Satire and its Characteristics, व्यंग्य
व्यंग्यौ मुख्य तीन उपादान, अवयव , घटक
(व्यंग्य - कला , विज्ञानौ , दर्शन का मिऴवाक : ( भाग 10 )
भीष्म कुकरेती
व्यंग्यक तीन मुख्य उपादान (Ingredients ) हून्दन -
अ - हौंस
ब -आलोचना
स - उपदेश /अड़ाण
हौंस
यद्यपि अब हौंस विहीन व्यंग्य की छ्वीं लगण मिसे गेन अर अलंकृत , शब्द खेल , शब्दाडंबर, वाक्चातुर्य से व्यंग्य करण से हास्यविहीन व्यंग्य उत्पादन हूंद किन्तु कखि ना कखि शब्दाडंबर से हौंस पैदा ह्वेई जांद। हौंस आनंद लांद ,रस्याण लांद , ग्राहक (पाठक , दर्शक ) की ऊब मिठांद।
व्यंग्य मा आलोचना आवश्यक माल /उपादान हूंद। फिर आलोचना का आधार पर व्यंग्यकार निर्णय बि दींदो। व्यंग्यकार कमी बतांदु , कमी का विश्लेषण करदो फिर कमी पर निर्णय सुणान्दु। व्यंग्य मा न्याय अर आलोचना एक सिक्का का ही अंग हून्दन।
उपदेश व्यंग्य कु आवश्यक अवयव च किन्तु उपदेश वक्रोक्ति का साथ दिए जांद।
2 / 9/2015 Copyright @ Bhishma Kukreti
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