Best Harmless Garhwali Literature Humor , Jokes on returning Literature Awards ; Garhwali Literature Comedy Skits on returning Literature Awards , Jokes ; Garhwali Literature Satire on returning Literature Awards, Jokes ; Garhwali Wit Literature , Jokes on returning Literature Awards; Garhwali Sarcasm Literature , Jokes on returning Literature Awards; Garhwali Skits Literature , Jokes; Garhwali Vyangya on returning Literature Awards , Jokes on returning Literature Awards ; Garhwali Hasya on returning Literature Awards, Jokes on returning Literature Awards ; साहित्यिक सम्मान लौटाने पर गढ़वाली हास्य on returning Literature Awards, साहित्यिक सम्मान लौटाने पर व्यंग्यon returning Literature Awards, साहित्यिक सम्मान लौटाने पर गढ़वाली जोक्सon returning Literature Awards
मंगलेश डबराल की तरह मै भी अपना साहित्यिक सम्मान लौटा दूंगा
-
चबोड़ , चखन्यौ , चचराट ::: भीष्म कुकरेती
-भुंदरा बौ -हैलो .... हैलो
मि -हैलो हे बौ , हे बौ , भुंदरा बौ !
भुंदरा बौ -हैलो। चलो अब सुण्याणु च। अज्काल क्या करणु छे तू ?
मि -कुछ ना। बस अचकाल न्यूज दिखणु रौंद कि कु साहित्यकार अपण सम्मान लौटान्दो धौं ?
भुंदरा बौ -अरे सूण तू अपण साहित्यिक सम्मान किलै नि लौटै दींदो ?
मि -वां से क्या ह्वालो ?
भुंदरा बौ -अरे सुबेर बिटेन स्याम तक त्यार नाम टीवी चैनलों मा आणु राल अर क्या। जथगा नाम त्यार साहित्य रचण से नि ह्वे उथ्गा ज्यादा तो सम्मान लौटाण से ह्वे जालो।
मि -अच्छा ?
भुंदरा बौ -त्यार सौं सम्मान लौटाण से अधिक नाम हूणु च।
मि -पर …
भुंदरा बौ -पर क्या। लगा लात तै सम्मान पर। अर मुन्नबर राणा तरां सम्मान तै कै बि टीवी चैनेल मा लौटाइक ऐ जा।
मि -मुन्नबर राणा की बात मेरी समज मा नि आई सम्मान द्याई साहित्य अकादमीन अर राणान सम्मान लौटाई एबीपी न्यूज चैनेल तै।
भुंदरा बौ -यी सब साहित्यकार बि नौटंकीबाज छन अर कै ना कै राजनीतिक दल का बंध्या …त्ता छन।
मि -नै नै …
भुंदरा बौ -खैर तू बि अपण सम्मान कै टीवी चैनेल मा जैक वापस करिक ऐ जा।
मि -इच्छा तो मेरी बि हूणि च कि नाम कमाणो बान सम्मान वापस कौर द्यूं
भुंदरा बौ -कनो द्युराण ना बुलणी च ?
मि -वीं तै विश्वास बि नी च कि मि सम्मान लैक साहित्यकार छौं।
भुंदरा बौ -तो बच्चा लोग मना करणा छन ?
मि -नै नै बच्चों तै पड़ीं बि नी च कि गढ़वळि का क्या ह्वालो।
भुंदरा बौ -तो फिर डौर क्यांक च ? लौटा अपणो साहित्यिक सम्मान अर नाम कमा।
मि ब्वाल नी -इच्छा तो मेरी बि च कि साहित्यिक सम्मान लौटैक उधम मचौं , हल्ला करूँ , अपण नाम कमौं।
भुंदरा बौ -अरे सम्मान लौटाणम अड़चन क्या च ?
मि -भौत बड़ी अड़चन च।
भुंदरा बौ -क्या ?
मि -क्या च कि। क्या च कि
भुंदरा बौ -क्या च कि क्या च कि अरे छ क्या च ?
मि -मि तै अबि तक सम्मान नि मील।
भुंदरा बौ -हैं इथगा लिखणो बाद बि सम्मान नि मील ?
मि -हाँ मि अबि तक असम्मानित छौं।
भुंदरा बौ -सच्ची ?
मि -त्यारि सौं मि अबि बि सम्मानहीन छौं।
भुंदरा बौ -मीन तो सूण कि ते से बि कम लिखण वाळु तै उत्तराखंड भाषा संस्थानन सम्मानित कार छौ।
मि -हाँ। पर मि तब बि असम्मानित ही रौं।
भुंदरा बौ -मतलब तब बि तू अपमानित ही ह्वे ?
मि -ना ना अपमानित ना। सैत च भाषा संस्थान मा कमेटी वळु तै गढ़वळि साहित्य का ज्ञान नि रै होलु।
भुंदरा बौ -ए मेरी ब्वै ? जब सरकारी सम्मान ही नी मील तो वापस क्या ख़ाक करिल तू।
मि -वै त समस्या च कि मी बि मंगलेश डबरालौ तरां सरकारी सम्मान लौटाण चांदो किन्तु सम्मान लौटै नि सकुद।
भुंदरा बौ -तो एक काम कौर।
मि -क्या ?
भुंदरा बौ -तू पैल सरकारी सम्मान पाणो इंतजाम कौर।
मि -सरकारी सम्मान पाणो इंतजाम ? इंतजाम ?
भुंदरा बौ -हाँ भाई भतीजाबाद , घूस देकि , पेच लगैक पैल तो तू सरकारी सम्मान पा।
मि -भाई भतीजाबाद , घूस देकि , पेच लगैक सरकारी सम्मान ?
भुंदरा बौ -हाँ अचकाल क्या शिवाजी का टैम पर बि राजाओं की चमचागिरी करिक ही कवियों , चित्रकारों , गायकों तैं राजकीय सम्मान मिल्दो छौ। चमचागिरी , घूस पेच , तोड़ फोड़ ही सम्मान पाणो एक तरीका च। तू पैल राजकीय सम्मान प्राप्त कर।
मि -अर फिर सम्मान लौटाए जाए ?
मि -कुछ ना। बस अचकाल न्यूज दिखणु रौंद कि कु साहित्यकार अपण सम्मान लौटान्दो धौं ?
भुंदरा बौ -अरे सूण तू अपण साहित्यिक सम्मान किलै नि लौटै दींदो ?
मि -वां से क्या ह्वालो ?
भुंदरा बौ -अरे सुबेर बिटेन स्याम तक त्यार नाम टीवी चैनलों मा आणु राल अर क्या। जथगा नाम त्यार साहित्य रचण से नि ह्वे उथ्गा ज्यादा तो सम्मान लौटाण से ह्वे जालो।
मि -अच्छा ?
भुंदरा बौ -त्यार सौं सम्मान लौटाण से अधिक नाम हूणु च।
मि -पर …
भुंदरा बौ -पर क्या। लगा लात तै सम्मान पर। अर मुन्नबर राणा तरां सम्मान तै कै बि टीवी चैनेल मा लौटाइक ऐ जा।
मि -मुन्नबर राणा की बात मेरी समज मा नि आई सम्मान द्याई साहित्य अकादमीन अर राणान सम्मान लौटाई एबीपी न्यूज चैनेल तै।
भुंदरा बौ -यी सब साहित्यकार बि नौटंकीबाज छन अर कै ना कै राजनीतिक दल का बंध्या …त्ता छन।
मि -नै नै …
भुंदरा बौ -खैर तू बि अपण सम्मान कै टीवी चैनेल मा जैक वापस करिक ऐ जा।
मि -इच्छा तो मेरी बि हूणि च कि नाम कमाणो बान सम्मान वापस कौर द्यूं
भुंदरा बौ -कनो द्युराण ना बुलणी च ?
मि -वीं तै विश्वास बि नी च कि मि सम्मान लैक साहित्यकार छौं।
भुंदरा बौ -तो बच्चा लोग मना करणा छन ?
मि -नै नै बच्चों तै पड़ीं बि नी च कि गढ़वळि का क्या ह्वालो।
भुंदरा बौ -तो फिर डौर क्यांक च ? लौटा अपणो साहित्यिक सम्मान अर नाम कमा।
मि ब्वाल नी -इच्छा तो मेरी बि च कि साहित्यिक सम्मान लौटैक उधम मचौं , हल्ला करूँ , अपण नाम कमौं।
भुंदरा बौ -अरे सम्मान लौटाणम अड़चन क्या च ?
मि -भौत बड़ी अड़चन च।
भुंदरा बौ -क्या ?
मि -क्या च कि। क्या च कि
भुंदरा बौ -क्या च कि क्या च कि अरे छ क्या च ?
मि -मि तै अबि तक सम्मान नि मील।
भुंदरा बौ -हैं इथगा लिखणो बाद बि सम्मान नि मील ?
मि -हाँ मि अबि तक असम्मानित छौं।
भुंदरा बौ -सच्ची ?
मि -त्यारि सौं मि अबि बि सम्मानहीन छौं।
भुंदरा बौ -मीन तो सूण कि ते से बि कम लिखण वाळु तै उत्तराखंड भाषा संस्थानन सम्मानित कार छौ।
मि -हाँ। पर मि तब बि असम्मानित ही रौं।
भुंदरा बौ -मतलब तब बि तू अपमानित ही ह्वे ?
मि -ना ना अपमानित ना। सैत च भाषा संस्थान मा कमेटी वळु तै गढ़वळि साहित्य का ज्ञान नि रै होलु।
भुंदरा बौ -ए मेरी ब्वै ? जब सरकारी सम्मान ही नी मील तो वापस क्या ख़ाक करिल तू।
मि -वै त समस्या च कि मी बि मंगलेश डबरालौ तरां सरकारी सम्मान लौटाण चांदो किन्तु सम्मान लौटै नि सकुद।
भुंदरा बौ -तो एक काम कौर।
मि -क्या ?
भुंदरा बौ -तू पैल सरकारी सम्मान पाणो इंतजाम कौर।
मि -सरकारी सम्मान पाणो इंतजाम ? इंतजाम ?
भुंदरा बौ -हाँ भाई भतीजाबाद , घूस देकि , पेच लगैक पैल तो तू सरकारी सम्मान पा।
मि -भाई भतीजाबाद , घूस देकि , पेच लगैक सरकारी सम्मान ?
भुंदरा बौ -हाँ अचकाल क्या शिवाजी का टैम पर बि राजाओं की चमचागिरी करिक ही कवियों , चित्रकारों , गायकों तैं राजकीय सम्मान मिल्दो छौ। चमचागिरी , घूस पेच , तोड़ फोड़ ही सम्मान पाणो एक तरीका च। तू पैल राजकीय सम्मान प्राप्त कर।
मि -अर फिर सम्मान लौटाए जाए ?
भुंदरा बौ - हाँ आजकाल यु ही फैसन च कि सम्मान प्राप्ति का साधन ख्वाजो अर फिर सम्मान लौटाओ ।
22 / 10 /15 ,Copyright@ Bhishma Kukreti , Mumbai India
*लेख की घटनाएँ , स्थान व नाम काल्पनिक हैं । लेख में कथाएँ , चरित्र , स्थान केवल व्यंग्य रचने हेतु उपयोग किये गए हैं।
Best of Garhwali Humor Literature in Garhwali Language , Jokes ; Best of Himalayan Satire in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language Literature ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Ridicule in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Mockery in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Send-up in Garhwali Language Literature ; Best of Disdain in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Hilarity in Garhwali Language Literature , Jokes ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language Literature ; Best of Garhwali Humor in Garhwali Language Literature from Pauri Garhwal , Jokes ; Best of Himalayan Satire Literature in Garhwali Language from Rudraprayag Garhwal ; Best of Uttarakhand Wit in Garhwali Language from Chamoli Garhwal ; Best of North Indian Spoof in Garhwali Language from Tehri Garhwal ; Best of Regional Language Lampoon in Garhwali Language from Uttarkashi Garhwal ; Best of Ridicule in Garhwali Language from Bhabhar Garhwal ; Best of Mockery in Garhwali Language from Lansdowne Garhwal ; Best of Hilarity in Garhwali Language from Kotdwara Garhwal ; Best of Cheerfulness in Garhwali Language from Haridwar ;
Garhwali Vyangya, Jokes ; Garhwali Hasya , Jokes ; Garhwali skits , Jokes ; Garhwali short Skits, Jokes , Garhwali Comedy Skits , Jokes , Humorous Skits in Garhwali , Jokes, Wit Garhwali Skits , Jokes
साहित्यिक सम्मान लौटाने पर गढ़वाली हास्य ,साहित्यिक सम्मान लौटाने पर व्यंग्य ; गढ़वाली हास्य, साहित्यिक सम्मान लौटाने पर जोक्स , साहित्यिक सम्मान लौटाने पर व्यंग्य ; साहित्यिक सम्मान लौटाने पर गढ़वाली हास्य , साहित्यिक सम्मान लौटाने पर जोक्स , व्यंग्य, साहित्यिक सम्मान लौटाने पर गढ़वाली जोक्स ,साहित्यिक सम्मान लौटाने पर उत्तराखंडी जोक्स , साहित्यिक सम्मान लौटाने पर गढ़वाली हास्य मुहावरे ,
साहित्यिक सम्मान लौटाने पर गढ़वाली हास्य ,साहित्यिक सम्मान लौटाने पर व्यंग्य ; गढ़वाली हास्य, साहित्यिक सम्मान लौटाने पर जोक्स , साहित्यिक सम्मान लौटाने पर व्यंग्य ; साहित्यिक सम्मान लौटाने पर गढ़वाली हास्य , साहित्यिक सम्मान लौटाने पर जोक्स , व्यंग्य, साहित्यिक सम्मान लौटाने पर गढ़वाली जोक्स ,साहित्यिक सम्मान लौटाने पर उत्तराखंडी जोक्स , साहित्यिक सम्मान लौटाने पर गढ़वाली हास्य मुहावरे ,
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments