Culture of Garhwal and Kumaun
Why Does Jhadkhandi Slap Who is Affected by Bhoot ?
(Mantra Tantra of Garhwal , Tantra Mantra of Kumaun , Tantra Mantra of Himalayas )
Bhishma Kukreti
जो गढवाल - कुमाऊं के गाँव में रहे हैं और भूत भगाने की क्रिया को जिन्होंने देखा हो या अनुभव किया हो तो उन्हेंने देखा होगा कि
जो गढवाल - कुमाऊं के गाँव में रहे हैं और भूत भगाने की क्रिया को जिन्होंने देखा हो या अनुभव किया हो तो उन्हेंने देखा होगा कि
झाड़खंडी भूत लगे मनुष्य को थप्पड़ मरता है या चावल के दानो का ताड़ देता है . कुछ लोग सोचते हैं कि यह अज्ञानियों का कोई खेल है
जी नही यह भुतहा गये मनुष्य को थप्पड़ मारने वाला तांत्रिक अनुष्ठान अज्ञानबस नही अपनाया गया है अपितु विज्ञानं भैरव या भैरव तंत्र के एक विशेष सिधांत को ब्यवहारिक
रूप देने हुतू अपनाया गया है Slapping a Bhoot affected person is an application of a formula /principle of Vigyan Bhairav or Bhairav Tantra
विज्ञान भैरव या भैरव तंत्र में एक सिद्धांत इस प्रकार है
यस्य कस्येंद्रियस्यापी व्याघाताच्च निरोध्त:
प्रवष्टिस्याद्व्ये शुन्य तत्रैवात्मा प्रकाशते
यदि अचानक या स्वयम शरीर के किसी अंग पर किसी वाह्य वस्तु से आघात किया जाय तो आत्म दर्शन याने भैरव प्राप्ति होती है
If any organ is obstructed by striking ( an external object) accidently or by onself, one enters in non dual state of void , and there itself the self shines forth
(Vigyan Bhairav , 89 )
सभी को अनुभव होगा कि जब कभी अपघात से (accidently ) किसी बस्तु से जोर से टकराते हैं या कोई वस्तु हमारे शरीर के किसी अंग से जोर से टकराती है तो मनुष्य ना तो भूत काल की शरम या भविष्य की कोई बात सोचता है अपितु पूर्ण वर्तमान (ना भूत ना भविष्य की सोच/विचार) में आ जाता है. पूर्ण वर्तमान क़ी स्तिथि में आने के वक्त ही मनुष्य आत्मा से आत्मसात करता है या असीम आनन्द को प्राप्त होता है
भूत लगना याने डर याने भूतकाल में जीना . जब भुतहे मनुष्य को थप्पड़ मारा जाता है तो वह वर्तमान में आ जाता है . चावल के दानो का ताड़ भी इसी सिद्धांत के अनुसार दिया जाता है
( This write up is just to analyze the Mantra and Tantra Philosophy exist in Kumaun and Garhwal. This article neither sopports nor conddemns the Mantra and Tantra )
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