उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Thursday, December 22, 2011

Let Us Be Effective Manager - Part 1 to 4

Mangament Guru -1
प्रबंध शास्त्री -१
             बृहस्पति : महान मैनजमेंट गुरु
(Notes on Management Theories from Old age till date, Notes on Managemnt Thinkers )
                            Bhishm Kukreti
             बृहस्पति ko जनम महात्मा बुद्ध से भौत पैल भारत मा ह्व़े छौ.
महाभारत मा इन लिख्युं च बल बृहस्पति न प्रबंध शास्त्र पर एक लाख से बिंडी
श्लोक लेखी था. पण य़ी श्लोक कुजाण कख हरची गेन धौ. याने कि बृहस्पति का श्लोकुं
तै रटि क च्यालों नि सम्बाळ .बृहस्पति सैत च चार्वक गुरु था.
इन बुले जान्द बल बृहस्पति न शासन तंत्र पर अपणा नियम बणे छा अर बृहस्पति का नियम
तर्क शास्त्र सम्मत छया .अर बृहस्पति का शास्त्र को नाम नीति शास्त्र या दंड शास्त्र च
Mangament Guru -2
प्रबंध शास्त्री -2
       शुक्र : दुनया का महानतम शासन शास्त्र गुरु
(Notes on Management Theories from Old age till date, Notes on Managemnt Thinkers )
                   Bhishm Kukreti
      शुक्र का नाम भार्गव ऋषि बि च . ऋषि भार्गव या शुक्र का रच्यां श्लोकुं
तैं शुक्र नीति बुले जान्द
        शुक्रनीति मा राजा , राजकुमार का कर्तव्य अर राजा क वास्ता मानक छन जो
    आज का हिसाब से कै बि चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (सी.ई.ओ., C .E .O ) का वास्ता
भौत इ काम की बात छन. क्वी बि चीफ एक्जीक्यूटिव शुक्र नीति तैं पौड़ी लयाल
त वै तैं कुछ हौर पढ़णे जरोरात नी च
शुक्र नीति मा यूँ विषय पर नियम छन :
१-राजा या त दिवता जन ह्व़े सकद य राक्छ्ज जन
२-राजा तैं प्रजापालक hon चएंद याने कि आज को हिसाब से सी .ई.ओ. तैं
कस्टमर अर एम्लोयीज ओरियेंटेड हूण चएंद
३-प्रबंधक का वास्ता उत्तराधिकारी की खोज अर वैकी शिक्षा पर ध्यान दीण जरुरी च
४- राजा या मुख्य प्रबंधक तैं अधिकार्युं क रैण -सैण (रहण सहन ) को पूरो इंतजाम कर्ण जरोरी च
५- कै बि राज/प्रबंध/ मैनेजमेंट मा
राजा/सी.ई.ओ. ,
राजा/सी.ई.ओ. का दगडया,
कोष (रिसोर्स ),
सल्ला दीण वल़ा(सलाहकार ),
राष्ट्र /संगठन /कौर्पोरेसन,
राष्ट्र /संगठन /कौर्पोरेसन तैं बचाणो ब्युंत (रणनीति )
सेना ( कामकाजी ) आदि महत्व पूर्ण छन अर आँख, कंदुड़,मुख, मां, हाथ अर खुट्ट
जन होंदन
६-मंत्रपरिषद या सलाकार समीति मा सुपात्र हूण च्यान्दन अर समीति मा मनोविज्ञान, ऑटो सजेसन ,
रण नीति कार, विचारक, जणगरु , कार्य निर्भाहक (एक्जीक्यूसन ), दूत या डिप्लोमसी का ज्ञांता
होवन
७- मंत्री परिषद्/ टॉप लेवल मैनेजमेंट मा गुण संपन, चरित्रवान, जणगरु/विद्वान्, बीर , हितैसी
वल़ा लोक चएंदन
८-सी.ई.ओ.या राजा का दायित्व च- योग्यता क हिसाब से अधिकार्युं तैं नियुक्त करे जौ अर
वू तैं पूरो निर्देश दिए जाओ जन से वो अफिक काम कना रावन . सी.ई.ओ.या राजा तैं
कर्म्चारियुं भरण पोसन को पूरो इंतजाम करण चएंद . सूचना को
९- कोष मा ब्रिधी अर खर्च को पूरो इंतजाम हूण चएंद (रिसोर्स मैनेजमेंट ) अर सूचना को औण -जौण को
समुचित प्रबंध.
१०- सी.ई.ओ. या राजा तैं रण नीति को जणगरु हूण चएंद
११- राजा या सी.ई.ओ. तैं अपण अर प्रतियोग्युं क बल का बारा मा हर समौ
पूरी जानकारी हूण चएंद
१२- कार्यालय सम्बन्धी जानकारी बि सी.ई.ओ./राजा तैं हूण जरोरी च
भीष्म की सल्ला च जब भी क्वी बड़ो पद पर जान्दो वै तैं शुक्र नीति जरोर पढ़ण
चएंद . मीन सी.ई.ओ का वास्ता लिखीं भौत सी किताब बांचिन पण
सी. ई.ओ का वास्ता शुक्र नीति से बढ़िया किताब अबी तलक रचे ही नि गे
अगर कैन सी.ई.ओ का बान लिखी त जेनेरल मैनेजमेंट पर ल्याख अर
रण नीति पर कुछ नि ल्याख अर रण नीति पर लेखी त जनरल मैनेजमेंट पर नि ल्याख
पण शुक्र नीति मा सौब बथों पर लिख्युं च
बकै अग्वाड़ी फड़की -३ मा 
Mangament Guru -3
प्रबंध शास्त्री -३
                                       महाभारत : मैनेजमेंट इनसाईक्लोपीडिया  
                                       Mahabharat : Mangement Encyclopedia
(Notes on Management Theories from Old age till date, Notes on Managemnt Thinkers )
 
                                       Bhishm kukreti
 
  महाभारत मा प्रबंध शास्त्र अर जुद्ध नीति का हरेक सूत्र छन . महाभारत की
हरेक कथा मा प्रबंध विज्ञान की सीख च
            विदुर नीति, पाराशर नीति , श्रीमद भगवद  गीता , या विष्णु शहस्त्र नामा सी.ई.ओ  का वास्ता
मैनेजमेंट का सूत्रों की व्याख्या करदन
 विष्णु सह्श्त्र नामा मा विष्णु का जो हजार नाम छन वो सी.ई. ओ. का गुण छन
 चूंकि महाभारत भौत ही बड़ो च सी.ई.ओ का वास्ता पढ्न मा दिक्कत को काम च
पण मैनेजरूं  अर सी .ई ओ सणि विदुर नीति , भगवद गीता अर विष्णु शहस्त्र नामा बंचन ही चयेंद
 
 
Mangament Guru -4
प्रबंध शास्त्री -4
                                   श्रीमद भगवद गीता अर अष्टावक्र की महागीता : ऑटो सजेसन को महामंत्र
                                   Shrimad Bhagvad Geetaa : The best books on Auto Sugession
 (Notes on Management Theories from Old age till date, Notes on Managemnt Thinkers )
                                             
                             Bhishm Kukreti
 
                हिंदुऊँ न छै भरत का दर्शन शास्त्र , भगवद गीता , अष्टावक्र की महागीता तैं हिंदुऊं धर्म या सनातन पंथ
 क शास्त्र बथैक दुनिया का भौत बड़ो नुकसान करी दे.
      छै दर्शन शास्त्र,  भगवद गीता या महागीता कै बि रूप मा धार्मिक या पंथ शास्त्र नी छन
सबी मनोविज्ञान का बाबत लिख्याँ शास्त्र छन ना कि हिंदु मुतालिक शास्त्र .
  श्रीमद भगवद गीता या अष्टवक्र की महागीता निपत्त मनोविज्ञान की किताब छन
यूँ किताबों मा भगवान् या पंथ की क्वी इन बात नी च जो सनातन धर्म से समबन्धित ह्वावन
   ऑटो सजेसन समझणो बान द्वी किताब भली छन .
  ऑटो सजेसन मैनेजमेंट मा एक भौत ही जरुरी कौंळ च. मैनेजर अपणा  अधिकार्युं तैं ऑटो सजेसन का
बल पर काम तैं पुरो करान्दन अर गीता या महागीता ऑटो सजेसन तैं बिन्गान्दन
       भीष्म कुकरेती की सलाह च जब बि मैनेजर गीता या अष्टावक्र की महागीता बांचन त धर्म का
हिसाब से कत्तई नि बांचन बलकण मा ऑटो सजेसन का प्वाइंट से बांचन
 
Copyright@ Bhishm Kukreti, Mumbai 2011 

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments