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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Wednesday, February 4, 2009

पहाड़ी व्यंजनों की छटा - शालिनी जोशी.

पहाड़ी व्यंजनों की छटा



स्वांटे के पकौड़े-उत्तर भारत में लोबिया के नाम से पहचानी जानेवाली स्वांटे की दाल के इन पकौड़ों को तिल चिपका कर बनाया जाता है. सर्दियों में बनाए जानेवाले इन पकौड़ों की तासीर गर्म होती है.


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काली रोटी-मान्यता है कि रोटी उजली और मुलायम अच्छी होती है लेकिन ये है मंडुवे से बनी काली और खुरदुरी रोटी. स्वाद में बीस ही होगी उन्नीस नहीं. पहाड़ में उपजाया जानेवाला मंडुवा मोटा अनाज है. लो कैलोरी और मधुमेह नाशक गुणों के कारण इसकी काफी पूछ है..

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झंगोरे की खीर-खसखस जैसा दिखनेवाला झंगोरा पहाड़ी अनाज है. पहाड़ी गाय के दूध में पकाई गई इस खीर को मेहमानों के सम्मान में जरूर पेश किया जाता है. पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जब अपने ग्रीष्मकालीन प्रवास पर नैनीताल आते तो उनका ये पसंदीदा व्यंजन होता था.

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चटपटा पिंडालू-पिंडालू यहां की स्थानीय सब्जी है. पिंडालू में फ़ाइबर कंटेंट यानी रेशे की मात्रा ज्यादा होने की वजह से इसे आंतों के लिये उपयेगी मानी जाती है.

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गउथ का सूप-ये पहाड़ी सूप है. गउथ एक तरह की दाल है. धीमी-धीमी आंच में घंटों पकाकर तैयार किया जानेवाला ये सूप पथरी के रोगियों के लिये रामबाण बताया जाता है. बर्फ़ गिरने के साथ ही पहाड़ी घरों में गउथ के सूप का पतीला चूल्हे पर चढ़ जाता है.

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चटनी-भांग के बीजों की हरी चटनी,भट् और माल्टा की चटनी के बिना पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद अधूरा है.

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परंपरागत पहाड़ी नाश्ता-राजमा, स्वाले-यानी सोयाबीन के भरे परांठे, उड़द के बड़े और मठ्ठे की मंझोली. सरकारी गेस्ट हाउस हों या बड़े होटल-सैलानियों के लिये ये पहाड़ी थाली हर जगह परोसी जा रही है.

5 comments:

  1. wiill you please send me the recepie of pnajiri made on janmashtmi at haldwani and kumauni region

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  2. SACHMUCH BAHUT HI SWADISHT PAKWAN

    चटपटा पिंडालू-पिंडालू यहां की स्थानीय सब्जी है. पिंडालू में फ़ाइबर कंटेंट यानी रेशे की मात्रा ज्यादा होने की वजह से इसे आंतों के लिये उपयेगी मानी जाती है

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  3. गउथ का सूप-ये पहाड़ी सूप है. गउथ एक तरह की दाल है. धीमी-धीमी आंच में घंटों पकाकर तैयार किया जानेवाला ये सूप पथरी के रोगियों के लिये रामबाण बताया जाता है.

    regards

    ASHOK BALUNI

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