेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
८- श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ी, बेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनीशब्दों के बारे में बातचीत
९- श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्ब, पन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपाल, नेपाली भाषासम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्नपुस्तक , भण्डार, नेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११- कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४, राम्रो रचना , मीठो नेपाली, सहयोगी प्रेस,नेपाल (Nepali Grammar)
१२- चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( सं. तारा दत्त गैरोला, प्र.विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४, १९८९
13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti
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