सुख
तब बि छाया
जब हम नि छाया
पर तब सुख
इतगा छांटा
इतगा ख्वींडा नि छाया
जतगा आज
तब सुख सुख्यर्या छाया
वो/ हैंसदाख्यलदा
आन्दा छाया
अर मनखंयू कि मनख्यात देखी
वखि बासा रै जांदा छाया
वूतैं दड़सांसो अर
हिकमत दे जांदा छाया
सुख तब बि राला
जब हम नि रौंला
भौद ओरि बि छांटा अर
ओर बि ख्वींडा ह्वे जाला
तब लोग कनके
यों सुखु तैं भ्वागला
कनके भ्वागला
copyright@मदन मोहन दुकलाण
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