उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Sunday, January 29, 2017

श्रीमद भगवद गीता मा व्यंग्य झलक

Satire and its Characteristics, Bhagvad  Geeta व्यंग्य परिभाषा, व्यंग्य  गुण /चरित्र
-
श्रीमद भगवद  गीता मा व्यंग्य झलक 
-

    (व्यंग्य - कला , विज्ञानौ , दर्शन का  मिऴवाक  : (   भाग -21    ) 

                         भीष्म कुकरेती 
-

                   श्रीमद भगवद गीता क्वी धार्मिक पुस्तक नी च अपितु साँख्य योग याने Auto Suggestion की अभ्यास दर्शन च।  इनि अष्टवक्र की महागीता बि स्वयं सम्मोहन  याने  Auto Suggestion दर्शन या अनुभव च।  हिन्दू और मुसलमानों दुयुं तै गलतफहमी च।  हिन्दू -सनातन  धर्म से या कर्मकांडी धर्म से द्वी गीताऊँ कुछ लीण -दीण नी च।  
        साँख्य योग याने Auto Suggestion की अभ्यास दर्शन चजब त गीता मा हौंस -चबोड़ की कम ही गुञ्जैस च।  चूँकि गीता एक मनोविज्ञान की पुटक च तो इखमा मनोविज्ञान का हिसाबन ही वार्तालाप च। 
सबसे पैलो अध्याय मा दुर्योधन बुल्दु बल पांडव सेना महावीर भीम से रक्षित च तो यो अफिक ही एक व्यंग्य च।  युद्ध से पािल क्वी बि सिपाही या रणनीतिकार कै सिपाही या सेनापति तै परमवीर चक्र जन पदवी नि दीन्दो।  किन्तु दुर्योधनन भीम तै जताई कि कुरुक्षेत्र युद्ध भीम द्वारा जिते सक्यांद याने भीम हीरो च।  किन्तु असलियत मा क्या ह्वे ? कुरुक्षेत्र का असली हीरो अर्जुन सिद्ध ह्वे ना कि भीम। 

कृष्ण अधिकतर अर्जुन तै कै ना कै विश्लेषण युक्त नाम से जन कि पार्थ , कुंतीपुत्र , शेरपुरुष , भरतश्रेष्ठ , पाण्डुपुत्र , कौरववंशी , पांडव , आदि नाम से भट्यांदन अर भौत सी जगा मा अर्जुन तै मानसिक रूप से अळग  चढांदन अर फिर अग्वाड़ीs पंकत्युं मा  अर्जुन का अहम पर चोट करिक अर्जुन का मानमर्दन करदन अर यही तो व्यंग्यकार करदो। 
 दुसर अध्यायम एक जगा मा अर्जुन युद्ध नि करणै बात करदो तो कृष्ण अर्जुन पर व्यंग्य करदन बल तेरो शरीर क्षत्रिय को च , तेरो ब्यापार क्षत्रिय को च अर तू पण्डित या बामणु जन छवी लगाणु छै ? या उक्ति व्यंग्य को आछो उदाहरण च।  
स्वामी चिन्मयानन्द जीन बि अपण गीता टीका ( The Bhgvad Geeta अध्याय 4 पृष्ठ 88 -89 ) मा गीता मा व्यंग्य की झलक सिद्ध कार अर ब्वाल कि गीता (चौथा अध्याय श्लोक संख्या 41 आदि ) मा कृष्णन कटु व्यंग्य प्रयोग कारिक अर्जुन तै झपोड़। 
इनि ए. पार्थसारथी अपण भगवद गीता ग्रन्थ (44 वां भाग ) मा सिद्ध करदन बल गीता मा महर्षि व्यासनं ऊँ लोगों (ऋषि , पण्डित ) पर व्यंग्य कर जु सिरफ नाम का वास्ता तपः आदि का प्रयोग करदन या जनूनी ढंग से पूजा पाठ  करदन या धोखा दीणो बान पूजा करदन  

-


29 / 1 /2017 Copyright @ Bhishma Kukreti 

Discussion on Satire  Bhagvad  Geeta; definition of Satire; Verbal Aggression Satire   Bhagvad  Geeta;  Words, forms Irony, Types Satire Bhagvad  Geeta ;  Games of Satire  Bhagvad  Geeta; Theories of Satire Bhagvad  Geeta  Bhagvad  Geeta; Classical Satire Bhagvad  Geeta ; Censoring Satire Bhagvad  Geeta ; Aim of Satire Bhagvad  Geeta; Satire and Culture  Bhagvad  Geeta, Rituals व्यंग्य परिभाषा , व्यंग्य के गुण /चरित्र ; व्यंग्य क्यों।; व्यंग्य  प्रकार ;  व्यंग्य में बिडंबना , व्यंग्य में क्रोध , व्यंग्य  में ऊर्जा ,  व्यंग्य के सिद्धांत , व्यंग्य  हास्य, व्यंग्य कला ; व्यंग्य विचार , व्यंग्य विधा या शैली , व्यंग्य क्या कला है ?   

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments