Very Short Garhwali Stories ; Modern Folk Stories
गुंदुरु -सुंदरु द्वारा 42 नंबर बस की चोरी
( गढ़वाली लघुकथा श्रृंखला -9 , Garhwali Very Short Stories -9)
आइरिसी कथा रूपांतर -- भीष्म कुकरेती
आइरिसी कथा रूपांतर -- भीष्म कुकरेती
रात द्वी बजी होटलक बैरोंन धुत्त गुंदुरु -सुंदरु तैं लतेक होटल से भैर कार। दारुक नशा भौत छौ। भौत देर तक ना रिक्शा ना टैक्सी अर ना क्वी बस दिखे।
इनमा गुंदुरु तैं बस डिपो दिखे।
गुंदुरु - ये सुंदरु ! जा तू बस चोरी करिक ला अर मि इखम गेट पर चौकसी करदु।
सुंदरु डिपो भितर गे अर बीस मिनट तक भैर इ नि ऐ।
गुंदुरु सुंदरु तै दिखणो डिपो भितर ग्याई त क्या दिखुद कि सुंदरु एक एक बसक समिण जैक ध्यान से बोर्ड पढ़णो कोशिस करणु छौ।
गुंदुरु - अरे क्या करणु छै रे ?
सुंदरु - अरे 25 नंबरै बस इ नि मि
लणी च ज्वा हम तैं पुट हमर द्वार पर छोड़ी द्याली।
गुंदुरु - नै नै 25 नंबरै बस रिंग रोड ह्वेक जांदी अर देर लगान्दि। तू इन कौर 42 नंबरै बस चोरी कौर ज्वा बस सीधा हमर मुहल्ला जांदी।
1912 /2015 Bhishma Kukreti
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