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उत्तराखंडी ई-पत्रिका

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Tuesday, June 22, 2010

गढ़वाल कुमाओं क खाणक संबंधी रिवाज -१ : बंधाण

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गढ़वाल कुमाओं क खाणक संबंधी रिवाज -१ :
बंधाण
Bhishm Kukreti
गढ़वाळ कुमाऊं नेपाल मा एक बडो अद्भुत रिवाज हुन्द जै भोजन संबधी रिवाज मा बामण ऩा बलकण मा जजमान (राजपूत) पुजारी होंद
ये रिवाज कु नाम च बंधाण , बंधाण तब हुन्द जब केकु भैंस बिये जाउ. भैस जब बियान्दी च त द्वी तीन दिन क दूध नि पिए जांद पण
दूध गर्म कौरिक प्युंस ( Paneer जन ) बणान्दन . जब दूध पतल़ो ह्व़े जांद त सौब दूध तैं दही बणाणो कुणि परोठी मा जमाए जांद .
फिर सात एक दिन मा एक दिन पूजै हुन्द जै रिवाज खुणि बंधाण बुल्दन . बंधाण से पैली क्वी बि प्युंस छोड़िक भैंस कु दूध नि पे सकदु
ये दिन खीर, पळयो , झुल्ली ही बणये जांद अर इष्ट मित्रों तैं बुलैक छ्व्टी सी जीमण करे जांद /भोज दिए जांद . हाँ खीर बामण ही बणान्द
ये रिवाज की खासियत या च की बन्धाण की पूजा जजमान कर्दन
खाणक खाण से पैल एक पत्थर मा खिन्न का तिनको की छुटी छुटी खामी क सहायता से या पूजा होंद
पूजा परांत ही खाणक खये जांद अर बंधाण कु बाद ही भैस कु दूध को उपयोग करे जांद

Copyright @ Bhishma Kukreti, Mumbai, India, 2010

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