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Wednesday, January 21, 2015

कॉंग्रेसी नेता अजय माकन बेगाना शादी में अब्दुला दीवाना

Best  Harmless Garhwali Humor  , Satire, Wit, Sarcasm Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya on Irrelevancy of Congress /Political Party 

                            कॉंग्रेसी नेता अजय माकन बेगाना शादी में अब्दुला दीवाना 
                                    चबोड़्या : भीष्म कुकरेती 
               दिल्ली का चुनाव बथाणा छन बल भाग्य कब बदल्द क्वी नि जाणि सकुद , कब भाग्य उदित हूंद क्वी नि जाणि सकुद अर क्वी नि बथै सकुद कि कब क्वा राजनीतिक पार्टी औचित्यविहीन ह्वे जाली ! 
         ब्याळि अपण औचित्य साबित करणो विशेषज्ञ कजीरवालन भाजपा की नेत्यांणि किरण बेदी तैं एक मंच पर बहस करणो चुनौती ज्यादा - न्यूत कम , न्यूज मा रौणो बान आमंत्रण दे।  किरण बेदिन त  बोलि दे बल मीन  दिल्ली घुमण , दिल्ली की हरेक गली मा लोगुं से मिलण , दिल्ली मा मोफत मा आश्वासन बंटणन तो मीम क्या म्यार कुत्ता मा बि टैम नी च।  कजीरवालम बि कख बगत च फोकट की बहस करणो पर न्यूज मेकिंग रणनीति का तहत केजरीवालन अपण पैल पत्ता फेंक अर ब्याळि टीवी चैनलों मा यू इ घ्याळ  हूणु रै।  अर कॉंग्रेस का भावी मुख्यमंत्री अजय माकनन जोरक धै लगै बल मि केजरीवाल से बहस करणो तैयार छौं। पत्रकार , नेतौं अर लोगुं पर त कुछ फरक नि पोड़ पर दिल्ली की सडकुं पर पड्यां पंदरा -बीस सालक गड्ढा , पचास साल पुरण कूड़ा का ढेर अर गंदगी से भरीं यमुना नदी का कीड़ा , बैक्टीरिया -वाइरस बि हँसण मिसे गेन।  एक यमुना कु भयंकर बीमारी फैलाण वळ कीड़ान त बोलि बि दे - अरे जब नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव मा मनमोहन सिंग जी अर राहुल गांधी तैं अमिण -समिण  बहस करणो चुनौती दीणु छौ त कॉंग्रेसी नेता कपिल सिब्बल पत्रकार सम्मेलन मा जंगड़ ठोकिक बुलणु छौ कि नरेंद्र मोदीक औकात क्या च ,  यदि बहस इ करणाइ त म्यार दगड़ कारो।   खैर तब बि अमेरिकन स्टाइल मा नरेंद्र मोदी अर राहुल गांधी की बहस नि ह्वे अर अब बि कजीरवाल अर किरण बेदी मा बहस नि हूण।  पर बिचारो  अजय माकन ही ना हरेक कॉंग्रेसी प्रवक्ता किराणा छन कि टीवी चैनेल हम कॉंग्रेस्यूं तैं औचित्यबिहीन बथै द्यावो किन्तु राहुल गांधी तो अब बि रेलीवेंट च (कॉंग्रेस्यूं कुण ) । अजय माकन की यीं इन हिकमत तैं हिराकत की नजर से दिखे गे अर बुले गे बल मान ना माँ मै तेरा मेहमान या बेगानी शादी में अब्दुला दीवाना। 
मि तैं एक ब्यावो समळौण अबि बि च।  एक बरात धार पोर जाणि छे।  रस्ता मा ब्यौला बुबा तैं एक जाण पछ्याणक बुड्या मिल ग्याइ।  ब्यौलाक बुबान गिच्च खतणो बान बुड्या तैं बरात मा चलणो न्यूत दे द्याई।  बुड्या तयार ह्वे गे। बरात ब्योलि गाँव पौंछ , बरातखाना मा जनि बरात पौंछ कि बुड्या पर पौणाट ( मेहमान का चरित्र ) लग गे अर घरात्यूं तैं उचकाण -दनकाण लग गे  - दर्री ठीक नी च , चा मा चिन्नी नी च , पाणि पिलाणो सवर नी च , तमाखु खिरकण्या च।  ब्योला पर पिठै ठीक से नि लग।  घराती बुड्या से परेशान ह्वे गे छा।  अंत मा ब्योलिक ददान ब्योलाक बुबा तैं पूछ - समदी जी ! यू पौण छ को च ? क्या तुमर रिस्तेदार च ?
ब्योलाक बुबाक उत्तर छौ - वैपर ध्यान नि द्याओ , उ म्यार दूरक बि रिस्तेदार नी च , बुड्या तो खामखाँ कु पौण च। 
असल मा बरात रूपी दिल्ली चुनाव मा कॉंग्रेसी खामखाँ का बराती मालुम पड़ना छन। 
 अचकाल कॉंग्रेस का, कॉंग्रेसी नेताओं अर कॉंग्रेस समर्थक पत्रकार बिनोद शर्मा या कुमार केतकर का बुरा हाल छन कि लोग कॉंग्रेस का औचित्य किलै स्वीकार नि करणा छन ? 
यदि कॉंग्रेस आज इर्रेलेवेंट या औचित्यहीन , प्रसांगिकहीन या बेमतलब ह्वे गे तो उखमा कॉंग्रेस ही जुम्मेवार च। 
लोकसभा चुनावुं  मा तो आप पार्टी बि हार किन्तु आप पार्टिन दिल्ली मा जोर से जनसम्पर्क बढ़ाण शुरू कार , आप नेताओंन अपण कार्यकर्ताओं दगड़ सम्पर्क बढ़ाण बंद नि कार अर भाजपा की कमजोर जगा पर हमला कार , तीर चलैन तो कॉंग्रेस का नेता राज्यसभा माँ धर्मांतर पर संसद नि चलण पर राहुल गांधी अर सोनिया गांधी तैं वधाई दीण मा व्यस्त रैन।  दिल्ली कॉंग्रेस अध्यक्ष लवली भाजपा का विरोध वूं मुद्दों पर करणु छौं जौं मुद्दों पर कॉंग्रेस अभियुक्त छे। आप पार्टी दिल्ली  विधानसभा भंग करणो आंदोलन मा अग्ल्यारी लीणी छे त कॉंग्रेसी आप पार्टी की पिछलग्गू बणन माँ अग्वाड़ी छे. आप पार्टी जनसम्पर्क मा व्यस्त छे तो कॉंग्रेसी जनसम्पर्क से भागणी छे। 
आप पार्टी अधिक प्रमाणिक बणनो बान कार्यरत छे, प्रमाणिकता कु ढोल बजाणी छे तो कॉंग्रेस सेक्युलर कु राग बजाणि छे।  आज जब  सेक्युलर राग से अल्पसंख्यक बि बितकणा छन , दूर भगणा छन तो सेक्युलर राग गाणो क्या आवश्यकता ? औचित्यबिहीन दुशाला पैरिक कॉंग्रेस हौर बि औचित्यबिहीन ह्वे गे। 
आप पार्टी चुनावी विशेषग्यता हासिल करणो बान हाथ पैर मारणी छे तो कॉंग्रेस मा अनावश्यक गुटबाजी अग्वाड़ी दिखेणि छे।  आप पार्टी लोकसभा चुनाव हारणो बाद दिल्ली चुनाव जितणो रणनीति मा व्यस्त छे तो कॉंग्रेस मा चुनावी तयारी कखि नि दिखेणि छे। 
आप पार्टी दिल्ली की जन समस्याओं बान खटकर्मुं मा व्यस्त छे तो कॉंग्रेसी  राहुल गांधी तैं खुश करणो खटकर्मों मा व्यस्त छया। 
आप पार्टी लोकसभा चुनाव हारणो बाद अधिक दुःसाहसी कार्यों मा संलग्न दिखेणि छे तो कॉंग्रेस कु साहस ही खतम दिख्याणु छौ। 
आप पार्टी अपण शत्रुओं पर अधिक तेज़ाब फेंकणी छे तो कॉंग्रेस का पास क्वी तेज़ाब इ नि छौ। 
लोकसभा चुनावुं बाद आप पार्टी की दिल्ली चुनाव संबंधी गति मा तेजी ही आई तो जनता तैं कॉंग्रेस गतिविहीन ही ना प्राणविहीन दिखे। 
जब हारणो बाद धर्मांतर सरीखा औचित्यबिहीन हथियार से लड़े जावो , विशेष्यग्ता छुड़े जाव , जनसमस्या संबंधित षट्कर्म या खटकर्म छुड़े जावन, साहस छुड़े जावो , शत्रु दंश का तेज़ाब खतम ह्वे जावो , जनसम्पर्क ही नि ह्वावो तो 130 साल पुराणी पार्टी औचित्यबिहीन अवश्य ही होली।  आज टीवी चैनेलुं बहस मा कॉंग्रेसी प्रवक्ताओं तैं टीवी ऐंकर से प्रार्थना करण पोड़द कि हम से बि सवाल पूछो , हम तैं बि मेहमान मानो।  असल मा भारतीय प्रजातंत्र का वास्ता 130 साल पुराणि पार्टी को इन कुहाल ठीक नी च। 
इनि  लोकसभा चुनावुं से एक साल पैल भाजपा बि तो उत्तर प्रदेश मा औचित्यबिहीन ही छे कि ना ? 



21/1/15 ,  Bhishma Kukreti , Mumbai India 
   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।
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Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya, 

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