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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, February 25, 2014

मि तैं ग्राम प्रधान बणावो: म्यार विकास का 14 सूत्री कार्यक्रम

 चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती        

(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )
 अब लोकसभा चुनाव नजीक आणा छन अर गढ़वाल मा पंचायत चुनाव की खबर च। 
तो मी बि चाणु छौं कि ग्राम प्रधान बणी जौं।  म्यार विकास का 20 सूत्री कार्यक्रम इ छन -
१- मनरेगा जन प्रोग्रैम मा म्यार पूरो परिवार सम्म्लित ह्वे जालो। 
२- गाँव का लँडेर -लफंगा जु बची गेन ऊंक नाम बि मनरेगा प्रोग्राम मा शामिल ह्वे जाल। 
३- कोटद्वार -ऋषिकेश मा एक एक सलाहकार बिठाये जाल जु हमर गाँव का बच्चों  की अंग्रेजी स्कूल मा भर्ती करणो इंतजाम कारल। 
४- देहरादून , ऋषिकेश , कोटद्वारम स्कुल्या बच्चों कुण ग्राम  सभा की तरफ से होस्टल का इंतजाम करे जालु जां से ग्राम वासियों तैं अपण बच्चों तैं अंग्रेजी स्कूल मा भर्ती करण मा कठिनाई नि ह्वावु। 
५-गाँव से पलायन करण वाळु तैं इंसेंटिव  याने प्रोत्साहन दिए जाल।  ग्राम वासी द्वारा पलायन करणो पांच साल बाद तक प्रवासी ग्राम वासी का डाळ -बूटों की देखरेख ग्राम सभा कारली . 
 ६- गां मा मकान चिणणो बान शहरुं से  या नेपाल से प्रशिक्षित कर्मिक बुलाये जाल अर गां मा कैक बि काम हो यूं कर्मिकों तैं ग्राम पंचायत भंवन मा ठहराणो मुफ्त इंतजाम कराये जाल 
 ७-हमारी  ग्राम सभा नेपाल , उत्तर प्रदेश अथवा बिहार का कुछ ग्राम सभाओं दगड़ शासकीय इकरारनामा कारली जां से हमर ग्राम सभा तैं प्रशिक्षित कर्मिक प्राइयरिटी पर मीलन। 
८- हमर नजीक का हाई स्कूल , इंटर कॉलेज मा वै इ मास्टर -मास्ट्रयाणी तैं आणै इजाजत होलि जु हमर बच्चों तैं बेखटक नकल करण द्याल।  
९- लैंटीना तैं हम रोकी नि सकदा तो हम लैटिना विकास का वास्ता ही काम करला। 
१० - जु खेती कारल वै पर टैक्स लगी जालु 
११- गूणी -बांदर अर सुंगरुं वास्ता गां मा ही रौणै चिड़ियाघर जन आधुनिक व्यवस्था होली। 
१२ - गां का नजीक बजार मा विदेशी शराब की दूकान खुलणो बान संघर्ष अर आंदोलन करे जाल।  
१३- चूंकि डाकटर गां मा आणो तयार नि छन तो थैला छाप डाकटरो तैं मान्यता दिए जाली। 
१४- दुसर गां वाळ से पाणी झगड़ा चलणु ही राल जांसे ग्रामीण लोक मनोरजन सुरक्षित रावो।



Copyright@ Bhishma Kukreti  25 /2/2014 


*कथा , स्थान व नाम काल्पनिक हैं।  
[गढ़वाली हास्य -व्यंग्य, सौज सौज मा मजाक  से, हौंस,चबोड़,चखन्यौ, सौज सौज मा गंभीर चर्चा ,छ्वीं;- जसपुर निवासी  द्वारा  जाती असहिष्णुता सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ढांगू वालेद्वारा   पृथक वादी  मानसिकता सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;गंगासलाण  वाले द्वारा   भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; लैंसडाउन तहसील वाले द्वारा   धर्म सम्बन्धी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;पौड़ी गढ़वाल वाले द्वारा  वर्ग संघर्ष सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; उत्तराखंडी  द्वारा  पर्यावरण संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;मध्य हिमालयी लेखक द्वारा  विकास संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य;उत्तरभारतीय लेखक द्वारा  पलायन सम्बंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; मुंबई प्रवासी लेखक द्वारा  सांस्कृतिक विषयों पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; महाराष्ट्रीय प्रवासी लेखकद्वारा  सरकारी प्रशासन संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य; भारतीय लेखक द्वारा  राजनीति विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; सांस्कृतिक मुल्य ह्रास पर व्यंग्य , गरीबी समस्या पर व्यंग्य, आम आदमी की परेशानी विषय के व्यंग्य, जातीय  भेदभाव विषयक गढ़वाली हास्य व्यंग्य; एशियाई लेखक द्वारा सामाजिक  बिडम्बनाओं, पर्यावरण विषयों   पर  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, राजनीति में परिवार वाद -वंशवाद   पर गढ़वाली हास्य व्यंग्य; ग्रामीण सिंचाई   विषयक  गढ़वाली हास्य व्यंग्य, विज्ञान की अवहेलना संबंधी गढ़वाली हास्य व्यंग्य  ; ढोंगी धर्म निरपरेक्ष राजनेताओं पर आक्षेप , व्यंग्य , अन्धविश्वास  पर चोट करते गढ़वाली हास्य व्यंग्य    श्रृंखला जारी  ]  

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