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चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट ::: भीष्म कुकरेती
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चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट ::: भीष्म कुकरेती
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घरवळि (करुण भौण, जन मूसक मथि जन्ति धरीं ह्वाव) - म्यार त सद्यनि ग्वरकटा दिन रैन।
मि (औत्सुक्य भाव ) - हैं ? इथगा समझाणो बाद बि कुत्ता बिरळ पाळणै इच्छा नि मोरी ? मि तै जरा फ्रीडम ऑफ स्पीच पर कुछ तैयारी करण दे जरा।
घरवळि (दैन्य अर असूया मिश्रित भाव ) - कुत्ता बिरळ पळणो गाणी -स्याणी त मड़घट धौरी याल पर तुम कबि बि मि तैं मुहल्ला मा गर्व से रौण नि दींदा।
मि (विस्मय ) - हैं कार च , ड्राइवर च , भांड धूण वळि अलग च , झाड़ू पुत्या वळि अलग अर मोटापा दूर करणै मशीन अलग से च फिर बि ?
घरवळि (दैन्य )- ह्यां यूं छुटि मुटी बत्थों से अब क्या घमंड हूण।
मि (निर्वेद ) - किट्टी पार्टी म कुछ कमी रै ग्यायी क्या ?
घरवळि (आवेश ) -अरे किसके बाप में है दम जो मेरे से बढ़िया लैविश पार्टी दे सके।
मि (धीमा स्वर पर क्रोध )-ह्यां त क्या बिजोग पोड़ ?
घरवळि (आवेग ) - सबुं घरवळुंन पद्मावती क विरोध कौर याल पर एक तुम छा कि अबि बि दिल्ली मा प्रदूषण , अयोध्या मा खरदूषण अर देहरादून मा भ्रष्टचारण का वेदनाराग बजाणा छा।
मि (आँख कताड़िक )- पद्मावती ?
घरवळि -हाँ मेरी सब सहेल्यूं पतियुंन पद्मावती फिल्म का विरोध शुरू कौर याल अर तुम अबि बि फ्रीडम औफ स्पीच की तयारी करणा छा।
मि (गिच्च पसारिक )- पद्मावती का विरोध ?
घरवळि (खिन्नता )- हाँ पद्मावती फिल्म का प्रबल विरोध।
मि (प्रश्न ) -अरे पर कन विरोध ?
घरवळि (सांस मथि )- कन कन विरोध। जन हूंद च विरोध मुहल्ला मा।
मि ९ांखक भौं संकुचित )-मुहल्ला मा विरोध ?
घरवळि (गिच्च मड़कैक )- हाँ मिसेज गदगदी का हजबेंड मिस्टर बबरट्या सिंग न 'भिभरट्या सेना ' का नामसे पैम्पलेट छापिक अपण बिल्डिंग मा बांटी आलीन।
मि (द्वी ऊंठ भैर करिक )-'भिभरट्या सेना?
घरवळि (विषाद अर आवेग )- हाँ अर विरोध मा मिसेज थुलथुली का पति कठगी सिंगन 'करो या मरो सेना' का नाम से पैम्पलेट प्रकाशित करिक चणा वाळ तै दिएन ।
मि -'करो या मरो सेना' ?
घरवळि (निरंतर रोमांचित आवेग ) - मिसेज म्वाट ऊँठ का कजे बीमार सिंगन ' दुर्बल सेना ', मिसेज सिमसिमि का हज़्बेंड मरखुड़या प्रसादन 'ब्राह्मण सेना ' का नाम से पोस्टर बणैक अपण ड्रवाइंग रूम मा चिपकाइ ऐन। इनि सब्युंक पतियोंन विरोध जताये याल
मि (भ्रम )- यां पर के बत्तु विरोध।
घरवळि (उत्साह ) - इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं।
मि -हैं ?
घरवळि (हर्ष व आवेग ) - हम अपनी बेज्जती नहीं सहेंगे , हम अपनी शान पर बट्टा नहीं लगने देंगे....
मि (स्थिर ) -पर कै कैन पिक्चर देखि आल
घरवळि (घबड़ाट ) -अबि त कैन बि नि द्याख। जब सेंसर बोर्डन फिल्म नि देखि त हम कनै दिखला ?
मि (वक्रोक्ति ) - हैं फिलम इ नि देखि अर विरोध शुरू ?
घरवळि (सीना तानिक ) - हाँ विरोध का सब तैं हक्क च।
मि (शांत ) -हाँ पर जब पता हो कि फिलम माँ छ क्या च तबि त विरोध करे सक्यांद कि ना ?
घरवळि (उग्रता ) -नहीं विरोध हूण इ चयेंद।
मि - अर फिर यी सिरफिरा छन कु छन जु हम तै बताल कि मीन क्वा फिल्म दिखण अर क्वा नि दिखण। यी कु छन निर्णय करण वळ कि कु विषय सही च अर कु विषय निसही च।
घरवळि (स्पष्ट ) - द्याखो मि नि जणदु कि क्या सही च अर क्या निसही च। मि यी जणदु कि मुहल्ला मा पद्मावती फिलम का विरोध से लोग गर्वानित हूणा छन। त मुहल्ला मा घमंड दिखाणो बान तुम बि पद्मावती विरोध कारो। आखिर हमर सम्मान कु सवाल च।
मि - नहीं मि यी मध्ययुगीन कालीन जाहिलाना कार्यों मा साथ नि दे सकुद।
घरवळि (ताकीद ) -मतलब तुमन पद्मावती विरोध नि करण ?
मि (स्प्ष्ट ) - बिलकुल ना। हम इक्कीसवीं सदी मा छंवां। तैमूर लंग काल मा नि छंवां। स्वतंत्रता अर निर्द्वन्द स्वछंदता मा अंतर् हूंद। अधिकार का साथ कर्तव्य परायण बि दिखण आवश्यक च। अब जंगल राज नी च प्रजातंत्र च
घरवळि (उग्र भाव ) - अंतिम फैसला ?
मि (निर्वेद )- अंतिम फैसला। पागलपन की बि हद्द हूंद। मि जाहिल , गैर तहजीबी , गैर जम्हूऱियति , गैर प्रजातन्त्री कार्यों तै स्पोर्ट नि कौर सकुद।
घरवळि (घमंड व उच्च स्वर ) -ठीक च त मि अपण प्रश्नावली मौसी तै आठ दस दिनों कुण भट्यांदु।
मि (चीत्कार )- नहीं नहीं ! प्रश्नावली मौस्या सासुक प्रश्न झेलणै ताकत मीम नी च।
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(कृपया मि तै बताओ मि क्यार कौर ? विरोध या निविरोध ?)
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17/11 / 2017, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
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