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Monday, November 23, 2015

भुंदरा बौ का बैंक मैनेजरs दगड़ वार्तालाप

Very Short Garhwali Stories
            भुंदरा बौ का बैंक मैनेजरs  दगड़ वार्तालाप 

(  गढ़वाली लघुकथा श्रृंखला -4 , Garhwali Very Short Stories -4  ) 
                         कथा रूपांतर   -- भीष्म कुकरेती
 भुंदरा बौन डा बलबीर सिंह, सत्यप्रसाद बड़थ्वाल अर काला  जीक सलाह मानिक गांवका उजाड़ पड्यां पुंगड़ों मा दाळ की खेती करणो स्वाच। सरा गांवक पुंगड़ों वास्ता दाळ का बीज त ना पर पुंगड़ सुधारणो वास्ता एक लाख रुपया की जरूरत छै।  ग्राम प्रधान की सलाह पर भुंदरा बौ सिलोगीम स्टेट बैंक मैनेजरम कर्ज लीणो गे।  बैंक मैनेजरन फॉर्म भरणो दे।  फौरम देखिक बैंक मैनेजरन पूछ - जामिन का वास्ता क्या च ? कोलेटरल डिपॉजिट ?
भुंदरा बौ - जामिन मतलब ?
बैंक मैनेजर - मतलब भैंस , गौड़ी अर मकान आदि छैं च ?
भुंदरा बौ -हाँ सब कुछ च। 
बैंक मैनेजर - ठीक च यूँ तैं जामिन का रूप मा एक तरह से बैंक मा गिरवी धरण पोड़ल। 
भुंदरा बौन जामिन मा भैंस , गौड़ी अर मकान गिरवी (कोलेटरल डिपॉजिट ) धौर अर कर्जा मील गे। 
भगवान की कृपा से बरखा बि अच्छी ह्वे अर दाळ की खूब उपज ह्वे। 
भुंदरा बौ तै तीन लाखक फायदा ह्वे। 
भुंदरा बौ एक लाख लौटाणो बैंक गे। 
मैनेजरन पूछ - ये भुंदरा बौ तौं द्वी लाख तू बैंक मा सेविंग या फिक्स्ड अकाउंट मा धर दे। 
भुंदरा बौ - हाँ ठीक च 
बैंक मैनेजर - ठीक च तू एक फॉरम भौर अर पैसा जमा कर दे। 
भुंदरा बौ - बैंक जामिन /कोलेटरल का वास्ता क्या द्यालो ? मतलब क्या चीज गिरवी राखल ? 


20/11 /2015 Copyright @ Bhishma Kukreti 


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