(गढ़वाल,उत्तराखंड,हिमालय से गढ़वाली कविता क्रमगत इतिहास भाग - 177 )
(Critical and Chronological History of Garhwali Poetry, part - 177)
By: Bhishma Kukreti
Hemchandra Uniyal is famous Hindi creative and social activist. Hemchandra wrote a few Garhwali poems mostly idealistic but satirical tone.
HemChandra Uniyal was born in 1949 in Padyar village , Athoor Patti of Tehri Garhwal.
मेरा नौनियाळ हरचि गेन (गढ़वाली कविता )
रचना -- हेमचन्द्र सकलानी
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जब उतरिन
पहाड़ बिटिन
मेरा नौनियाळ
हरचिगिन
शहरूं का मायाजाळ मा
वो विचारा फंसगिन
सब्या कूड़ा खाली छन
गौं क गौं
खंद्वार ह्वैगिन
डांडी -कांठी भी झुम्म दिखेंदिन
अब त हवा बि
मैं से पुछदि
बता सब कख गेन
तुम्हारी खुद मा यख
घुघती -हिलांस -उदास छन
बुरांस काळा और डोखरा
बांजा पड़ गेन
अब त घुमण औंदा
यख देशी -बिदेशी
अपण ही गौं का
परदेशी ह्वैगिन
मेरा नौनियाळ हरचिगिन
(Ref-Angwal,2013)
Copyright@ Bhishma Kukreti, 2017
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