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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, December 3, 2017

कनो तुमर गां मा तीलू रौतेली , माधो सिंह या अम्बेडकर नि छा ?

(Best  of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
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 चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट  :::   भीष्म कुकरेती    
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  मीन चिर सुंदरी भुंदरा बौ कुण फोन लगाई। 
मि - पहचान कौन ?
चिर सुंदरीभुंदरा  बौ -. पछ्यण क्या च।  ह्वेल त अपणी ब्वे बुबाक ही ना। 
मि -पहचान कौन ?
भुंदरा  बौ -. जिओ फोन लाण से , आवाज बदलण से भीषम कीषम त नि ह्वे जांद ना। 
मि -मानी ग्यों हां।
भुंदरा  बौ -. अच्छा इन बोल इन कुबगत पर फोन ? 
मि - ह्यां ये बौ !मि तैं कुछ ख़ास लिखणौ प्रिगनेंसी पेन उठी गे।  
भुंदरा  बौ -. औ इन बोदी कि लिखणै बड़ी जोर की झाड़ा लग गे। 
मि -द्वी एकि ह्वे।
भुंदरा  बौ -.  कै विषयै जोर की झाड़ा लग ?
मि - बीरांगना तीलू रौतेली , भड़ माधो सिंह अर बाबा साहेब अम्बेडकर पर लिखणो प्रिगनेंसी पेन उठ्युं च। 
भुंदरा  बौ (नाराज भौण )-. त लेखी लेदी।  मीन त रोक नी च।  
मि - ना ना पर तेरी सहायता चएणी च।
भुंदरा  बौ (व्यंग्यात्मक स्वर )-. अरे तुम शहर वळुं तैं हम गंवड्यों से क्यांकि मदद चयेंदी ? 
मि - वु क्या च कि तुम गाँव वळुं  तीलू रौतेली बारा मा क्या धारणा च।  माधो सिंह भंडारी से क्या प्रेरणा लींदन गाँव वळ  अर .. 
भुंदरा  बौ (करकस )  -.  अर क्या ?
मि - अर  बाबा साहेब आंबेडकर कु कथगा प्रभाव च गाँव मा ? 
भुंदरा  बौ -.एक बात बथादि बल तीलू रौतेली पर अब तक कथगा लिखे गे होलु ? 
मि - सैकड़ों दैं लिखे गे होलु, चालीस पचास टेप अर फिल्म बणीं छन , नाटिका लिखे गेन , नाटक खिले गेन. अर दुसांत जिना मूर्ति बि लगीं च।  
भुंदरा  बौ (कसैली भौण )-. औ।  अर बागण जयोरु बारा मा आज तक कथगा दैं लिखे गे या समिण गांवक रिखणी जयोरु बाराम क्या क्या लिखे गे ?
मि - बागणी दादी त मेरी ख़ास झड़ बूड ददि छे।
भुंदरा  बौ -.  पता बि च तेरी बूड ददि नाम कुंती से बागणी किलै पोड़ ह्वाल ?
मि - उ उ त  उ  ... 
भुंदरा  बौ (गुस्सा )  -.  उ उ क्या।  मि बथांद जब चार रोहिला गुज्जर नागराजा मंदिर लुठणो ऐ छा तेरी बूड ददिन अकेला थमळिन तीन रोहिलाओं तै छणकै छौ कि ना ? अर तिसर भाजी गे छ्याइ  कि ना ? अर फिर वैक बाद कबि बि रोहिला गुजर हमर गाँव त राइ दूर हमर क्षेत्र मा धावा बुलणो कबि नि ऐन।  झूठ कि सच ?
मि - हां एक गीत बि लग छौ बल -- कुंती बांद  ब्योली बगणी बण गे, कुंती छोरी बगणी बण गे।  थमळी लेकि चमुंडा बण गे   ....
भुंदरा  बौ (ओज मा )-. अर इनि बिधाता जयोरुन रिखणी मारी छे तो रिखणी नाम पाई कि ना ? 
मि -हाँ 
भुंदरा  बौ (वक्रोक्ति ) -. अर कांडै  गांवक कुद्या सौकारक नौनौ  नाम सट्टी सौकार किलै पोड़ 
मि - नाम त धनसिंग  छौ पर एक रौल  का ऊपर बीस हाथक कुंळैं डाळ कोरिक कूल लगाइ उंन अर अपण जमीन पण चर कार।  चार पांच  साल लगिन कुंळैं डाळ लाण , कुर्याण अर रौलक द्वी धारुंम धरणम।  आज कांडै गाँव पणचर गाँव च।  गीत बि च धन हो रे धनसिंग , रगड़ तै स्ट्यण  बणाई।
भुंदरा  बौ -.तीन के दैं पुरिया नैथाणी पर लेख लिखी छौ।  लिखी छौ कि ना ?  
मि - हाँ। 
भुंदरा  बौ -.गुरख्याौं तै लंगूरगढ़ जितद जितद कथगा साल लगिन ?
मि -बारा साल।
भुंदरा  बौ -. यूं बारा सालम लंगूर , शीला , डबरालस्यूं , अजमेर, बदलपुर  अर ढांगू का लोगुं गढ़वाल बचाणम , रक्षाम क्वी भूमिका बि रै होली कि ना ? 
मि - राजा से अधिक त सलाण्यूं भूमिका छै। 
भुंदरा  बौ (वक्रोक्ति ) -. अर हमर सलाणम शिल्पकारुं क्या क्या आंदोलन चल ह्वाला बगैर आंबेडकर की प्रेरणा से ?
मि - आर्य समाज का जनेऊ आंदोलन, आर्य समाज प्रेरित डोला पालकी आंदोलन , कुछ जगा जमीन हक्क आंदोलन। 
भुंदरा  बौ (रौद्र ) -.  क्या बागणी अर रिखणी जयोरुं योगदान तीलू रौतेली से कम छौ। 
मि -नै। 
भुंदरा  बौ (रौद्र )-.  क्या सलाण वळुं क्षेत्र रक्षा मा लोदी रिखोला से कम छौ ?
मि -न बिलकुल बि ना।
भुंदरा  बौ -.  क्या धनसिंग कु योगदान अपण हिसाब से माधो सिंह भंडारी से कम छौ 
मि - ना ना। 
भुंदरा  बौ (कसैली भौण ) -. तो  साहित्यकार माराज !  वी  आटु दुबर  किलै पिसणु छे जु पैली पिस्युं च  ? 
मि - ऊं उं
भुंदरा  बौ -.  कूं कूं नि कौर अपण क्षेत्र का तीलू रोतेल्यूं पर खोज कौर , अपण क्षेत्र का माधो सींगों की खोज कौर , अपण क्षेत्र का लोदी रिखौलों तै जाण , अपण क्षेत्र का आंबेडकरूं कार्य तै समझ।  फिर यूं तै सब तै बताओ।  जौं पर साहित्य उपलब्ध च वां पर त क्वी बि आम लिख्वार लेखी सकद , असली बुद्धिमान लिख्वार तो वु हूंद जु छुप्यां हीराओं तैं दुनिया समिण लावो।  
मि - मि धन्य ह्वे ग्यों मेरी विदुषी गार्गी ! चलती क्या खंडाला ?
भुंदरा  बौ -.अपणी सैणि तै लिजा खंडाला।  मेकुण त मयारु गाँव प्यारु।  

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16/11 / 2017, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India

*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
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    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
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