उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Thursday, March 15, 2012

कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद


Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-57
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -57

सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm कुकरेती

हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद

७- हिंदी - हम लोग प्रार्थना कार रहे हैं
कुमाउंनी -हम पराथना करणयाँ
गढ़वाली- हम परार्थना करणा छंवां
८-हिंदी - तुम लोग क्या कर रहे हो?
कुमाउंनी -तुम के करणौ छा ?
गढ़वाली- तुम क्या करणा छंवां ?
९-हिंदी - कुछ व्यक्ति गाना गा रहे थे
कुमाउंनी -क्वे जणी गीत गाणई
गढ़वाली-कुछ लोक गीत गाणा छया / कुछ लोक गाणा गाणा छया
१०-हिंदी - मै जाता हूं . वह जाता है
कुमाउंनी -मै जां . ऊ जां
गढ़वाली- मि जाणु छौं . वु जाणु छ/ वु जाणु च / वु जाणु छौ (विछ्ला ढाञगु में - मि जाणु ह )
११-हिंदी - तुम जाते हो . वे जाते हैं .
कुमाउंनी -तुम जांछा. ऊ जानी
गढ़वाली- तुम जाणा छंवां (आदर सूचक) , तू जाणि छे (प्रेम सूचक ) . वु/वो जाणा छन
१२- हिंदी - वह जाती है
कुमाउंनी -ऊ जैञ
गढ़वाली- वा जाणि च /छ
१३-हिंदी - वे स्त्रियाँ जाती हैं
कुमाउंनी -ऊन श्यैणी जानी
गढ़वाली- वु /वो जनानी जाणा छन
१४-हिंदी - लड़की घर से आई है
कुमाउंनी - चेली घर बे ऐ
गढ़वाली- नौनि /लौडि ड्यार बिटेन ऐ
१५-हिंदी - लडकियाँ पढनी गयी हैं
कुमाउंनी -चेलीं पड़णहूँ गेईं
गढ़वाली-नौनि /लौडि पड़ना जयां छन
 
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-56
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -56
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
हिंदी, कुमाउंनी और गढ़वाली भाषाओँ में वाक्य भेद
१-हिंदी - तुम पुस्तक पढ़ रहे थे
कुमाउंनी -तुम किताब पड़णौ छिया
गढ़वाली - तू किताब पढ़णु छौ /छयो
तुम किताब पढ़णा छ्या
२- हिंदी - मै फल खा रहा था .
कुमाउंनी -मै फल खाणौ छियुं
गढ़वाली - मि फल खाणु छौ
३- हिंदी - मैं पढ़ने जा रहा हूं
कुमाउंनी - मै पड़णहूं जाणयूँ
गढ़वाली -मी पढ़णो जाणु छौं
४- हिंदी - तुम घर जा रहे हो
कुमाउंनी -तुम घर जाणौ छा
गढ़वाली -तू घौर /ड़्यार जाणु छे /तुम ड़्यार जाणा छ्न्वां
५- हिंदी - वह बाजार जा रहा है
कुमाउंनी - ऊ बजार जाणौ छ
गढ़वाली -वु बजार जाणु च
६- हिंदी - वे मनुष्य पढ़ रहे हैं
कुमाउंनी -ऊँ मैश पड़णाईं
गढ़वाली - वो/वु मनिख पढ़ना छन
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-55
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -55
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 16
कुमाउंनी व गढ़वाली में कारक भेद
कारक ----------------------------------गढ़वाली ---------------------कुमाउंनी -----------------------हिंदी
कर्ता -------------------------------- न, ल-----------------------------ले -------------------------------ने
कर्म------------------------------ सणि, कु, को, कुणि ---------------कणि,कन, कैं , श -------------को
करण ------------------------------तै, न , से , ----------------------ले, पिति, कयल, कयां---------से, द्वारा
सम्प्रदान ----------------------खुण, कुण, सणि, कू -----------हीं, हिन, हूँ , हुणि, खीं , खिन, लिज्या -------------के लिए
अपादान --------------------------ते, बिटेन , बटि----------------------हैं,बटि , बटे, बै ------------------ से
सम्बन्ध -------------------------को, क, का, कि------------------------को, का, कि -------------------का, के, की
अधिकरण -------------------------मां , पर, तलक ----------------------में, माझ ----------------------में, पर
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-54
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -54
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 15
कुमाउंनी और गढ़वाळी में संस्कृत तत्सम रूप
दोनों भाषाओँ में कुछ संस्कृत शब्द तत्सम रूप में ही मिलते हैं - जैसे
अन्न, अति, अर्थ , इति, इष्ट , इश्वर, उद्धार, उत्पात, उदय, एकांत, क्रम, कंठ, काल, कुल, गीत,
गोत्र, गति, जन, तप, दुष्ट, दैव, धार, नाग, नाम, प्रबध, प्रेम, पाल, मौन, मृत्यु, ज्ञान आड़.
कुमाउंनी और गढ़वाळी में संस्कृत तद्भव रूप
संस्कृत -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली
अक्षोट ---------------------------------------अखरोट ----------------------------अखरोट
अर्गला ---------------------------------------आगोलो
अंकमाल --------------------------------------अंग्वाल ---------------------------अंग्वाळ
कल्यवर्त----------------------------------------कल्यौ ---------------------------कल्यौ
कुक्षि----------------------------------------------कोख --------------------------कोख
गोष्ठ-----------------------------------------------गोठ --------------------------गोठ
गोमूत्र ---------------------------------------------गौंत ---------------------------गौं
गोस्वामी ------------------------------------------गुशें ------------------------------गुशें (आई की मात्रा)
ग्राहक ----------------------------------------------गहाक --------------------------गाक /गाहक
तुम्ब ------------------------------------------------तुमोड़ो----------------------------तुमुड़
तप्त -----------------------------------------------तातो -------------------------------तातो
तिथि ------------------------------------------------तीथ -------------------------------तिथि
तृषा --------------------------------------------------तीश --------------------------------तीस
दर्भ --------------------------------------------------दाबो
देहली ----------------------------------------------देलि --------------------------------देळि
नतहिं---------------------------------------------नंतर
पक्ष -----------------------------------------------पाखो ---------------------------------पाखो
मुद्गरी -------------------------------------------मुंगोरो--------------------------------मुंगुर
नाल --------------------------------------------------नलौ-----------------------------नळौ
लिक्षा ---------------------------------------------लिखा -----------------------------लिखल
वलिवर्द-------------------------------------------बल्द ----------------------------------बल्द
आभूषण नामों में समानता और वैशिष्ठ्य
हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली
हंसुली ------------------------------------सुत्ती /सुत-----------------------खग्वळि
पैरो का चांदी का बजने वाला आभूषण -- झांवर --------------------------झंवरि
हाथ का कड़ा जैसा आभूषण ----------------धागुलो -----------------------धगुल/धगुलि /धागुलो
हाथ का एक आभूषण -------------------------पौंछि ------------------------पौंछि
करघनी -----------------------------------------कमर-ज्योडि
नथ ---------------------------------------------नत्थ /नथ -------------------नथुलि
नासिका का आभूषण ------------------------बुलाक -------------------------बुलाक
अंगूठी ----------------------------------------अंगूठी ---------------------------अंगूठी
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-52
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -52
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 13
वस्त्र -नामों में समानता व वैशिष्ठ्य
हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली
अंगरखा ----------------------------------अंगोड़ो/आंगोड़--------------------अंगुड़
लंहगा -------------------------------------घागरि/घागोर ---------------------घगुर/घगरि
वास्कट ----------------------------------भोट्टि/भोटि-------------------------फत्वी
धोती ---------------------------------------धोति ------------------------------धोति/धुतड़ा
पैजामा --------------------------------------शुरवाल------------------------------सुलार
कंधे से लेकर नीचे तक
पहना जाने वाला लडकों का पहनावा -------------संतराश----------------------संतराज
फ्राक --------------------------------------------झगुलि--------------------------- झगुलि
जनेऊ ------------------------------------------जने --------------------------------जंद्यौ
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-51
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -51
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 12
कुमाउंनी और गढ़वाली में घरेलु वर्तन
हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली 
कटोरा ----------------------------------ब्याला -----------------------------कट्वर, कटोरा , कटोरी , कट्वरि
भदेली-----------------------------------जाम ---------------------------------भदेली
कढाई ------------------------------------कढ़े (ऐ पढ़ें ) ----------------------- कढ़े (ऐ पढ़ें )
बड़ा गहरा चम्मच ------------------------------डाडु ----------------------------------डाडु
करछी --------------------------------------पंड्योऊलो (औ ) ---------------------------कड़छुल/कड़छि/करछी
ताम्बे की गगरी ------------------------------फौन्लो -----------------------------गागर
ताम्बे/धातु की छोटी गगरी ------------------कुम्भि-----------------------------तमोळी
लोटा ------------------------------------------किशिणि/घंटि--------------------लुट्या/घंटि
लोटे के आकार का पात्र ---------------------गडुवा ---------------------------गडुवा (दोनो में ड़ पढ़ें )
दाल बनाने का कांसे का पात्र ---------------भडडू ---------------------------भडडू
Kumaoni Grammar,Garhwali Grammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-50
कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -50
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 11
कुमाउंनी और गढ़वाली में क्रायक अंग
हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली
मुख के अन्दर का भाग -----------------खाप ------------------------------गिच्चु , मुख भितर , खबाड़/खब्वड़
मुख ---------------------------------------मुख ------------------------------मूक
मुख का वह भाग जो होंठों से युक्त है -----थोल --------------------------थुबड़/थोबडु /थोबड
पैर -------------------------------------------खुट्टा /खुट-----------------------खुट्टा /खुट
पिंडलियाँ -------------------------------------गोद/नल्यो----------------------फिफन
बांह --------------------------------------------पांखुड़ ----------------------बौंळ /बौंळा /बौंळु
आंतें -------------------------------------------अनाड़---------------------------अंदड़
हड्डियां -----------------------------------------भांटी ------------------------हडक /हडका
हड्डी ----------------------------------------------हांड़ -------------------------हाड
कुमाउंनी और गढ़वाली में अंग क्रियाएं
हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली
छींक ------------------------------------छिय्याँ /छीं -----------------------छींक/छिंकण
स्फुरण --------------------------------------फुरनो/फुरण --------------------कंपण
एक प्रकार की कंपकंपी-----------------------जकुरनो/जकुरण ---------------- कंपण
नासिका स्राव --------------------------------शिकान----------------------------सीम्प /सिंघान
कफ्फ ------------------------------------------खंकार ----------------------------खंकार
कान का मैल ----------------------------------कनगु ------------------------------कनsगू
दांतों का खट्टा होना ----------------------------कुणीनो ---------------------------दांत सिल्याण
मध्य हिमालयी कुमाउंनी , गढ़वाली एवं नेपाली भाषा-व्याकरण का तुलनात्मक अध्ययन भाग -49
Comparative ComparativeStudy of Kumaoni Grammar,GarhwaliGrammar,Uttarakhandi Grammar,Nepali Grammar ,Grammar of Himalayan Languages-Part-49
सम्पादन : भीष्म कुकरेती
Edited by Bhishm Kukreti
कुमाउंनी और गढ़वाळी शब्दों में समानता और वैशिष्ठ्य -भाग- 10
भोज्य पदार्थ
हिंदी -------------------------------------कुमाउंनी -------------------------गढ़वाली
पतला भोजन जो दालों खासकर गहथों
को भिगाकर पीसकर बनाया जाता है -- फाणो/फाण ------------------फाणु
भट्ट नामक की पदार्थ से बना खाद्य ------भट्ट्या----------------------भट्वणि
कढ़ी (बिन मसाले, नमक आदि का) --------पल्यौ----------------------पळयौ
कढ़ी (मसलादी मिलकर )-------------------झोली --------------------झुळि
चावल पीसकर या आटे का मिश्रण
झोंळी/ साग बनाने हेतु प्रयुक्त ------------बिश्वार-------------------आलण
सुखा साग या शिकार ----------------------- भुटवा------------------ भुटवा
अरबी ----------------------------------------पिणौ/पिनालू-----------पिंडळु
सन्दर्भ-
1अबंधु बहुगुणा , १९६० , गढ़वाली व्याकरण की रूप रेखागढ़वाल साहित्यमंडल , दिल्ली ( Structure of Garhwali Grammar)
बाल कृष्ण बाल , स्ट्रक्चर ऑफ़ नेपाली ग्रैमर , मदन पुरूस्कारपुस्तकालयनेपाल (Structure of Nepali Grammar)
डाभवानी दत्त उप्रेती , १९७६कुमाउंनी भाषा अध्ययनकुमाउंनी समिति,इलाहाबाद (Study of Kumauni Language Grammar)
रजनी कुकरेती२०१०गढ़वाली भाषा का व्याकरणविनसर पब्लिशिंग कं.देहरादून ( Grammar of Garhwali Language)
कन्हयालाल डंड़रियाल , गढ़वाली शब्दकोश२०११-२०१२ , शैलवाणीसाप्ताहिककोटद्वारमें लम्बी लेखमाला (Garhwali- Hindi Dcitionary)
अरविन्द पुरोहित , बीना बेंजवाल , २००७गढ़वाली -हिंदी शब्दकोश ,विनसर प्रकाशनदेहरादून (Garhwali hindi Dictionary )
श्री एम्'एसमेहता (मेरा पहाड़ ) से बातचीत
श्रीमती हीरा देवी नयाल (पालूड़ीबेलधार , अल्मोड़ा) , मुंबई से कुमाउंनीशब्दों के बारे में बातचीत
श्रीमती शकुंतला देवी , अछ्बपन्द्र-बीस क्षेत्र, , नेपालनेपाली भाषासम्बन्धित पूछताछ
१० - भूपति ढकाल , १९८७ , नेपाली व्याकरण को संक्षिप्त दिग्दर्शन , रत्नपुस्तक , भण्डारनेपाल (Briefs on Nepali Grammar)
११कृष्ण प्रसाद पराजुली , १९८४राम्रो रचना , मीठो नेपालीसहयोगी प्रेस,नेपाल (Nepali Grammar)
१२चन्द्र मोहन रतूड़ी , गढ़वाली कवितावली ( संतारा दत्त गैरोलाप्र.विश्वम्बर दत्त चंदोला) , १९३४१९८९
13- Notes of Dr Achla Nand Jakhmola on Grammar book by Dr Bhavani Datt Upreti

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments