धुर्पाल
क्वरा फटला
द्वार मौर सगाड
बणन्यू सब्यों कु थूपुडु
वेमा भम्क्याँ कन्डली का डाला
मातल लोक आण चाण कुल दयब्ता
आवा खुज्यावा वेकु ठाऊ..भांडा..लाठी..झ्ह्वाली
सुणन्याकी अनसुनी कैरी बैरा बणगैन सबी की सबी
जनि लग भणक बणनू च डैम मिलनू च क्लेम
खुजेदे कागजू माँ ददा पदददों कु नोऊ अर पुन्गडि पटली |
copyright@विजय कुमार "मधुर"
सुणन्याकी अनसुनी कैरी बैरा बणगैन सबी की सबी
ReplyDeleteजनि लग भणक बणनू च डैम मिलनू च क्लेम
खुजेदे कागजू माँ ददा पदददों कु नोऊ अर पुन्गडि पटली |
Aapki chinta jayaj hai....
Aaj ke samay ke haalaton ko bayan karti aapki rachna bahut kuch sochne hetu badhya karti hai