धुरपाली कु द्वार सी
बस्गल्या नयार सी
देखणी छीन बाटू आँखी
कन्नी उल्लेरय्या जग्वाल सी
छौं डबराणू चकोर सी
छौं बोल्याणु सर्ग सी
त्वे देखि मनं तपणु च घाम छूछा
हिवालां का धामं सी
काजोल पाणी मा माछी सी
खुदेड चोली जण फफराणि सी
जिकुड़ी खुदैन्द खुद मा तेरी लाटा
घुर घुर जण घुघूती घुरयान्दी सी
देखणी छीन बाटू आँखी
कन्नी उल्लेरय्या "जग्वाल" सी
कन्नी उल्लेरय्या "जग्वाल" सी
कन्नी उल्लेरय्या "जग्वाल" सी
बस्गल्या नयार सी
देखणी छीन बाटू आँखी
कन्नी उल्लेरय्या जग्वाल सी
छौं डबराणू चकोर सी
छौं बोल्याणु सर्ग सी
त्वे देखि मनं तपणु च घाम छूछा
हिवालां का धामं सी
काजोल पाणी मा माछी सी
खुदेड चोली जण फफराणि सी
जिकुड़ी खुदैन्द खुद मा तेरी लाटा
घुर घुर जण घुघूती घुरयान्दी सी
देखणी छीन बाटू आँखी
कन्नी उल्लेरय्या "जग्वाल" सी
कन्नी उल्लेरय्या "जग्वाल" सी
कन्नी उल्लेरय्या "जग्वाल" सी
रचनाकार: गीतेश सिंह नेगी (सिंगापूर प्रवास से )
अस्थाई निवास: मुंबई /सहारनपुर
मूल निवासी: ग्राम महर गावं मल्ला ,पट्टी कोलागाड
पोस्ट-तिलखोली,पौड़ी गढ़वाल ,उत्तराखंड
स्रोत : म्यारा ब्लॉग " हिमालय की गोद से " एवं "पहाड़ी फोरम " मा पूर्व - प्रकाशित
( http://geeteshnegi.blogspot.com & http://www.pahariforum.net/forum/index.php/topic,122.0.html)
अस्थाई निवास: मुंबई /सहारनपुर
मूल निवासी: ग्राम महर गावं मल्ला ,पट्टी कोलागाड
पोस्ट-तिलखोली,पौड़ी गढ़वाल ,उत्तराखंड
स्रोत : म्यारा ब्लॉग " हिमालय की गोद से " एवं "पहाड़ी फोरम " मा पूर्व - प्रकाशित
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जिकुड़ी खुदैन्द खुद मा तेरी लाटा
ReplyDeleteघुर घुर जण घुघूती घुरयान्दी सी
बहुत ही सुन्दर भाव ची या माँ...खुद लगी गई ...:)))
कृपया comment कू word verification हटा द्याला कमेन्ट लिखाण माँ दिक्कत हुन्दी..सादर !!!
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