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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Friday, July 11, 2014

राहुल गांधी का लोकसभा मा सीण पर राहुल अर दिग्गी बाबू मध्य बातचीत

घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती      
                     
(s =आधी अ  = अ , क , का , की ,  आदि )

दिग्विजय सिंग - राहुल बाबा जी !
राहुल गांधी -हूं हूं   … …
दिग्विजय सिंग -सर जी ! आप लोकसभा मा नि छंवां आप अपण ड्यारम छंवां त अब सीणै आवश्यकता नी च। 
राहुल गांधी -हां उख पता नी किलै बढ़िया निंद आदि  धौं ? मि तैं  सांसदुं घ्याळ लोरी जन लगद। 
दिग्विजय सिंग -बेबी मास्टर ! वी त परेशानी ह्वे गे आप लोकसभा मा सींद पकड़े गेन अर लोकसभा टीवीन बि आप तैं सींद कैमरा मा दिखै दे। 
राहुल गांधी -फायर इमिजीयेटली  दैट ब्लडी कैमरामैन !
दिग्विजय सिंग -सर अब कॉंग्रेस कु राज नी च कि हम लोकसभा टीवी कैमरामैन तैं नौकरी से बर्खास्त कौर दिवां।   
राहुल गांधी -अरे पर पिछ्ला दस सालों से मि लोकसभा मा फकोरिक सीणु रौंद छौ पर कैन मि तैं सींद नि दिखाई। 
दिग्विजय सिंग -युवर एक्सीलेंसी ! तब कॉंग्रेस कु राज छौ अर सीबीआई से लेकि दूरदर्शन का कर्मी हमर सुनहरा पिंजड़ा मा कैदी छा।  
राहुल गांधी -ह्यां पर लोकसभा मा तै टैम पर बहस क्यां पर हूणि छे।
दिग्विजय सिंग -युवराज ! जब आप सीणा छा तब मंहगाई पर बहस हूणि छे। 
राहुल गांधी -ह्यां पर मंहगाई पर बहस किलै हुणि छे ?
दिग्विजय सिंग -युवर मेजेस्टी ! कॉंग्रेस की प्रार्थना पर लोकसभा मा मंहगाई पर बहस हुणि छे। 
राहुल गांधी -तुम कॉंग्रेसी बि ना ! अरे तुम लोगुं तैं पता च कि अच्काल फुटबॉल मैच चलणा छन तो मि सुबेर पांच बजे से पैल से नि सकुद तो मंहगाई पर चर्चा करवाणै जरूरत क्या छे ?
दिग्विजय सिंग -आदरणीय क्राउन प्रिंस ! नरेंद्र मोदी तैं लज्जित करणो बान हमन गरीबी अर मंहगाई पर चर्चा करवाई। 
राहुल गांधी -तो चर्चा से लज्जित कु ह्वाइ ? बेज्जती कैकि ह्वाइ। 
दिग्विजय सिंग -जी ऐज युजवल , कॉंग्रेस ही लज्जित ह्वे अर कॉंग्रेस की ही बेज्जती ह्वे। 
राहुल गांधी -अच्छा या मंहगाई क्या हूंदी ? गरीबी अर मंहगाई कु  असली अनुभव क्या होंद ?
दिग्विजय सिंग -जी ! मि त रजवाड़ा खानदान कु छौं तो मंहगाई कु अनुभव मि तैं नी च। 
राहुल गांधी -तो चिदम्बर जी तैं फोन लगाओ कि मंहगाई क्या हूंद। 
दिग्विजय सिंग -जी , चिदम्बर जी बि सौकार परिवार का छन।  ऊं तैं मंहगाई की परिभाषा तो पता च किन्तु मंहगाई  बिपदा कु अनुभव नी च। 
राहुल गांधी -तो कैप्टेन अमरिंदर सिंग तैं फोन लगाओ।
दिग्विजय सिंग -सर जी ! अमरिंदर सिंग जी तो बड़ा रजवाड़ा खानदान का छन।  हम लोग मंहगाई बढ़ांद छया पर मंहगाई की बिपदा से दूर ही रौंदा छा। 
राहुल गांधी -तो ज्यायोतिर्राज सिंधिया  तैं फोन लगाओ अर आदेश द्यावो कि अबि हम तैं मंहगाई का अनुभव सुणानो इख ऐ जावन। 
दिग्विजय सिंग - हे भारत भाग्य -विधाता ! ज्यायोतिर्राज सिंधिया तैं अमीरी का ऐश का अलावा मंहगाई का कुछ बि अनुभव नी च। 
राहुल गांधी -तो महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पृथ्वी राज चौहाण तैं फोन लगाओ अर ब्वालो  कि मंहगाई का अनुभव सुणावो।
दिग्विजय सिंग -हे कॉंग्रेस नरेश ! पृथ्वी राज चौहाण भूतपूर्व लोकसभा सदस्य का सुपुत्र छन तो ऊं तैं मंहगाई क्या हूंद को अता -पता नी च। 
राहुल गांधी -तो फिर हिमाचल  मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंग तैं फोन लगाओ अर आदेश द्यावो कि मि तैं मंहगाई का दुखड़ा का अनुभव सुणाए 
दिग्विजय सिंग -सर ! वीरबद्र सिंग जी बि रजवाड़ा खानदान का ही छन। 
राहुल गांधी -पर ऊंन त कै ठेकेदार  व्यापारी से  लोन बि ले छौ
दिग्विजय सिंग -जी वु उधार तो ऊनि लोन छौ जन रॉबर्ट बाॅड्रा जीन डीएफएल कम्पनी से ले छौ। 
राहुल गांधी -हैं तो उत्तराखंड का मुख्यमंत्री  हरीश रावत तैं पूछो कि गरीबी मा मंहगाई की मार का अनुभव मि तैं बतावन।
दिग्विजय सिंग -सर रावत जी तैं मंहगाई का अनुभव तो होलु किन्तु मि तैं नि लगद कि गरीबी कु अनुभव होलु। 
राहुल गांधी -तो गरीबी मा मंहगाई की मार का अनुभव कु बतै सकुद ?
दिग्विजय सिंग -सर एकि आदिम च जु गरीबी अर मंहगाई का अनुभव सुणै सकुद। 
राहुल गांधी -ठीक च फोन लगाओ।
दिग्विजय सिंग -राहुल बाबा ! ल्या प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कारो 
राहुल गांधी -हेलो ! नरेंद्र मोदी अंकल ! चूँकि मि तैं गरीबी अर मंहगाई का अनुभव नी च अर यांसे मंहगाई बहस हूंद दैं मि तैं निंद ऐ जांद तो प्लीज गरीबी अर मंहगाई का अपण अनुभव सुणावो ना ! हैं ? क्या ? पर ? क्या ?
दिग्विजय सिंग -क्या ब्वाल नरेंद्र भाईन ?
राहुल गांधी -बुन्ना छा कि जै तैं बिवैं हून्दन वी ही जाणि सकुद कि बिंवैं (पैरों का फटना ) दुःख जाणि सकुद।  दिग्गी अंकल ! ये प्रोवर्ब कु अर्थ क्या हूंद ?
दिग्विजय सिंग -अनुभव की क्वी अभिव्यक्ति नि हूंद बस अनुभव से ही जाणे जै सक्यांद। 
राहुल गांधी -तो मीन गरीबी क अनुभव लीणाइ।  अब्यक अबि गरीबी  का इंतजाम कारो।  
दिग्विजय सिंग -ठीक च। मि  तुम तैं महाराष्ट्र मा यवतमाल  मा गरीबी अनुभव लीणो इंतजाम करदो।  हेलो पृथ्वी राज चौहान जी ! राहुल बाबा तैं गरीबी अनुभव का वास्ता बढ़िया सा इंतजाम यवतमाल मा कारो।  अर द्याखो हाँ इंतजाम फाइव स्टार होटल जन ही हूण चयेंद हाँ !

Copyright@  Bhishma Kukreti  10  /7 2014   
    

*लेख में  घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । 


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