चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
चलो भलो ह्वाइ उत्तराखंड बिटेन आयातित मुख्यमंत्री गेन अर ख़ास कॉंग्रेसी फैक्ट्री मा ढळयां देसी मुख्यमंत्री रावत जी ऐ गेन। हमन त सोची आल छौ कि हरीश रावत जीन सद्यनि चीफ मिनिस्टर इन वेटिंग ही रौण।
वधाई कि कॉंग्रेस हाई कमांडन आखिर एक सन ऑफ स्वाइल तैं मुख्यमंत्री बणै दे !
उत्तराखंड मा कबि बि सवाल यु नि पूछे जांद कि मुख्यमंत्री क्या कारल ? सवाल यु पूछे जांद कि यु मुख्यमंत्री कथगा दिन कुर्सी बचैक रै सकद। उत्तराखंड कु मुख्यमंत्री को एक ही काम हूंद कि जादा से जादा अपण कुरसी बचैक राखो बाकी जख तलक उत्तराखंड का वास्ता कुछ विकास करणों सवाल च तो हमम बद्रीनाथ जी , केदारनाथ जी , बागेश्वर जी , जागेश्वर जी, जन देव दिवता छन तो विकास ह्वैइ जालु निथर चीन की डौर से ह्वैइ जाल।
हरीश रावत मंत्री मंडल गठन ह्वै ग्यायी अर जु मंत्री बहुगुणा सरकार मा मंत्री छया वी जन्या का तन ही छन। याने बोतल पुराणी ,शराब बि पुराणी, ढक्कणी बि पुराणी अर केवल लेबल बदले गे। पैल शराब कु लेबल छौ मिसऐडमिनिस्ट्रेड बाई विजय बहुगुणा अब होलु ऐडमिनिस्ट्रेड बाई हरीश रावत।
हरीश रावत या उत्तराखंड का हरेक मुख्यमंत्री कु पैलो काम हूंद कि लॉ ऐंड ऑर्डर तैं स्थिर करण. जबकि लॉ ऐड ऑर्डर का वास्ता हमम बद्रीनाथ जी , केदारनाथ जी , बागेश्वर जी , जागेश्वर जी, गंगा -जमुना जन देव दिवता छैं इ छन फिर गोरिल -ग्विल्ल दिवता न्याय करणा ही रौंदन त उत्तराखंड का कै बि मुख्यमंत्री तैं जनता का वास्ता लॉ ऐड ऑर्डर की कभी भी चिंता नि राइ बल्कि ऊँ तैं अपण पार्टी मा अपण विरुद्ध विरोधियों द्वारा मचायुं लॉलेसनेस अर ऑर्डरलेसनेस की चिंता सदा समिण राइ। अर हरेश रावत जीक समिण बि हमेशा कॉंग्रेस कु अंदर घमासान की लड़ाई तैं थमथ्याणो प्राथमिकता ही रौण। जन कि विजय बहुगुणा सदा ही त्रस्त रैन कि कुज्याण कब हरीश रावत का अग्नि बाण चौलल , कुज्याण कब हड़क सिंह जीक तीर चौलल, कुज्याण कब इंदिरा हृदियेश कु जादू चलल , कुज्याण कब सतपाल महाराज का नारायण बाण चौलल अर कब हाई कमांड कु न्यूक्लियर बम चौलल धौं। जब तक हरीश रावत उत्तराखंड का मुख्यमंत्री राल तब तलक उंकी प्राथमिकता पार्टी का भीतर बबंडर तैं थमण रालो ना कि उत्तराखंड जु कबि अपराध मुक्त क्षेत्र छौ अर अब अपराराध्युं बणी गे।
ममता बनर्जी तैं हमेशा लेफ्ट पार्टी कु भय रौंद , जय ललिता तैं करुणानिधि कि डौर , अखिलेश यादव तैं मायावती कु भय , प्रकाश सिंग बादल तैं अमरिंदर सिंग से डौर लगणु रौंद। पण हरीश रावत जी भागयशाली मुख्यमंत्री छन कि यूँ तैं भारतीय जनता पार्टी कु विरोध नि झेलण पोडण बस कॉंग्रेसी नेताओं कु विरोध ही झेलण। हरीश जी क समिण उत्तराखंड मा नाकाबिल विरोधी पार्टी च तो भारतीय जनता पार्टी का विरोध कु सवाल ही नि हूंद।
उत्तराखंड कु मुख्यमंत्री समिण पहाड़ अर पहाड़ीयूं कि समस्या नि रालि किलैकि पहाड़ी जनमजात सहनशील जात च अर पहाड़ी से पहाड़ मा कुछ नि होंद तो उ दिल्ली -मुम्बई सरक जांद पण अपण मुख्यमंत्री कुण समस्या खडु नि करद तो हरीश रावत का समिण पहाड़ विकास समस्या कबि बि नि राली।
हरीश रावत जीक समिण बड़ी समस्या राली कि भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा जु बि योजना - प्रायोजना घोषित करीं छन वू तैं कनकौरिक बंद करे जावु अर अपण नाम कमाणो बान कथगा हजार नई रावत ब्रैंडेड योजना घोसित करे जावो। उत्तराखण्ड मा रिवाज बणी गे कि पुरण योजनाओं तैं ठंडा बस्तों माँ बंद करण अर रोज नई नई अपण नाम से योजना लाण।
मीन ब्याळी गां मा फोन पर कथगा ही लोगुं से बात कार तो हरेक ससंकित छौ कि क्या फलण योजना त बंद नि ह्वे जाली ? गाँव वाळु बुलण छौ बल नारयण दत्त तिवाड़ीन जु योजना चलैन वू खंडूड़ी , निशंकन बंद करीन , निशंकन जु योजना बणैन वू खंडूड़ी अर बहुगुणान बंद करीन त अब हरिस रावत कु एकी प्रमुख काम रालु जौं जौं योजनाओं तैं तिवाड़ी , खंडूड़ी , निशंकन , बहुगुणान शुरू कार वूं तैं बंद कराण। उत्तराखंड का मुख्यमंत्रीक एकी काम हूंद योजनाओं मा कंटीन्यूटी खतम करण।
हरीश रावत कु सबसे बड़ो काम ब्वालो या समस्या ब्वालो वू या च कि कै कै कॉंग्रेसी तैं लाल बत्ती अर राज्य मंत्री कु दर्जा दिए जावो। जांद जांद बहुगुणा त थोक का भाव पर लाल बत्ती बांटीक चली गेन अब हरीश रावत जी पता नि कखन हौर संस्थान लाला अर लाल बत्ती बाँटल धौं ?
हरीश रावत जी कु काम बस यु ही राल कि दिखणा रावन कि बगैर नाम गंदो हुयां कॉंग्रेसी, सामजिक कार्यकर्ता अर प्रशासनिक अधिकारी कथगा खाला।
उन देहरादून तो उत्तराखंड की द्वितीय राजधानी च उत्तराखंड की असली राजधानी त दिल्ली च। तो हम तैं दिखण पोड़ल कि रावत जी तैं द्वितीय राजधानी का दौरा करणों समय मिल्दो च कि ना ?
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