Satirical Story By Mahesha Nand
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Internet Presentation and Interpretation by Bhishma Kukreti
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रघ्घु दा चौका तिर्वळि ऐ कि गौळु चिरफाड़ी म्यौळंणि घन्नू छौ। गंवड़्या भरि दलगरेंणा(परेसान हूणा) छा वे कS रूंण स्ये। क्वी ब्वन्नु-- "हे वेन रूंण नी त हैंसण च ! वे कु बुबा मुर्यूं च।"
"हे भै, तुम ब्वन्ना त सै बात छंवा पंण सौंण मोरि सासू अर भादौ ऐनि आंसु। मुंड मुंड्ये ग्येनी, तेल खये ग्या, पितरकुड़ु थरप्ये ग्या अर मैना मनSये ग्या त अब म्यौळंणि घन क्यापंणि नि लगंणू च तुम थैं। फूका, वे थैं थामर (सहारा) दींणू वे कS मुक फर एक दां फेर चला।"
सर्रा गौं कS जजड़ाट कै वे कs ड्यारम् ऐ ग्येनि। मंगंणा ब्वाडन् वे कि पीट मलासी बोलि-- "ब्यट्टा! टीग (कमर) मसकांण। कै कs बुबा नि रैनि यीं मुंथम्। सौब आंदा छन अर जांदा छन।"
"ब्वाडा जी, मि जंण्दु छौं।" रघ्घुन् अपड़ु नाक, आंखा अर गिच्चु फूंजी बोलि-- "मै थैं एक मैना ह्वे ग्या, मिन अंमणि फेस बुक खोलि त म्यारा बुबा जी का मुन मा ३०० लुक्खुन् लाइक मारी।" रघ्घु फेर रूंण बैठि ग्या। वेन धौसिनकै बोलि --"जौं लुक्खुन म्यारा बाबै मिरत्यु थैं लाइक कैरि वु म्यारा बैरि छन। खुस ह्वे ग्येनि कि मोरि गि खिम्मा खंणत्वाळ।"
"च्वाबै! त्यारा बुबै मुनै खबर-सार फेसबुक फर कैन सरा ?"
"म्यारा ममा फड़क्वाळ जीन।"
"हेप्डी ब्वे का ! फेसबुका दगड़्यौन् फड़क्वाळ जी कु नौ अर फोटु द्येखि अर फकाफक लाइक मारि द्येनि। फड़क्वाळ जी त भरि फेमस छन फेसबुक मा।" गग्गुन् फेसबुकै सकळि(सच्चै) बिंगा।
"थ्व! कमेंट बि त पौड़ा ज्यां कS सदमा मा रघ्घु भै जिकुड़ु फुंण्णु च।"
रघ्घुन् बोलि-- "कमेंट त् मिन अज्यूं तकै पौढ़ी नि छन।" रघ्घुन कमेंट ओपन कैरि त वु हौर भक्वरा-भकोर कै रूंण बैठि ग्या। फड़क्वाळ जी कु रघ्वा बुबा मुन मा पैलि वूं कि फोटु डळीं अर तौळ बटि ल्यख्यूं छौ-- "म्यारा जीजा जी, सोरग ह्वे ग्येनि।" कमेंट अंया--
"खंणत्वाळ जी! मज्जा मा हैं ?"
"खंणत्वाळ जी, आप जियो हजारों साल।"
"वाह फड़क्वाळ जी! क्या अच्छी खबर दी।"
"गजब फड़क्वाळ जी, दिल खुश कर दिया।"
"आप बहुत अच्छी गडवाली लिखते हैं। लगे रहो फड़क्वाळ जी।"
"सुन्दर कविता फड़क्वाळ जी।"
"गजब फड़क्वाळ जी।"
"छा गये फड़क्वाळ जी।"
"खंणत्वाळ जी अर फड़क्वाळ जी आप हमारा मार्ग-दर्शक छंवा।"
जै कS बिंगण्म ऐ हो, वेन मामला बींगी अर कमेंट कैरि "ओम् शांति ओम्"
हैंकु हौर तुर्रम्म खां वु ल्यखंणू "ओम शांति ओम अच्छी फिल्म है।"
"हे भै, तुम ब्वन्ना त सै बात छंवा पंण सौंण मोरि सासू अर भादौ ऐनि आंसु। मुंड मुंड्ये ग्येनी, तेल खये ग्या, पितरकुड़ु थरप्ये ग्या अर मैना मनSये ग्या त अब म्यौळंणि घन क्यापंणि नि लगंणू च तुम थैं। फूका, वे थैं थामर (सहारा) दींणू वे कS मुक फर एक दां फेर चला।"
सर्रा गौं कS जजड़ाट कै वे कs ड्यारम् ऐ ग्येनि। मंगंणा ब्वाडन् वे कि पीट मलासी बोलि-- "ब्यट्टा! टीग (कमर) मसकांण। कै कs बुबा नि रैनि यीं मुंथम्। सौब आंदा छन अर जांदा छन।"
"ब्वाडा जी, मि जंण्दु छौं।" रघ्घुन् अपड़ु नाक, आंखा अर गिच्चु फूंजी बोलि-- "मै थैं एक मैना ह्वे ग्या, मिन अंमणि फेस बुक खोलि त म्यारा बुबा जी का मुन मा ३०० लुक्खुन् लाइक मारी।" रघ्घु फेर रूंण बैठि ग्या। वेन धौसिनकै बोलि --"जौं लुक्खुन म्यारा बाबै मिरत्यु थैं लाइक कैरि वु म्यारा बैरि छन। खुस ह्वे ग्येनि कि मोरि गि खिम्मा खंणत्वाळ।"
"च्वाबै! त्यारा बुबै मुनै खबर-सार फेसबुक फर कैन सरा ?"
"म्यारा ममा फड़क्वाळ जीन।"
"हेप्डी ब्वे का ! फेसबुका दगड़्यौन् फड़क्वाळ जी कु नौ अर फोटु द्येखि अर फकाफक लाइक मारि द्येनि। फड़क्वाळ जी त भरि फेमस छन फेसबुक मा।" गग्गुन् फेसबुकै सकळि(सच्चै) बिंगा।
"थ्व! कमेंट बि त पौड़ा ज्यां कS सदमा मा रघ्घु भै जिकुड़ु फुंण्णु च।"
रघ्घुन् बोलि-- "कमेंट त् मिन अज्यूं तकै पौढ़ी नि छन।" रघ्घुन कमेंट ओपन कैरि त वु हौर भक्वरा-भकोर कै रूंण बैठि ग्या। फड़क्वाळ जी कु रघ्वा बुबा मुन मा पैलि वूं कि फोटु डळीं अर तौळ बटि ल्यख्यूं छौ-- "म्यारा जीजा जी, सोरग ह्वे ग्येनि।" कमेंट अंया--
"खंणत्वाळ जी! मज्जा मा हैं ?"
"खंणत्वाळ जी, आप जियो हजारों साल।"
"वाह फड़क्वाळ जी! क्या अच्छी खबर दी।"
"गजब फड़क्वाळ जी, दिल खुश कर दिया।"
"आप बहुत अच्छी गडवाली लिखते हैं। लगे रहो फड़क्वाळ जी।"
"सुन्दर कविता फड़क्वाळ जी।"
"गजब फड़क्वाळ जी।"
"छा गये फड़क्वाळ जी।"
"खंणत्वाळ जी अर फड़क्वाळ जी आप हमारा मार्ग-दर्शक छंवा।"
जै कS बिंगण्म ऐ हो, वेन मामला बींगी अर कमेंट कैरि "ओम् शांति ओम्"
हैंकु हौर तुर्रम्म खां वु ल्यखंणू "ओम शांति ओम अच्छी फिल्म है।"
Copyright@ Mahesha Nand , Kivars , Paidalsyun, Pauri Garhwal
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