चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
भारत मा कखि बि जावो ब्यौ -बरातुं , सभा-सोसाइट्यूं मा दारु पार्टी मा मेमानुं तैं दारु पिलाण सामान्य संस्कृति ह्वे गे।
अकेला दारु पीण अर भीड़ मा दारु घटकाण मा फरक ऐ जांद। ब्यौ -बरातुं , सभा-सोसाइट्यूं विशेष दरोड्या हूंदन -
जनमु भूखो - पार्टी मा द्वी चार दरोड्या इन मीलि जांदन जु सटासट , फटाफट दारु इन घटकांदन जन बुल्यां यूँन दारु पेयी नि ह्वेलि अर पता नि भोळ प्रलय आदि कि फिर यूँ तैं दारु नसीब होंद च कि ना !
सिमसिम दरोड्या - यी बड़ा मजे से मजा मजा मा चुस्की ले लेक दारु पींदन। या नसल भौत कम मिल्दी।
चखणाबाज - यी दारु त जथगा प्याला स्यो अलग बात च पण यूं चखणा प्रेम्युं तैं आस पास खूब चखणा दिखेण चयेंद। कम चखणा से यूंक मूड खराब ह्वे जांद। चखणाबाज हर समय चखणा मंगणा रौंदन।
भक्त दरोड्या - कुछ दरोड्या भक्त किस्मौ हूंदन जु दारु पीण पैल दारु इना उना छिड़कदन . कुछ बड़ बड़ कौरिक कुछ मंतर पढ़दन अर तब जैक मुख पर दारु लगांदन।
भड़काण वाळ - यी दरोड्या कै एक तैं टारगेट बणै दीन्दन अर वै तैं भड़कैक पार्टीक सत्यानास करी दीन्दन।
झगड़ालु दरोड्या - यी दरोड्या मुख पर दारु पैथर लगांदु झगड़ा पैल शुरू कौर दींद। दारु पेक भंगस करण ही यूंक काम हूंद
धुत्त - दारु पचि ना पचि यी तब तलक पीणा रौंदन जब तलक यी धुत्त नि ह्वे जावन।
उल्टी करण वाळ - यूँ तैं दारु पचदी नी च पण यूँकुण दारु पीण आवश्यक हूंद अर फिर यी उल्टी करीक माहौल खराब करदन।
तोड़ -फोड़ू या गिलास फोड्या दरोड्या - यूँ तैं देखिक भगवान बि डरद। गुस्सा आयी ना कि गिलास फुड़ण शुरू कौर दीन्दन। यूँ तैं प्लास्टिक का गिलास ही दिए जांदन ।
हंसदर्या - द्वी घूट दारु जावो ना कि यूं पर हंसणो रोग लग जांद।
रुँदा - कुछ दरोड्या रुंद बि छन।
क्या बुन्या -क्या कन्या - यी बौऴया दरोड्या कुछ बि बुलणा रौंदन अर कुछ बि करणा रौंदन।
बड़बोला - यी दरोड्या दारु पीणो बाद बड़ी बड़ी बात करदन अर हरेक तैं बड़ा बड़ा आश्वासन दीणा रौंदन।
बिचकीं छ्वीं प्रेमी - कति दरोड्यों पर बिचकीं छ्वींलगाण , गंदा गंदा जोक्स सुणाण अर सुणणो रौळ -बौळ चढ़ जांद।
दार्शनिक दरोड्या - इन दरोड्या पीणो बाद दर्शन शास्त्र की ऐसी तैसी करण लग जान्दन।
लीक पर केंद्रित - कत्युं पर एक विषय पर रफत लग जांद अर सब्युं तैं या तो बोर करदन या मनोरंजन करदन।
जोकर - भौत सा दरोड्या उल जलूल हरकतों से लोगुंक मनोरंजन करदन
फ्वीं फ्वीं करण वाळ - यी दरोड्या पार्टी मा मेज-कुर्सी, गीत -संगीत , मेहमानुं तमीज दारु या चखणा से खुस नि रौंदन अर हरेक बात की काट -आलोचना करणा रौंदन।
बकै कन तरां का हौर दरोड्या हूंदन तुमि बतावो !
Copyright@ Bhishma Kukreti 20 /2/2014
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