गढ़वाली व्यंजन
गुंडूळ या पत्युड
भीष्म कुकरेती
गुंडूळ या पत्युड या (गुजराती मा पत्रावेल ) अरबी पिण्डाल़ू कु पत्तों से बणदू
गाँ मा गुंडळ बणाणो तरीका सरल च पण जादातर रात खाणक बनाणो को बाद को ही यू काम होंद
पिंडालूँ का पालू तैं बरीक काटिक दगड़ मा मुन्ग्र्युं (मकई ) आटू , या चून या ग्युं आटू , लूण -मर्च, मैणु मसालों तैं हत्थ्न पाणीक दगड खूब मिलाये जांद . पण इन दिखण पोडदू बल ना तो जादा खुसक/सुखो होऊ ऩा ही जादा पंद्यरू होऊ
फिर ये कट्यू मसाला मिल्युं माल तैं तिमला का लाबों पुटुक बंधे जान्द . फिर लाबु पुटुक मॉल तैं चुलो कु गरम रंगुड पुटुक दबैक रात भर धरे जान्द , मथि अंगार धरे जान्दन
सुबेर मॉल तैं लाबुं से अलग करे जांद अर छुरा से कटे जान्द फिर क़टयून गुंडूळ तैं तेल मा भंगुल का साथ छौंके जांद
अब पक्युं गुंडळ तैं गरमा गर्म नी खाण चएंद किलैकी गर्म मा किन्क्वल़ी लग सक्दन
अब त प्रेस्सर कुकर की सहायता से गुंडूळ बनये जांद
Copyright @ Bhishma Kukreti, Mumbai, India, 2010
No comments:
Post a Comment
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
Thanks for your comments