Culture of Kumaun and Garhwal
Why is a Pahwa Effected by Bhoot Beaten by Kandali or Kingwd's Spikes ?
भूत लगे पश्वा को कण्डाळी (बिछु घास ) या किन्गोड़ा से क्यों झपोड़ा जाता है ?
(Mantra Tantra in Garhwal, Tantra Mantra in Kumaun, Himalayan Mantra and Tantra Literature)
Bhishma Kukreti
प्राय: यह देखा गया है की गढवाल या कुमाऊं के गाँव में जब किसी पर भूत लग जाता है तो झाडखंडी रख्वाळी मंत्र पढ़ते हुए पश्वा को
प्राय: यह देखा गया है की गढवाल या कुमाऊं के गाँव में जब किसी पर भूत लग जाता है तो झाडखंडी रख्वाळी मंत्र पढ़ते हुए पश्वा को
कण्डाळी के पौधों से झपोड़ता या कभी कभी काँटों भरे किनगोड़ा की डाली से झपोड़ता है. वैसे यह आज अनुचित सा लगता है किन्तु इस तंत्र अनुष्ठान
के पीछे अनुभव किया गया भैरव तन्त्र सूत्र का हाथ है जो इस प्रकार है
किंचिदगं विभिद्द्यादों तीक्ष्ण सूच्यादिना तत:
तत्रैद चेतनां युक्त्वा भैरवे निर्मला गति: (विज्ञान भैरव , भैरव तन्त्र ९३ )
यदि किसी अंग को सुई या किसी तेज नुकीली वस्तु से दबाया जाय और उस जगह व दर्द पर ध्यान दिया जाय तो भैरव स्तिथि //वर्तमान अव्षथा प्राप्त हो जाती है
If any one pierces any limb or part of body with a sharp needle or instrument then by concentrating on that very point one attains the Bhairav state (Vigyan Bhairv 93 )
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