मेरे प्रेरणासोत्र , प्रिय व्यंग्यकार , आदरणीय चबोड्या -2
-
आत्मकथ्य : भीष्म कुकरेती
-
ड्यारादूण याने उत्तराखंडै शिक्षा राजधानी। तब बि आज बि। ड्यारादूण मा मि लक्ष्मण विद्यालयम भर्ती हूँ। नौउम भर्ती हूणो मतलब गंवड्या संस्कृति छोड़िक शहरी संस्कृति अपणाण। पण लक्ष्मण विद्यालय मा गंगासलाण (ढांगू , उदयपुर , लंगूर , डबरालस्यूं ) गंगा छालाs टिहरी वळु तादाद बिंडी छै तो बिंडी फर्क नि पोड़। विद्यालय मा मास्टर लोक बि गंगासलाण का इ जादा छा तो ड्यारादूणम बि अर्ध्ग्रामेश्वरौ छंद छौ.
छात्रावास मा बि अधिसंख्य छात्र गंगासलाणी छया। छात्रावास क्या छौ ? ड्यारादूण से भैर जंगळ का ही पास अर भौत सा कमरों मा खिड़की बि ना। हम सब छात्र पढ़णो अयाँ छा तो हम तै कुछ खराब बि नि लगद छौ कि बगैर बिजली का बि हॉस्टल हूंद। फीस द्वी रुप्या छौ पर छात्र फीस दीणो जगा नई पिक्चर दिखण पसंद करदा छा।
छात्रावास मा सब पढ़णो अर IAS ओफिसर बणणो अयाँ छा तो अध्ययन करणो भरपूर माहौल छौ। प्रिंसिपल साब उदयपुर बणवस का छा अर गरीब घर का छा वो इ हॉस्टल इंचार्ज बि छा अर कड़क छा व छात्रावास का छात्रों की पढ़ाई का तरफ ध्यान दींदा छ तो पढ़ाई को माहौल म कमी नि छै।
मि धर्मयुग अर साप्ताहिक हिंदुस्तान पढ़ण लग गे छौ अर हास्य -व्यंग्य मेरो प्रिय विषय छौ। म्यार दगड़ खंडक सत्य प्रसाद बड़थ्वाल जी छा अर वो बी पढ़ाकू ही छया। वो मि तै पलटन बजारम आर्य समाज पुस्तकालय लीगेन अर BSc तक म्यार संबंध आर्य समाज लाइब्रेरी से राइ। कबि कबि खुशीराम लाइब्रेरी बि जांद थौ। मि तै जासूसी उपन्यास पढ़णो चस्का लगी गे त हास्य व्यंग्य पत्रिका से बि लगाव ह्वे गे। B. SC मा मि दीवाना तेज का हर अंक ख़रीददो छौ अर मि बि सुपिन दिखुद छौ कि म्यार बि व्यंग्य चित्र प्रकाशित हूणा छन किन्तु आर्ट अर भीष्म कुकरेती एक दुसरा धुर विरोधी छन तो रिखड़ा कैन खिंचण छौ ? त सुपिन सुपिन ही रैन। दीवाना तेज मा हिमाचल का विनोद नेगी का व्यंग्य चित्र पसंद आंद छा। प्राण का कार्टून बि पसंद आंद छा अर आज बि।
विनोद नेगी का कार्टून पसंद आणो पैंथर खास कारण छौ कि कार्टून का चित्र अर भाषा मा कला कम raw नेस याने अजीब फूहड़पन छौ। प्राण का कार्टूनों मा स्फोस्टीकेसन हुन्द छौ तो विनोद नेगी का कार्टूनों मा फूहड़पन। दीवाना तेज Mad मैगजीन की तर्ज पर की पत्रिका छै। इखमा फिल्मों , पंचतंत्र आदि की पैरोडी मि तै आकर्षित करदी छै। फूहड़पन छौ किन्तु मजेदार। शायद मीन विनोद नेगी कुण चिठ्ठी बि भेजी छौ किंतु जबाब नि ऐ। नेगी का कार्टून मा एक अजीब ग्राम्यता महसूस हूंद छौ मै तैं। पता नि किलै ? नेगी का कार्टून मा मुख पर अधिक ध्यान हूंद छा अर प्राण या आर के लक्ष्मण या अन्य प्रसिद्ध कार्टूनकारों तरां शरीर व मुख का मध्य सटीक परपोर्सिनेट संबंध नि हूंद छौ शयद या ही नेगी की खसियत छै। नेगी का मजेदार कार्टून अब क्खी नि मिलणा छन
बकै फिर ..3 सरी फाड़ी मा
Thanking You .
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments