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चबोड़ , चखन्यौ , ककड़ाट ::: भीष्म कुकरेती
म्यार ज्यू बुल्याणु जैन ब्याळी 4 अगस्तौ कुण राहुल गांधी पर ल्वाड़ चुलाइ वैक हथ खुट तोड़ि द्यूँ, पत्थरबाजौ कुल्ली फोड़ी द्यूं, पत्थरबाज तै हुर्रियत नेता गिलानीक मालिश कराणो कश्मीर भेजी द्यों । सच्ची बतौं त ये पत्थरबाज तैं आगरा पागलखाना भिजण चयेंद अर उख सिखाण चयेंद कि कै पर पत्थर चुलाण चयेंद , कै पर पत्थर नि चुलाण चयेंद अर कैपर स्याई फिंकण चयेंद।
गुस्सा त मि तै ऊँपर बि आणु च जौंन बिचारा राहुल गांधी तै काळा झंडा दिखैन , राहुल तैं काळा झंडा दिखाणम ना तो गुजरात कॉंग्रेस अध्यक्ष , ना इ गुजरात भाजपा अध्यक्ष अर ना इ अहमद पटेल तै क्वी ऐतराज ह्वे। सब तैं ऐतराज यांक च बल काळा झंडा हिंदी मा किलै छौ। अहमद पटेल तैं बि ऐतराज तो हिंदी की इबारत को छौ। बिचारो राहुल गांधीन हिंदी त समज नि सकिन बल्कि नन्हा मासूम शिशुन समझ कि बनासकांठा का बाढ़ पीड़ित वैका स्वागत मा अयाँ छन। सौण का काणो तै सब हौर दिखेंद , काळो चश्मा पैरण वळ तै दूध बि काळु दिखेंद अर राजकुमारुं तैं सब लोक स्वागतकर्ता इ लगदन।
बौद्धिक प्रौढ़ों , दिमाग से बैकुं (प्रौढ़ ) अर ज्योतिर्राव सिंधिया पर पत्थर चुलाण , विरोध मा झंडा दिखाण त समज मा आंद पण पालना मा पड्युं बच्चा , खिल्वणि तैं चन्दा ममा समजण वळ अर 150 साल पुराणी भारतीय पार्टी तै अपण जागीर समजण -मनण वळ तै पत्थर चुलाण त राइ , इन मासूम तै थप्प्ड़यांद फोटो , मुक्का दिखाण वळ फोटो अर कॉंग्रेस का हार का कारण बताण गुनाह ही नी च अपितु जघन्य पाप च।
राजनीति , समाज मा व्यक्तिगत स्थान अर टूथ पेस्ट उद्यम मा कोलगेट का मार्केट शेयर सब जगा छवि , धारणा अर इमेज आवश्यक हूंद। पर जब कै मासूम , अबोध जड़बुद्धि वळ तै पता इ नि ह्वावो बल छवि का वास्ता सुडौल प्रतीकों, चिन्हों अर सिंबल्स की ख़ास अहमियत हूंदी तो इन नादान , निर्बुद्ध , बालक पर पत्थर चुलावो , काळा झंडा दिखावो या कुछ बि दिखावो वैकुण अर भैंसौ कुण सबि चीज बराबर इ च।
जब कैक बि छवि धूमिल ह्वे जावो तो फोटो खिंचाणो बान बाढ़ पीड़ा सांत्वना टूर उचित नि हूंद अर जब कि मीडिया बंगलौर मा गुजरात का विधायकों द्वारा बिरयानी भोज , कॉन्टिनेंटल बर्थ डे सेलिब्रेसन अर बार डांस की क्लिपिंग दिखाणा छया। एक तरफ तेल मा लबालब बणदी कछबोळी , घी मा पकदा स्वाळ अर फिर मुंड मा बरजातौ छुपल कै बि हिसाब से भलो हूंद क्या ? बिलकुल बि ना। बिचारो राहुल तो निर्बोध च किन्तु वांसे अधिक मूढ़ , मूर्ख अर बद्तमीज तो वैका सिप्पासल्लागार, चमचा , बड़ी फीस चार्ज करण वळ कंसल्टेंट छन जो समय की नजाकत समज्यां बगैर राहुल गांधी तै हमेशा एक शर्मनाक स्थिति मा डाळी दींदन। इनमा जब राहुल का करतबों से जब शर्मनाक स्थिति पैदा हूणी छन तो आम कॉंग्रेसी नेता इ ना मनमोहन सिंग , मोती लाल बोरा क्या सेक्युलर-ए -आजम दिग्विजय सिंग की बि भाजपा मा सळकणै तीब्र इच्छा नि हूणी ह्वेली क्या ?
जख बनासकांठा या क्वी बि कांठा मा बाढ़ आयीं हो तो कॉंग्रेसी मीडिया तै कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बाढ़ पीड़ितों की जबरदस्त मदद की खबर , न्यूज , फोटो प्रसार करण छौ किन्तु वास्तविक धरातल पर गुजराती कॉंग्रेसी दुःख की घड़ी मा बिरयानी पर पिलच्यां की न्यूज सरा संसार मा रिटणी छे। कर्नाटक का भ्रस्ट मंत्री शिवकुमार का बचाव मा राज्य सभा मा गुलाम नवी आजाद , आनंद शर्मा बमबाट करणा छा अर लोकसभा मा भ्रस्टाचार का बचाव मा कॉंग्रेसी लोक सभा अध्यक्ष पर कागज फेंकणा छया अर संसद ऐडजोर्न कराणा छया जब कि समय की मांग छे कि कॉंग्रेसी द्वी सदनों मा इन घपरोळ मचांदा कि झक मारिक केंद्र अर हर राज्य सरकार बाढ़ जनित पाणि तै रुकणो बान क्वी ठोस योजना बणादी जाँसे बाढ़ का यू पाणि भारत से सद्यनो कुण सूखा हि समाप्त कर दींदो। किन्तु जब कैं राजनैतिक पार्टी का बुरा दिन हूंदन तो वो समाजोन्मुखी कार्य पर संसद मा काम रोको प्रस्ताव नि लांदी अपितु भर्स्ट शिवकुमार तै , राबर्ट बाड्रा तै अर सतपुळी का मुसलमान अपराधी तै बचाणो बान संसद ठप्प करांदी।
तो मेरी राहुल गांधी का विरोध्युं से हथजुड़ै च कि राहुल एक नादान , निरीह , निर्बुद्ध बालक च वैपर पत्थर चुलैक कुछ नि हूण। समजाण इ आयी तो राहुल बाबा का सलाहकारों तै अड़ावो कि भारतीय प्रजातंत्र का वास्ता कॉंग्रेस की अति आवश्यकता च तो इन कार्यक्रम चलावो कि कॉंग्रेस को नाम हो ना कि जगहंसाई।
लौंग लिव कॉंग्रेस ! लौंग लिव भाजपा , नो प्लेस फॉर कम्युनिज्म !
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Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India , 5 /8 / 2017
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल हौंस , हौंसारथ , खिकताट , व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
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