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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Friday, July 11, 2014

वै चोरौकुण Like कु सूखा पोड़ि जैन।

घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती      
                     
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

धृतराष्ट्र - हे संजय मि कुरुक्षेत्र की लड़ाई का आँखों देखा हाल सुण -सुणिक बोर ह्वे ग्यों।  अब दूरदर्शन जन बार बार एकी खबर तैं हजार दैं ब्रेकिंग न्यूज का नाम पर वही खबर सुणन से बिखळाण पोड़ गे।  कुरुक्षेत्र का नाम सुणिक मी पर बोरियत का किस्वळि  पूड़ जांदन। 
संजय -महाराज अब बोर क्वी नि हूंद।
धृतराष्ट्र -इन क्या ह्वे ग्यायि जु क्वी बोर नि हूंद। 
संजय -सम्राट अब कलियुग मा फेसबुक ऐ गे। अभिव्यक्ति अपण चरम सीमा पाण इ वाळ च। 
धृतराष्ट्र -फेसबुक मा क्वी एक बात बता जै की चाह मा फेसबुक्या मरण -मारणो तयार रौंदन। 
संजय -चक्रवर्ती सम्राट ! फेसबुक मा Like एक इन तत्व च जैक पैथर फेसबुक्या पागल छन हुयां।
धृतराष्ट्र -अच्छा !  जरा कुछ दृश्य त दिखा जांसे पता चौल कि फेसबुक मा Like कु क्या महत्व च। 
संजय -ठीक च महाराज मि द्वी बच्चों की लड़ाई का एक दृश्य दिखान्द 
एक नौनु -मम्मी ! दीदी को झापड़ लगा।  या फेसबुक मे मेरी पोस्टिंग तैं Like नि करणी च। 
मम्मी - ये छोरी किलै भाई तैं रुवाणी छे ? कौर ना भाइक पोस्टिंग तैं Like 
नौनी  -नहीं मम्मी ! अफु त यु म्यार पोस्टिंग तैं Like नि करदु अर मेकुण बुल्दु कि Like कौर !
मम्मी - अरे छोरी ! तू लड़की छे तो त्वै तैं इ त्याग करण पोड़ल। 
नौनी - घी- दूध, फ्रूट जूस मा बि तू भाई दगड़ पक्षपात करदी अर अब फेसबुक मा बि तू भाइक दगड़ पक्षपात करणी छे। 
मम्मी -ज्यादा चकर -पकर नि कौर वु भाई च अर तू नौनी तो त्याग त्वे तैं इ करण पोड़ल। अबि मेर समिण भाइक पोस्टिंग तैं Like कौर ।
नौनी - ठीक च।  हमेशा मी ही  Like करदु । वु मेरी पोस्टिंग तैं Like नि करदु तो तू कबि कुछ नि बुल्दी ।
धृतराष्ट्र -संजय ! नौन्युं दगड यु भेदभाव अबि बि बंद नि ह्वे ?
संजय -नही कुरु गौरव  ! आज बि बेटा ज्यादा महत्वपूर्ण च अर बेटीक क्वी पूछ नी च।
धृतराष्ट्र -अच्छा जरा Like दृश्य कुछ हौर दिखा। 
संजय -जी महाराज।  अब मि सास ब्वारी  वार्ता द्याखो -
सासु  -बिंडी झूट नि बोल हाँ कि तू म्यार बुल्युं इनि माणदि जन कॉंग्रेसी राहुल गांधीक बुल्युं माणदन। 
ब्वारी  - तुमर सौं जु मि झूठ बुलणु हों धौं।  अब इथगा कौरिक बि तुम  सरा गौं मा धै लगाणा रौंदा कि मेरी ब्वारी इन च तन च। 
 सासु -कैक बि ब्वारी अपण सासु दगड़ इन व्यवहार कारली तो हरेक सासु मोरी जाली।  देख सुंदरीक ब्वारी अपण सासुक कथगा ख़याल करदन । 
ब्वारी - खनु ध्यान दींदन  ! सुंदरी ज्योरूक द्वी ब्वारी ऊं ज्योर तैं खुलेआम गाळी दीणा रौंदन।  
सासु -हाँ ! ठीक च द्वी ब्वारी अपण सासु तैं जुत्याणा रौंदन पर फेसबुक मा अपण सासुक हरेक पोस्ट तैं फटफटाक Like त करणा रौंदन कि ना ? अर एक तू छे  …
ब्वारी - क्या कार मीन ?
सासु - कुछ बि ना।  द्वी साल ह्वेगेन अब तक तीन फेसबुक मा मेरी पोस्टिंग तैं एक दैं Like नि कार। 
ब्वारी - अब तुम हमेशा वी पुराना गीत पोस्ट करल्या त कैम च इथगा टैम जु Like बटन दबाल।  
सासु -ह्यां पर दिल रखणो त Like कर सकद छे कि ना ?
ब्वारी -ह्यां   -----
सासु - एक मिनट ! जरा सूण त सै गुंदरी भूलि किलै गाळी दीणी च धौं !
गुंदरी - जा जैन बि म्यार मूळा चुरै ह्वावन , हे ग्विल्ल वैक फेसबुक अकाउंट बंद ह्वे जैन।  जैन म्यार मूळा चुरै ह्वावन हे नर्सिंग ! वै तैं फेसबुक मा Like का अकाळ पोड़ि जैन , वै चोरौकुण Like कु सूखा पोड़ि जैन। 
धृतराष्ट्र - संजय ! यांसे सिद्ध हूंद कि भौतिक साधन , संसाधनो मा कथगा बि बदलाव ऐ जैन मनिखों मूल भावनाओं मा क्वी बदलाव नि आंद। 
संजय - जी चक्रवर्ती सम्राट ! भौतिक साधन परिवर्तनीय छन अर भावना अपरिवर्तनीय ! 

Copyright@  Bhishma Kukreti  11   /7 2014   
    

*लेख में  घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । 




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