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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, December 13, 2017

वोटुं बान गधों तैं बाप बुले जान्द त जनेऊ पैरणम क्यांक शरम?

चबोड़, चखन्यौ, झीस : भीष्म कुकरेती
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 ब्याळी पुराणी धुराणी, कबसलिं पार्टी का नव निर्वाचित अध्यक्ष अर नया नया नखरों का साथ जनेऊ धारी लाटो गळ्या से मुलाक़ात ह्वे गे .
मि – क्या रै लाटु गळ्या आज गौळ बुकणो जगा जंद्यौ छै बुकणु?
लाटो गळ्या  - हाँ अमेरिकी कन्सल्टेंटन सल्ला दे बल हमेशा गर्रू गौळ नि बुकण चयेंद कबि कबि लोगु तै उल्लू बणानो बान हळको भार बि उठाण चएंद .
मि – भलो भलो . पर हे मूढ़ मनिख  ! त्वै  तै तमीज कनकै आई बल जंद्यौ हळको भार हूंद .
लाटो गळ्या  - मि तै थुका सूझ कि जंद्यौ बि पैरे सक्यांद . ऊ त सुशील शिंदे अंकलन सुझौ दे बल भौत ह्वे गे बल हिन्दू आतंकवाद्यूं छ्वीं . अब जरा मुसलमानों तै छोडिक जरा हिन्दुओं तै मूर्ख बणाये जावो .
मि – हाँ सब्युं तै क्या तेरी ब्वे तैं बि पता च बल त्वेम त रति भरक बि अक्कल नी च . ये भारतीय  प्रजातंत्र का फोड़ा  ! इन त बथादी कि जंद्यो मा कथगा लड़ी छन ? 
लाटो गळ्या  - लड़ी ? कौन  लड़ी ? क्यों लड़ी ?
मि – ये हिन्दुस्तानी जम्हूरियत का कोढ़  ! जंद्यौ लड़यूँ से बणद .
लाटो गळ्या (फोन पर )   - ओ ! एक मिनट हाँ . गुलाम जी गुलाम जी !
सुरजेझाला (फोन )  - जी क्या बताण .
मि –पीजा प्रेमी , लाटो रण दे . त्वे तै क्या तेरी ब्वे जी  तै बि क्या  पता कि जनेऊ क्या हूंद .
लाटो गळ्या  - नै नै स्वतंत्र गुलाम अंकल अर आनंदहीन शर्मा चाचान गूगल बिटेन खोजिक बतै छौ कि ...
मि – तो हे कम मगजी ! इथगा मा द्वी आपस मा लड़ण बिसे गे होला त तू कन्फ्यूज ह्वे गे ह्वेली.
लाटो गळ्या  - हाँ . हाँ . म्यार सब चमचा इनि करदन मि तै बथांद बथांद लड़न मिसे जान्दन अर मि क्या से क्या बुलण लग जान्द .
मि – अच्छा हे परिवारवादी राजनीति का दुखदायी नासूर ! इन त बथदि बल जनेऊ कन पैरे जान्द .
लाटो गळ्या  - कन ! कन पैरे जान्द ? मेकअप मैन जन पैरावो तन इ पैरे जान्द .
मि – हे बदबूदार गंदी राजनीति का शहजादा ! इन त बतादी बल जनेऊ पैरणो बाद का कुछ नियम धियम बि जदि कि  ना ?
लाटो गळ्या  - हाँ जगा जगा न्यूज कैमरा समिण जनेऊ दिखावो अर मोदी से तै सवाल पूछो अर मोदी तै गाळी द्यावो.
मि – हे डेमोक्रेसी का ब्लैक स्पौट ! मि चुनावी सभा की बात नि छौं करणु . जनेऊ पैरणो नियमुं बात करणु छौं .
लाटो गळ्या  - पर चकड़ेत कालू जाधव अर खुर्रांट अब्दुल्ला अंकलूंन यी बताई बल सब तै जनेऊ दिखाओ अर मोदी तै गाळी द्यावो.
मि – हे डेमोक्रेसी कु  खाज खुजली ! जनेऊ पैरणो असली उद्येस्य क्या हूंद ?
लाटो गळ्या  - ब्वाल च ना कि जनेऊ से हिन्दू आपीजमेंट का लाभ मिल्दो ,  हिन्दुओं तै खुश करणों बान जनेऊ एक हथियार च याने जनेऊ हिन्दुओं तैं मूर्ख बणानो एक अब्बल हथियार च .
मि –- हे भगवान ! ये हिन्दुस्तानौ क्या ह्वाल . एक राम तै हथियार बणान्द त हैंक जनेऊ तैं हथियार बणान्द.
7 /12 /2017,  Copyright@ : भीष्म कुकरेती

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