Very Short Garhwali Stories
जब भुंदरा बौ तै जबाब दीण भारी पोड़
( गढ़वाली लघुकथा श्रृंखला -3 , Garhwali Very Short Stories -3 )
कथा अनुवाद -- भीष्म कुकरेती
तबाकि छ्वीं छन जब भुंदरा बौ ड्याराडूण रौंदि छे।
एक दैं भुंदरा बौ पलटन बजार से एक तोता ( कळु ) खरीदिक लायी।
तोता कुछ दिन तक तो ठीक व्यवहार करणु रै पर कुछ दिन उपरांत तोता का व्यवहार बिलकुल उल्टो ह्वे गे। भुंदरा बौ कुछ बि ब्वालो तोता गाळी दीण लग जावो। भुंदरा बौन तोता कथगा समझाई पर तोतान गाळी दीण बंद नि कार।
एक दिन तो हद्द ही ह्वे गे। तोतान भुंदरा बौका ब्वे -बाब तैं गाळी दीण शुरू कर देन।
भुंदरा बौ तै जब गाळी असह्य ह्वे गेन त भुंदरा बौन गुस्सा मा तोता तै फ्रिज पुटुक बंद कर दे।
कुछ समय बाद भुंदरा बौ तैं लग कि तोता कखि मोरि गे तो ?
फटाक से भुंदरा बौन तोता फ्रिज से भैर गांड।
तोता ठंडन अकड़ी गे छौ।
कुछ समय बाद तोता तै होश आई अर वैन अपण गलती मान अर सौं घटिन कि आज का बाद वु कबि गाळी गलौज नि कारल। अर हमेशा शांत रालो।
अब ख़ुशी ख़ुशी भुंदरा बौन तोता पिंजरा मा धौर।
जनि भुंदरा बौ वापस अपण जगा मा जाणि वाळ छे तोतान पूछ , "ये भुंदरा बौ ! ये भुंदरा बौ !इन बतादि मुर्गान इथगा बड़ी क्या गलती कौर छै ?"
(आप ही बतावो भुंदरा बौक क्या जबाब रै होलु ?)
19/11 /2015 Copyright @ Bhishma Kukreti
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