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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Sunday, December 3, 2017

हे इंदिरा पौत्र ! चुगुलखोर बि विकल्प बथांद च जी

(Best  of  Garhwali  Humor , Wits Jokes , गढ़वाली हास्य , व्यंग्य )
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 चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट  :::   भीष्म कुकरेती    
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 हे भिवष्य का भारत विधाता क्षमा कॉंग्रेस का मालिक ! इंदिरा पौत्र ! जब बि तुम विदेश जांदा उखक ट्रेनिंग से तुम पर बरबरि , चरबरी अर बुलणम झकज्याट ऐ जांद अर दिन बितद बितद फिर पप्पुयाट छै जांद। 
 चलो भलु ह्वे हे नेहरू खानदान का दुप दुप करदो चिराग ! बल तुम ऐन गुजरात चुनाव से पैल अमेरिका से 'हाउ टु मेक पीपल फूल यानी हाउ टु बिहेव ऐज अफेक्टिव  अपोजिशन लीडर ' की परिपूर्ण ट्रेनिंग लेकि आवां  अर अब जरा ठीक से ट्वीटाणा छंवां , जरा सि अकल लगैका बुलणा छां अर अपण जग हंसाई नि करणा छा निथर लोक त सुचणा छा राजिव नंदन से तेज तर्रार त लालू नंदन च। 
    हे सौनेय! निथर अब तक त सोनिया जी बि बड़बड़ांदि छे कब आली म्यार राहुल पर अक्कल ! अब कुछ तो अकल की बात करणा छंवां।  मान गए आपके नए अमेरिकी उस्तादों को , परसनलिटी डेवेलपमेंट ट्रेनरों को ! 
   पर हे सफेद कुर्ता धारी !  तुम पर  मोदी पर अभियोग लगाणो बीमारी तो खतम इ नि ह्वे।  ना ना ! हे इटली  दौहित्र  ! मि तुमर जनमजाति अधिकार नि लुठणु छौं जी।  तुमर खानदानौ अलावा या खानदान प्रतिनिधि का अतिरिक्त क्वी हौर प्रधान मंत्री बण जावो तो तुम तै वैकि कटु आलोचना करणो जनमजाति अधिकार च जी। 
     हे प्रिंयका तात ! मि तुमर भारतीय शासन पर एकाधिकार पर धक्का लगाणो बात नि करणु छौं। हे डॉग लवर ! मि त मोदी पर तुमर अभियोग लगाणो तरीका की मखौल उड़ाण चाणु छौं।    
  हाँ जी हां ! हे बाड्रास्य श्याल: ! मि तुमर मजाक उड़ाण चाणु छौं। हे राईहान ममा जी ! मि तुम्हारी छीछलेदारी करण चाणु छौं। 
       हे अमेरिका का  ग्रेजुएट ! तुम मोदी जी पर फिर से अभियोग लगाणा छंवां बल मोदी जीन डिमोनीटाइजेसन  से इंडिया का भतिया भंद कर दे।  अर्थ शास्त्र , आर्थिक स्थिति अर विज्ञापन इन चीज च जां पर सियुं मनिख बि टिप्पणी कौर दींदु तुम त फिर बि कॉंग्रेस का बादशाह छंवां तुम टिप्पणी नि करिल्या तो क्या करोड़ों निरक्षर भारतीय टिप्पणी कारल ? अभियोग लगाण त  विरोधी पार्टीक संवैधानिक अधिकार च जी। 
     पर हे सोनिया नंदन ! अभियोग लगाणो काम तो क्वी बि गली का पियक्क्ड़ क्या कुत्ता बि लगै सकद कि मोदी जी या सोनिया जीकी या योजना ठीक नी च।  हे राजीव पुत्र ! तुम मा अर गली का पियक्कड़ मा एक भारी अंतर् च बल पियक्कड़ केवल बकबास करणो बान , मत मारणो  बान मोदी जी पर अभियोग लगांद पर हे राहुल जी ! तुम त दुबर सत्ता पाणो बान अभियोग लगाणा छंवां। 
          हे कॉंग्रेस का भाग्य विधाता ! तुम तै अकल लगाण चयेंद कि ना बल जब विरोधी अभियोग लगांद त दगड़म वीं कमजोरी का विकल्प भी दींदु।  याद कारो जब अरविन्द केजरीवाल जीन  तुम पर अभियोग लगाई छौ तो दगड़म अभियोग का विरुद्ध विकल्प भी देन अर तब जैक अरविन्द केजरीवाल जी द्वी दैं दिल्ली चुनाव जीत।  मोदी जी तो कॉंग्रेस का जड़नाश करदा करदा नि थकणा छन अर अबि बि कॉंग्रेस पर अभियोग पर अभियोग लगाणा ही छन।  किन्तु मोदी जी अर गली का पियक्कड़ मा भारी अंतर् च बल मोदी जी दगड़म विकल्प बि दींदन। 
      हे गुजरात चुनाव जीत का अभिलाषी युवा नेता ! यदि तुम मोदी जी पर डिमोनीटाइजेसन या GST पर अभियोग लगाणा छा तो दगड़म लोगुं तैं  विकल्प बि बथाओ बल तुम यदि गुजरात चुनाव जीती ग्यायी तो डिमोनीटाइजेसन से  उपजीं बिपदा तै कनकै भगैल्या।  गुजरात मा GST  तै कनकै सुधरिल्या ?  बगैर विकल्प का अभियोग मा क्वी दम नि हूंद राहुल जी।  गली का आम पियक्कड़ तो रोज अभियोग ही लगांदन तो क्या लोग पियक्कड़ों  तै प्रधान मंत्री बणै  दींदन ? नहीं जी नहीं।  विरोधी दल का अभियोग अर गली का पियक्कड़ मा सबसे बड़ो अंतर् हूंद बल गली वळ विकल्प नि दींद अर विरोधी नेता तागतवर विकल्प दींदो।      
         हे कॉंग्रेस बत्सल ,हे  कॉंग्रेस स्वामी ! हे राहुल जी ! कृपया GST का विकल्प बगैर अभियोग नि लगावो , डिमोनीटाइजेसन का विकल्प बगैर अभियोग नि लगावो।  विकल्प ही तो विरोधी दल का नेता तै  सत्ता तक पौंछांद।  विशेष विकल्प ही तो सोनिया गांधी जी  अटल जी  तैं कुर्सी बिहीन करद।  2009  का लोकसभा चुनाव मा आडवाणी जीन कॉंग्रेस पर पता नी कथगा अभियोग लगैंन  धौं किन्तु आडवाणी जीकी कैन नि सूणी। आडवाणी जी गली का पियक्कड़ जन विकल्प बिहीन अभियोग लगाणा  रैन अर कॉंग्रेस ऐंड कम्पनी चुनाव जीती गे  . 
           तो राहुल बाबा ! अबि बि बगत च बल हर अभियोग का साथ विकल्प बि बथाओ निथर तुमन बि आडवाणी जी की योनि भुगतण हाँ।  विरोधी दल का हथियार अभियोग त अवश्य च पर असली मारक  हथियार तो अभियोग का विकल्प च माराज।  
        ' हे कॉंग्रेस-धिराज , कॉंग्रेस्यूं  तारनहार राजीव रत्न ! 'विकास पगला गया'' कुछ हद तक सही प्रश्न च।  किन्तु तुमन त अपण विकासौ नाम देई नी च त हे फिरोज गांधी पौत्र ! लोगुंन तुम तै गंभीरता से कनै लीण ?       
    आपम त चमचा अर चुगलखोरुं फ़ौज च त याद कारो जरा जब गुजरात की अमीबेन यागनिक बैणि जब तुमर समिण भरत सिंह सोलंकी  जीकी  आलोचनि करदि त दगड़ मा इन बि त बोदी होली कि सोलंकी को कु विकल्प च ? या वा बि तुमर तरां बगैर विकल्प का बड़बड़ाणी रौंदी ? चुगलखोर बि विकल्प दींदन तो हे रोलीन विश्वविद्यालय ग्रेजुएट ! फिर आप किलै  विकल्प नि दींदा ? 
      प्रकृति का भी यो ही नियम च यदि जै जगा बांज उगण बंद हूंदन उख कुंळैं उगण शुरू ह्वे जांदन। जख्या जमण बंद करण त क्वाद बूण पोड़द। जख लैंटीना मरण हूंद त तूंग  , गींठी उगाण पड़दन। मोदी जीकी प्रिय खिचड़ी  पर अभियोग लगाण काफी नी च अपितु विकल्प मा कॉंग्रेसी पिजा परोसण  बि जरूरी च। 
        मेरी  राय च खाली , केवल अभियोग इ  नि लगावो अपितु भारतौ वास्ता सुखमयी , संपनमयी , ऊर्जावान भारत का विकल्प बथाओ जी। 
    हां ! पर तुमन किलै सुदरण , सुदरणै जरूरत बि क्या च ? कौन से कॉंग्रेसम तुमर विकल्प च जी जु तुम तै कैकि डौर हो । 
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9/11 / 2017, Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India

*लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
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    ----- आप  छन  सम्पन गढ़वाली ----
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