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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Friday, February 21, 2014

चलो दंगऴयौ करणो बान सांसद बणे जाव !

चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती        

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )
म्यार धनी दगड्या पौस एरिया मा तीसवीं मंजिल मा रौंद अर कार पार्किंग बावनवां  मंजिल पर करद ,
ब्याळी  मि अपण रिच फ्रेंड तैं मिलणो ग्यों। 
मिल्दु इ बुलण बिस्यायि - मि सुचणु छौं सांसद ही बण जांदु !
मि -कनो भ्रष्टाचार मिटाणो बिचार च ?
धनी दगड्या-न्है ! न्है ! भ्रष्टाचार मिटाणो ठेका त राहुल गांधीन लियाल। 
मि -तो विदेसूं से ब्लैक मनी वापस बौड़ाणो मनशा च क्या ?
धनी दगड्या-विदेसूं से ब्लैक मनी वापस बौड़ाणो पर  बाबा रामदेव , अडवाणी अर नरेंद्र मोदी कौंक  एकाधिकार च।
मि -तो क्या मुसलमान भाइयों दसा सुधारणो बान सांसद बणना छंवां ? 
धनी दगड्या-अरे सेक्युलर पार्ट्यूं हूंद मुसलमान हित कु टेंडर खुल्दु ही नी  च। मुसलमान हित कु  खरीदी आदेस औंटोमेटिकली सेक्युलर पार्ट्यूं तैं मील जांद। 
मि -भारत से आतंकवाद खतम करणो बान संसद भवन जाण चाणा छा ?
धनी दगड्या- जय ललितान नै परिभाषा गढ़ याल तो आतंकवाद खतम करणो काम मि तैं नि मील सकद। 
मि -सांसद बणिक  हिन्दू -मुस्लिम दंगा खतम कराणों विचार त नी च ? 
धनी दगड्या- हिन्दु  -मुस्लिम  एकता का असली अघोषित प्रभारी त मुलायम सिंग अर भाजापा वाळ छन तो उख मेरि दाळ नि गळण।  
मि -तो नई ढंग कि कनफणि सी राजनीति करणो बान संसद भवन की हवा खाण चाणा छंवां ? 
धनी दगड्या-नई ढंग कि कनफणि सी राजनीति करण पर त कजीर फिंकण  वाळ   याने केजरीवाल कु कब्जा ह्वे गे। 
मि -तो क्या तुम बगैर उद्यम का गरीबी दूर करणो फ़िराक मा त नि छंवां ? 
धनी दगड्या- बगैर उद्यम का गरीबी दूर करणो विचार पर साम्यवादी अर ममता बनर्जी कु कॉपीराइट च। 
मि -फिर तुम सांसद किलै बणन चाणा छंवां ?
धनी दगड्या-जब कुछ काम नि हो तो संसद मा फ़कोरिक सीणो बान मि सांसद बणन चाणु छौ। अर कबि मोबाइल मा बिचकीं (पोर्नो ) फिल्म दिखुल … 
मि -हैं ! सीणो बान संसद भवन ?
धनी दगड्या-किलै संसद कु टीवी प्रसारण मा  नि दिखदी कि भौत सा सांसद सीणा रौंदन। 
मि -खैर ! कुछ हौर काम ?
धनी दगड्या-हां जब बोर ह्वे जौल त हो हल्ला मचौल , दंगऴयो करुल।   
मि -ए मेरि ब्वे ! 
धनी दगड्या-फिर जब दंगळयो से पुटुक  नि   भर्याल तो कुर्सी तुड़ल , माइक तुड़ल। 
मि -औउ त तुम  दंगऴयो करणो बान सांसद बणन चांदवा ?
धनी दगड्या-हाँ  दिल बहलाणो बान कबि कबि संसद मा पेश बिल फड़लु , जी बुल्याल त अधनंगी ह्वे जौल , कबि कबि संसद महासचिव से हाथापाई करुल , मार्शल  तैं पिटुल .... 
मि -मार्शल तैं पिटला ? संसद महासचिव से हाथापाई करिल्या ?
धनी दगड्या-हाँ ! अर जब भौत बोर ह्वे जौल त मिर्च क बुक्की संसद मा उडॉल ....  
मि -प्रजातंत्र मा इन कुकरतब  ठीक छन  ?
धनी दगड्या-भाई इन  करतब त मि डेमोक्रेसी बचाणो बान ही त करुल !

Copyright@ Bhishma Kukreti  21 /2/2014 


*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।  
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]   

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