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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, February 19, 2014

ब्यौ -बरातुं , सभा-सोसाइट्यूं दरोड्या (शराबी )

चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती        

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )
भारत मा कखि बि जावो ब्यौ -बरातुं , सभा-सोसाइट्यूं मा दारु पार्टी मा मेमानुं तैं दारु पिलाण  सामान्य संस्कृति ह्वे गे। 
अकेला दारु पीण अर भीड़ मा दारु घटकाण मा फरक ऐ जांद।   ब्यौ -बरातुं , सभा-सोसाइट्यूं विशेष दरोड्या हूंदन -
जनमु भूखो - पार्टी मा  द्वी चार  दरोड्या इन मीलि जांदन जु सटासट , फटाफट दारु इन घटकांदन जन बुल्यां यूँन दारु पेयी नि ह्वेलि अर पता नि भोळ प्रलय आदि कि फिर यूँ तैं दारु नसीब होंद च कि ना ! 
सिमसिम दरोड्या - यी   बड़ा मजे से मजा मजा मा चुस्की   ले लेक दारु पींदन। या नसल भौत कम मिल्दी। 
चखणाबाज  - यी दारु त जथगा प्याला स्यो अलग बात च पण यूं चखणा  प्रेम्युं  तैं  आस पास खूब चखणा दिखेण चयेंद। कम चखणा से यूंक मूड खराब ह्वे जांद। चखणाबाज हर समय चखणा मंगणा रौंदन। 
भक्त दरोड्या - कुछ दरोड्या भक्त किस्मौ हूंदन जु दारु पीण  पैल दारु इना उना छिड़कदन  . कुछ बड़ बड़ कौरिक कुछ मंतर पढ़दन अर तब जैक मुख पर दारु लगांदन। 
भड़काण वाळ - यी दरोड्या कै एक तैं टारगेट बणै दीन्दन अर वै तैं भड़कैक पार्टीक सत्यानास करी दीन्दन। 
झगड़ालु दरोड्या - यी दरोड्या मुख पर दारु पैथर लगांदु झगड़ा पैल शुरू कौर दींद। दारु पेक भंगस करण ही यूंक काम हूंद 
धुत्त - दारु पचि ना पचि यी तब तलक पीणा रौंदन जब तलक यी धुत्त नि ह्वे जावन। 
उल्टी करण वाळ - यूँ तैं दारु पचदी नी च पण यूँकुण   दारु पीण आवश्यक हूंद अर फिर यी  उल्टी करीक माहौल खराब करदन। 
तोड़ -फोड़ू या गिलास फोड्या दरोड्या - यूँ तैं देखिक भगवान बि डरद।  गुस्सा आयी ना कि गिलास फुड़ण शुरू कौर दीन्दन।  यूँ तैं प्लास्टिक का गिलास ही दिए जांदन ।   
हंसदर्या - द्वी घूट दारु जावो ना कि यूं पर हंसणो रोग लग जांद। 
रुँदा - कुछ दरोड्या रुंद बि छन। 
क्या बुन्या -क्या कन्या - यी बौऴया   दरोड्या  कुछ बि बुलणा रौंदन अर कुछ बि करणा रौंदन। 
बड़बोला - यी दरोड्या दारु पीणो बाद बड़ी बड़ी बात करदन अर हरेक तैं बड़ा बड़ा आश्वासन  दीणा रौंदन।  
बिचकीं छ्वीं प्रेमी - कति दरोड्यों  पर बिचकीं छ्वींलगाण , गंदा गंदा जोक्स सुणाण  अर सुणणो  रौळ -बौळ चढ़ जांद। 
दार्शनिक दरोड्या - इन दरोड्या पीणो बाद दर्शन शास्त्र की ऐसी तैसी करण लग जान्दन। 
लीक पर केंद्रित - कत्युं पर एक विषय पर रफत लग जांद अर सब्युं तैं या  तो बोर करदन या  मनोरंजन करदन। 
जोकर - भौत सा दरोड्या  उल जलूल हरकतों से लोगुंक मनोरंजन करदन 
फ्वीं फ्वीं करण वाळ - यी दरोड्या पार्टी मा  मेज-कुर्सी, गीत -संगीत , मेहमानुं तमीज दारु या चखणा से खुस नि रौंदन अर हरेक बात की काट -आलोचना करणा रौंदन। 

बकै कन तरां का हौर दरोड्या हूंदन तुमि बतावो ! 



Copyright@ Bhishma Kukreti  20 /2/2014 

*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं। 
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