Kanishka The Kushan King in context History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur
हरिद्वार , बिजनौर , सहारनपुर इतिहास संदर्भ में कनिष्क (78 -101 A . D . )
Ancient History of Haridwar, History Bijnor, Saharanpur History Part - 170
हरिद्वार इतिहास , बिजनौर इतिहास , सहारनपुर इतिहास -आदिकाल से सन 1947 तक-भाग - 170
इतिहास विद्यार्थी ::: भीष्म कुकरेती
कनिष्क के राज्यारोहण के बारे में इतिहासकारों में मतैक्य है
कनिष्क और विम की मुद्राओं में राजा की मुद्राओं में बहुत समीता है। जिससे सिद्ध होता है कि कनिष्क व विम एक ही वंश से संबंधित थे। हाँ उनके परिवार भिन्न थे। कनिष्क कुषाण वंशी राजाओं में सबसे महान राजा माना जाता है और उसकी तुलना चक्रवर्ती राजा अशोक से की जाती है।
कनिष्क के राज्यारोहण के बारे में इतिहासकारों में मतैक्य है
कनिष्क का राज्य विस्तार
कनिष्क का साम्राज्य उत्तर भारत के मध्य देश , उत्तरापथ , अपरांत तीनो क्षेत्रों पर शासन था। उसका साम्राज्य पाटलिपुत्र से , कोंकण , अफगानिस्तान , चीन तक फैला था। कठियावाड़ , सिंध , राजपुाताना व कश्मीर भी कनिष्क के शासित राज्य थे।
कनिष्क का साम्राज्य उत्तर भारत के मध्य देश , उत्तरापथ , अपरांत तीनो क्षेत्रों पर शासन था। उसका साम्राज्य पाटलिपुत्र से , कोंकण , अफगानिस्तान , चीन तक फैला था। कठियावाड़ , सिंध , राजपुाताना व कश्मीर भी कनिष्क के शासित राज्य थे।
कनिष्क के अभिलेखों की तिथियों से ज्ञात कि उसने पूर्व से पश्चिम की ओर राज्य विस्तार किया होगा (पुरी , इण्डिया अंडर कुशाणाज ) -
राज्य वर्ष ------------------------ अभिलेख स्थान
२ ------------------------------ कोसम , जिला अलाहाबाद
३ ------------------------------ ---- सारनाथ , बनारस जिला
४ व आगे --------------------------- मथ ुरा
११---------------------------- ---------सुई विहार , जेद उंड जिला
१८ ------------------------------ ----- माणिकयाल रावलपिंडी जिला
इस तालिका से विदित होता है कि आरम्भ में कनिष्क मथुरा का क्षत्रप था या उसे मथुरा क्षत्रप की सहायता प्राप्त थी।
माट (मथुरा ) में कुषाण राजाओं का देवकुल स्थापित था और उनकी प्रतिमाएं स्थापित की जाती थीं। जब कि राजधानी पुष्पपुर (पेशावर ) थी। मथुरा में देवकुल तभी स्थापित हुआ होगा जब कुषाण वंशी राजाओं का विशेष संबंध मथुरा से रहा होगा।
Copyright@ Bhishma Kukreti Mumbai, India 29/ 4/2016
History of Haridwar, Bijnor, Saharanpur to be continued Part --
हरिद्वार, बिजनौर , सहारनपुर का आदिकाल से सन 1947 तक इतिहास to be continued -भाग -
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