उत्तराखंडी ई-पत्रिका की गतिविधियाँ ई-मेल पर

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

उत्तराखंडी ई-पत्रिका

Saturday, June 9, 2018

उत्तराखंड में पारम्परिक अभ्यंग /मालिश चिकित्सा

उत्तराखंड में पारम्परिक अभ्यंग /मालिश  चिकित्सा 
    
 Massage Therapy in Uttarakhand (History Aspects) 

( ब्रिटिश युग में उत्तराखंड मेडिकल टूरिज्म- ) 89
  -
उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म विकास विपणन (पर्यटन इतिहास )  89
-
  Medical Tourism Development in Uttarakhand  (Tourism History  )  -  89            
(Tourism and Hospitality Marketing Management in  Garhwal, Kumaon and Haridwar series--192)       उत्तराखंड में पर्यटन  आतिथ्य विपणन प्रबंधन -भाग -192

    लेखक : भीष्म कुकरेती  (विपणन  बिक्री प्रबंधन विशेषज्ञ )

  
  मालिश  प्रयोग मानव सभ्यता में बहुत प्राचीन युग से होता आया है।  मिश्र में प्रागैतिहासिक अवशेषों में मालिश चिकित्सा के 2500 BCE  के अवशेष मिले हैं। चीन में भी मालिश चिकित्सा प्रयोग का उल्लेख 2700  वर्ष पुरानी  पुस्तक 'आंतरिक या वैकल्पिक चिकत्सा /औषधि ' (1949 में अंग्रेजी में प्रकाशित ) मिलता है। किन्तु मालिश से वैज्ञानिक  ढंग से चिकित्सा प्रयोग का श्रेय हिन्दुओं के आयुर्वेद को ही जाता है मालिश चिकित्सा में इसे अभ्यंग  कहते हैं चरक संहिता में सर्वांग अभ्यंग  का उल्लेख हुआ है। वाग्भट्ट के अष्टांग हृदयम  में उल्लेख है कि यदि सर्वांग अभ्यंग  संभव न हो तो सिर  व पैरों की मालिश करनी चाहिए। भारत से ही अभ्यंग चिकित्सा मिश्र व चीन में प्रचलित हुयी। 
    उत्तराखंड में मालिश चिकत्सा हर गाँव में प्रचलित थी और आज भी मालिश चिकित्सा प्रचलित है - मालिश बिना किसी द्रव या द्रव (घी , सरसों , टिल के तेल व औषधि ) की सहायता  से की जाती है या द्रव की सहायता से की जाती है। 
   थकावट शान्ति हेतु सर्वांग अभ्यंग या मालिश चिकित्सा - थकावट या अन्य दुःख में सर्वांग या पुरे वदन की मालिश की जाती है। 
   शिरो अभ्यंग अथवा सर मालिश - सरदर्द या अन्य स्थिति में सर की तेल मालिश या शुष्क की जाती है।  
  पाद अभ्यंग अथवा पैर मालिश - अति ठंड लगने या बेहोशी की स्थिति में पाद अभ्यंग साधारण बात है। 
 मर्मांग अभ्यंग अथवा अंगों की मालिश - गम चोट या चोट लगने की स्थिति में विशेष अंग की मालिश की जाती है। 
वात विरोशी अभ्यंग /मातृ अभ्यंग - नई माओं की सर्वांग मालिश की जाती है. कम से कम छह महीनों तक नवी माओं की मालिश की जाती है। 
नवजात या शिशु बाल अभ्यंग या नवजात शिशु मालिश - नवजात शिशुओं की लगातार नौ दस महीनों तक या अधिक काल तक मालिश तो हर घर में प्रचलित है। 
  हस्त घर्षण अभ्यंग अथवा हाथ रगड़ना - अति ठंड, शरीर अंग सुन्न पड़ने या अन्य दर्द में हाथों को रगड़ा जाता है। 
  मुख घर्षण , मुंह की मालिश भी विशेष स्थितियों में की जाती है। 
  अंग मर्दन , , अंग विशेष उमेठन या कान -नाक उमेठना - बहुत सी परिस्थितियों में नाक , कान या विशेष अंग को उमेठा जाता है। 
    अंग दबाब - बहुत सी स्थितियों में अंगों को दबाया जाता है जैसे अँगुलियों को खींचना या तड़काना। 
     कुरचना या दबाना - कईयों को जब खाई बाण होती है तो बच्चों की सहायता से पैरों से शरीर , पैर दबाना (कुरचना )या हाथों से शरीर  पटकाया /दबाया जाता है। 
   मोच , नस चढ़ने या लछम्वड़ होने पर मालिश की जाती है। 
  लकवा या अन्य स्थिति में मालिश चिकित्सा प्राचीन काल से चली आ रही है। 
  उदर अभ्यंग - पेट में मरोड़ या नाळ पड़ने की स्थिति में उदर अभ्यंग किया जाता है।  
 हड्डियों की मालिश या अँगुलियों से  ठक टाना भी आम चिकित्सा प्रचलित है। 
 चिकुटी काटना या चुनगी देना भी  का अभ्यंग का अंग माना जा सकता है।  आँखों की मालिश भी एक चिकित्सा ही है 
  

       पर्यटकों हेतु अभ्यंग चिकत्सा 
    उत्तराखंड में पर्यटकों हेतु उपरोक्त सभी अभ्यंग चिकित्सा सुलभ होती थीं।


Copyright @ Bhishma Kukreti  16 /4 //2018

1 -भीष्म कुकरेती, 2006  -2007  , उत्तरांचल में  पर्यटन विपणन परिकल्पना शैलवाणी (150  अंकों में ) कोटद्वार गढ़वाल
2 - भीष्म कुकरेती , 2013 उत्तराखंड में पर्यटन व आतिथ्य विपणन प्रबंधन , इंटरनेट श्रृंखला जारी 
3 - शिव प्रसाद डबराल , उत्तराखंड का इतिहास  part -6
-
 
  
  Massage therapy &Medical Tourism History  Uttarakhand, India , South Asia;  Massage therapy &  Medical Tourism History of Pauri Garhwal, Uttarakhand, India , South Asia;    Massage therapy &Medical Tourism History  Chamoli Garhwal, Uttarakhand, India , South Asia;  Massage therapy &  Medical Tourism History  Rudraprayag Garhwal, Uttarakhand, India , South Asia; Massage therapy & Medical   Tourism History Tehri Garhwal , Uttarakhand, India , South Asia;  Massage therapy &  Medical Tourism History Uttarkashi,  Uttarakhand, India , South Asia;   Massage therapy & MedicalTourism History  Dehradun,  Uttarakhand, India , South Asia;  Massage therapy &  Medical Tourism History  Haridwar , Uttarakhand, India , South Asia;    Massage therapy & Medical Tourism History Udham Singh Nagar Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia; Massage therapy &  Medical Tourism History  Nainital Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia; Massage therapy &  Medical Tourism History Almora, Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia;  Massage therapy &  Medical Tourism History Champawat Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia;  Massage therapy &  Medical Tourism History  Pithoragarh Kumaon, Uttarakhand, India , South Asia;

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments