आलेख -भीष्म कुकरेती
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उत्तराखंड में पिछली सरकार ने औद्योगिक भांग कृषि हेतु कदम उठाये ही थे कि भद्रजनों व नारकोटिक्स सरीखे विभागों ने कदम उठाने से पहले ही कदम के आगे रोड़े नही एसिड बिखेर दिया।
भांग जैसे लाभकारी पौधे को राक्षस नाम दिया जा रहा है। किसी की समझ में नहीं आ रहा है कि जिनको नशा ही करना है उन्हें खेत के भांग की आवश्यकता नहीं होती है। जूं के डर से कपड़े पहनना बंद नहीं किया जाता वैसे ही नशा व्यापार के डर से औद्योगिक भांग उगाने की नीति बंद नहीं की जानी चाहिए।
मनुष्य सभ्यता में भांग की खेती पुरानतम खेतियों में से एक है। भांग जैसे लाभकारी पौधे को राक्षस नाम दिया जा रहा है। किसी की समझ में नहीं आ रहा है कि जिनको नशा ही करना है उन्हें खेत के भांग की आवश्यकता नहीं होती है। जूं के डर से कपड़े पहनना बंद नहीं किया जाता वैसे ही नशा व्यापार के डर से औद्योगिक भांग उगाने की नीति बंद नहीं की जानी चाहिए।
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भांग के पर्यावरण संबंधी लाभ -
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भांग के बीजों के लाभ -
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१- भांग खेती कम उपजाऊ भूमि में भी हो सकती है
२- निम्न स्तर THC (टैट्राहाइड्रोकैनाबि न्वाइड्स ) वाले भांग उत्पादन से हसीस /नशा पदार्थ नहीं बन सकता है
३-फसल चक्र हेतु भांग बहुत ही प्रभावकारी फसल है (उत्तरखंड में मकई के साथ भांग का बोया जाना विज्ञान सम्मत विधि है ) . लोबिया को भी भांग से फसल चक्र लाभ मिलता है।
४-भांग खेती हेतु 90 -110 दिन ही चाहिए
५- भांग 16 फ़ीट की ऊंचाई तक जा सकता है और एक जड़ फ़ीट गहराई तक जाता है। और भूमि की गहराई से पोषक तत्व खींचने में कामयाब पौधा है। फिर जब बांग के पत्ते भूमि में गिरते हैं व सड़ते हैं या जलाकर राख बनते हैं तो ये पत्ते बाद वाली फसल को पोषक तत्व देते हैं। भांग की जड़ें एक फ़ीट गहरे जाने से भांग भूमि के अंदर जुताई करने में सक्षम है
६- भांग एक ही खेत में सालों साल तक बोने की बाद भी उत्पानशीलता में कमी नहीं आती है
७- भांग में अल्ट्रा व्वॉइलेट किरण प्रतिरोधक शक्ति सोयाबीन आदि से शक्ति होती है
8- भांग खर पतवार नही जमने देता है
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भांग तेल के लाभ
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१- भांग तेल हारमोन संतुलन में सहायक होता है
२-भांग तेल स्किन प्रोटेक्टिव लेयर को ऊर्जा देता है
३- भांग तेल कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक है
४- भांग तेल डाइबिटीज में भी लाभकारी हो सकता है
५- भांग तेल सोराइसिस में लाभकारी हो सकता है
६- रोधक शक्ति वृद्धि में काम आता है
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भांग के अन्य उपयोग
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१- ड्रेस मटिरियल्स , मैट्स आदि
२- फैशनेबल थैले
३-बोर्ड
४- कई प्रकार के इंसुलेटर वस्तुएं
५- कंक्रीट ब्लॉक्स
६- फाइबर ग्लास में मिश्रण हेतु माध्यम
7- गहने
8- जानवरों के गद्दे /विस्तर
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प्रश्न है कि किस तरह भांग का औद्योगिक उत्पादन किया जाय कि आर्थिक क्रान्ति आ जाय। एक समय अठारवीं सदी में काशीपुर में ईस्ट इण्डिया कम्पनी की एक फैक्ट्री के कारण पहाड़ों में भांग खेती में वृद्धि हुयी थी।
भाग को निर्यात माध्यम समझकर ही इसे अपनाया जायेगा
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