उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Monday, January 5, 2015

जब किस्मत ह्वावु खराब तो पुलिस बि नि पकड़दी !

Best  Harmless Garhwali Humor  , Satire, Wit, Sarcasm Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya on Budget


                       जब किस्मत ह्वावु खराब तो पुलिस बि नि पकड़दी !  
 
                                  भीष्म कुकरेती 
सूत्रधार - एक गली मा  बीरू  अर  धीरू एकदम से मिल गेन. 
धीरू -हैं ये बीरू ! तू अर इन हालात मा ?
बीरू - अरे क्या बोलुं रै धीरू ! मंदी की मार इन पोड़ कि शेयर बजार  मा सब कुछ डूब गे ।  एक दाणी बि खाणक नी च। 
धीरू - च च ! 
बीरू - धीरू ! जरा हजारेक रुपया उधार दे दे।  अच्छा पांच सौ इ दे दे।  चल सौ रुप्या मा इ काम चलै ल्योल। 
धीरू - अरे त्वे पता च बल मि त शादी शुदा छौं।  मि चार आना बि नि दे सकुद।  हाँ पर मि एक तरकीब बतै सकुद। 
बीरू - बोल क्या क्या ?
धीरू - जब मि कंगाल ह्वे गे छौ त सरकार मेरी देखभाळ  करदी छे। यदि तू जेल चली जैलि त सरकार चार टैमक खाणक , द्वी टैम चाय , ढिकाण -बिस्तर सब दीन्दी। 
बीरू - मतबल बस मी तैं कै जुरम मा जेल जाण पोड़ल।  ठीक च मि कै बि तरां से ल अफु तैं पकड़वैक  जेल जांदु
धीरू - मेरी शुभकामना ! (चल जांद )
बीरू - बस अब इन करण कि कै बि तरां से मि तैं इन काम करण कि पुलिस मि तैं जेल डाळि द्या।  द ले स्यु क्वी आणु च मि वै तैं लुटणो ड्रामा करुद। 
(एक आदिम आंद अर बीरू वै तैं पकड़िक बुलद - जू बि माल च मि तैं सौंप निथर मीन खून कर दीण। )
शेरू - अबे बीरू ! ठीक च मीन त्यार उधार चुकाण त यांक मतबल यु त नी च कि तू जबरदस्ती कौर।  ले अपण द्वी हजार रुप्या। (खीसौंदन द्वी हजार रुप्या गाडद )  
पैथर बिटेन एक हवलदार आंद अर वु शेरू तैं पकड़िक वैक हतुं से द्वी हजार लींद अर अपण खीसौंद डाळि दींदु। 
हवलदार  - देख बै चल।  मीन त्वैकुण बोलि छौ ना कि यीं गळी मा लूट-पाट नि करी।  पर तू नि सुधरी।  (हवलदार शेरू तैं पकड़िक लीजांद )
बीरू - चलो पैलि कोशिस बेकार गे।  मि दुसर गळि मा जांदू।  (वु हिटणु रौंद कि बीरू तैं एक जवान छोरी दिखेंद )
बीरू - वाह अब मि यीं छोरी तैं छेड़दु त हो हल्ला मचल अर पुलिस मि तैं लॉक अप मा बंद कर देली। 
बीरू - ये डार्लिंग!  गिव मी अ किश ! गिव मी अ किश !
छोरी - क्या ?
बीरू - गिव मी अ हग ऐंड अ किश !
छोरी -ले किस कर ले। (छोरी बीरू तैं किस करणो बीरू से चिपक जांद )
पैथर बिटेन एक हैंक हवळदार आंद अर वु छौरी तैं पैथर बिटेन पकड़िक बीरू से अलग करद। 
हवलदार - देख रीटा मीन बोल छौ कि ना अब यीं गळी मा तेरी वैस्यावृति नि चल सकद।  जब तक मि ये रुट पर छौं तब तक तेरी वैस्यावृति धंधा बंद। 
हवलदार वैस्या तैं पकड़िक ली जांद। 
बीरू - ओफो ! मि दुसर गळिम जांदु। ( दुसर गळि तरफ जांद )
बीरू - अरे वाह ! सि फायर ब्रिगेड कु अलार्म च ।  मि अलार्म बजान्दु  तो पुलिस पकड़िक लॉक अप मा बंद कर ही देली। (जोर जोर से अलार्म बजद )
अचानक कुछ समय बाद चार फायर ब्रिगेड की गाड़ी आंदन अर गली भीतर जांदन। 
एक आदिम आंद। 
आदिम - तो फायर ब्रिगेड कु अलार्म तुमन बजाइ ?
बीरू - हाँ मीनि बजाइ।  तुम मी तैं पुलिस मा दे द्यावो। 
आदिम - अरे मि तुमर अहसान जिंदगी मा नि बिसरलु।  म्यार ड्यार आग लगीं छे अर तुमर अलार्म बजाण से फायर ब्रिगेड ऐ गे।  ल्या इनाम माँ दस हजार रुपया। (आदिम रुपया पकड़ैक चल जांद )
बीरू (रुप्या गणद -गणद )- अरे वाह दस हजार रुप्या ! पांच हजार रुप्या से त घर बार चल जाल अर पांच हजार रुप्या मि शेयर बजार मा लगै दींदु।  जेल जाणो प्लान कैंसल , नो जेल , नो पुलिस कस्टडी !
पैथर बिटेन हवलदार आंदु - मीन पैलि बोल याल छौ कि अब यीं गळि मा नकली नोटुं धंधा नि चौलल।  तू फिर से नकली नोटुं धंधा करण लग गे हैं ? (हवलदार बीरू से दस हजार रुपया लूठिक अपण कीसा जोग करद।  बीरू तैं पीटिक भगै दींदु। ) 
हवलदार -साले अब इस गली में आएगा तो तेरी खाल खींच दूंगा हाँ।  
अकेला हवलदार (कीसा उंदक रुप्या भैर गाडद। ) - अरे वाह नकली हवलदार बणिक त ज्यादा कमाइ च।  आज से जेबकतरा कु धंधा बंद अर नकली पुलिस कु धंधा शुरू ! 


                                
4/1/15,  Bhishma Kukreti , Mumbai India 
   *लेख की   घटनाएँ ,  स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में  कथाएँ चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने  हेतु उपयोग किये गए हैं।

Best of Garhwali Humor in Garhwali Language ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language ; Best of  Uttarakhandi Wit in Garhwali Language ; Best of  North Indian Spoof in Garhwali Language ; Best of  Regional Language Lampoon in Garhwali Language ; Best of  Ridicule in Garhwali Language  ; Best of  Mockery in Garhwali Language  ; Best of  Send-up in Garhwali Language  ; Best of  Disdain in Garhwali Language ; Best of  Hilarity in Garhwali Language  ; Best of  Cheerfulness in Garhwali Language  ;  Best of Garhwali Humor in Garhwali Language from Pauri Garhwal  ; Best ofHimalayan Satire in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal  ; Best ofUttarakhandi Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal  ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal  ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal  ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal  ; Best of Mockery  in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal  ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal  ;Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar  ;
Garhwali Vyangya , Garhwali Hasya,  

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments