घपरोळया , हंसोड्या , चुनगेर ,चबोड़्या -चखन्यौर्या -भीष्म कुकरेती
(s =आधी अ = अ , क , का , की , आदि )
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अधिकतर रोडवेजौ बस हेरिटेज बस हूंदन याने यी बस रोड लैक ना हेरिटेज म्यूजियम लैक हूंदन कि लोग यूँ बसूं तैं देखिक अपण साहस अर आशावादी गुणों प्रशंसा करि सौकन। यद्यपि राज्य सरकार हर बार घोषणा करदी कि यूँ हेरिटेज बसों तैं अगला द्वी तीन मैना मा रिटायर करे जाल अर पेन्सन पट्टा का ऐवज मा राज्य स्तर कु हेरिटेज म्यूजियम मा धरे जालि किंतु तब तलक जनता अपण प्रदेश मा रिक्शा भाड़ा वृद्धि , दुसर प्रदेश मा बलात्कार वृद्धि , तिसर प्रदेश मा समुद्री तूफ़ान वृद्धि विरुद्ध प्रदर्शन करद करद खेल ही खेल मा आठ दस राज्य सरकारौ बस फूंकी दींदी अर चलण त राइ दूर सड़क मा खड़ नि हूण लैक यूं बसों तैं राज्य सरकार रोड मा दौड़ाणि रौंद। सरकारौ बुलण च जै दिन जनता बस फुकण बंद कौर द्याली पुराणि बसों तैं रिटायरमेंट दिए जाल। यी बस अवश्य ही रिटायरमेंट डेट का हिसाब से बि आउट ऑफ डेटेड छन किन्तु अबि यी अनुभवी बस टायर याने थकद नि छन।
अचकाल जब बि क्वी बुड्या भौतिक संसार से मुक्ति चाँद तो वै बुड्याक बच्चा बुड्या तैं राज्य परिवहन की अनुभवी बसुं मा बैठाळ दींदन अर एक घंटा मा बुड्या का अंजर पंजर ढीला ह्वे जांदन अर बस से उतरिक वो सीधा ड्यार जांद अर फिर एक दिन बाद स्वर्ग धाम पौंचि जांद। स्वर्ग धाम पौंछणो सुगम साधन छन राज्य परिहवन की बस !
अधिकतर राज्य परिहवन की बसों से दुसर वाहनों से टकरैक एक्सीडेंट नि हूंद। कारण साफ़ च रोडवेज की बस जब चल्दन तो वो सरग गगड़ान जन हल्ला करदन अर बकै वाहन चालक चाह कर बि रोडवेजौ बसों पास नि ऐ सकदन। एक दैं चार पांच बृद्धाश्रम जाण लैक अनुभवी परिहवन बस इकछुटिबद्रीनाथ -माणा गौंमा पौंछि गेन अर दुसर दिन चीन का अखबारों मा खबर छप गे कि माणा बॉडर पर भारतीय सेना हजारों पैटन टैंक दौड़ाणी च। वैदिन तत्काल हमर विदेश मंत्री तैं चीन जाण पोड़ अर चीनी विदेश मंत्री तैं समझाण पोड़ कि माणा बॉडर पर हजारों पैटन टैंक नि छया अपितु राज्य सरकार की अति अनुभवी चार पांच बस छया। हरेक परिवहन बस अपण दगड़ धुंवाक व्हिरपूल याने धुंवाक बबंडर लेकि चलणि रौंदि अर यांसे लोगुं तैं खासकर पहाडुं मा पैसेंजरों तैं पता चल जांद कि रोडवेज की बस आस पास ही च। हाँ भौत दैं बरसात मा गलतफहमी अवश्य हूंदी कि यु कुयड़ च कि राज्य परिवहन की बसो धुंवा ?
हमर राज्य की बस वास्तव मा भड़ लोदी रिखोला का अवतार छन अर अपण तागत से अधिक मनुष्य भार उठाणा रौंदन।
भार वहन की शक्ति मामला मा रोडवेज की हरेक बस अल्ट्रा मैक्ज़िमम स्पेस यूटिलाइजेसन या अल्ट्रा स्पेस ऑप्टिमाइजेसन सिद्धांत पर चल्दन। बस की क्वी जगा खाली नि रौंद -क्या बस भितर क्या बस अळग हरेक स्थान पर लोग बैठ्याँ रौंदन। भारत का प्रत्येक निर्माता अपण प्रोडक्सन मैनेजरूँ तैं अल्ट्रा मैक्ज़िमम स्पेस यूटिलाइजेसन प्राप्ति की ट्रेनिंग का वास्ता पहाड़ भिजदन अर यि मैनेजर हमर बसों मा सफर करिक अल्ट्रा मैक्ज़िमम स्पेस यूटिलाइजेसन का व्यवहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करदन।
यी बस नामो बस छन, निथर इंटरनेश्नल ऑटोमोबाइल नियमों हिसाब से यूं बसुं बस मा चलण नि ह्वे सकद ।
यी बस नामो बस छन, निथर इंटरनेश्नल ऑटोमोबाइल नियमों हिसाब से यूं बसुं बस मा चलण नि ह्वे सकद ।
वास्तव मा रोडवेजो बस याने रिटायरमेंट की उमर बीतणो बाद बि नि थकदी डेडली बस छन।
** भोळ -बस का बन बनिक पैसेंजर वृतांत पौढ़ो
** भोळ -बस का बन बनिक पैसेंजर वृतांत पौढ़ो
*लेख में घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं ।
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