गढवाळऐ बड़ा आदिम (मलारी काल से लेकी अब तलक: फडकी-३
( Great Personalities of Garhwal from Malari Era to till Date Part -3 )
उत्तराखंड मा बुद्ध जुग या बुद्ध मत वालूँ मा प्रसिद्ध मनिख
मयूरध्वज कु जैन रज्जा : महावर कु समौ उपरान्त (500 इशा पूरब न्याड़ ध्वार ) उत्तराखंड कु द्खिंनी अडगें (क्षेत्र), नजीबाबाद कु नजीक मा कबि जैन रज्जा कु राज छयो.
श्रुघन नगर कु बामण ५०० इशा पूर्ब) : उत्तराकह्दं की द्खिंनी अडगें (क्षेत्र) मा एक बामण रौंदू थौ जु बड़ो विद्वान थौ अर घमंडी बि थौ. महत्मा बुद्ध इख ऐ छ्या अर ऊन वै बामण कु घमंड ख़तम करी थौ (चीनी गौन्त्या (भ्रमणकारी) युवान चांग की गौन्त्या को बिरतांत/ डायरी )
गंगाद्वार (हरिद्वार ) अर मोरगिरी का वासिंदो को दान (५०० इशा पूर्ब) : यीं अडगें (क्षेत्र) वालुंन भारहुत बौध स्तूप तोरण का वास्ता दान दे थौ. यूँ दान्युं मादे चक्रमोचिका पुत्र नागरक्षित भूध भिक्षु बौंण अर गोतिपुत , वाछिपुत धनभुती, बाधपाल, भी बौध भिक्षु छया . नागार्क्षित (नागिल) की बैणी बि भूध भिक्षुणि छे ,
भौत बड़ो रज्जा अशोक : इन बुल्दन बल भौत बड़ो रज्जा अशोक न उत्तराखंड प्र राज करी थौ ( 258-257 B.C) अर वैका खैकर ( प्रतिनिधि ) उत्तराखंड का पुराणा रज्जा ही छया ( डा शिव प्रसाद, उत्तराखंड का इतिहास -३ )
मंझिम स्थविर : बौध मोग्ग्लिपुत स्थविर न उत्तराखंड मा बौध धर्म फुळणो/ फैल़ाणो काज मंझिम स्थविर तैं दे छौ जु उत्तराखंड ऐ छौ.
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments